Categories
आओ कुछ जाने महत्वपूर्ण लेख

सुलभ इंटरनेशनल के सरगना बिंदेश्वरी पाठक के विचारबदलू,* *रंगबदलू, पलटुराम, आयाराम गयाराम संस्कृति की करतूती कहानी*

*राष्ट्र-चिंतन* *बिंदेश्वरी पाठक द्वारा पहले राहुल, सोनिया, मनमोहन अब मोदी की चरणवंदना की पैंतरेबाजी* *विचारहीन लोगों के कार्यक्रमों मे मंत्रियों, राज्यपालों और अधिकारियों के जाने पर लक्ष्मण रेखा खींची जानी चाहिए* *आचार्य श्री विष्णुगुप्त* ================= मेरे हाथ में एक निमंत्रण कार्ड आया। निमंत्रण कार्ड देख कर मैं बहुत ही आश्चर्य में पड़ गया और सोचने […]

Categories
इतिहास के पन्नों से

गांधी ,गांधीवाद और देश की समस्याएं

डॉ राकेश कुमार राणा देश की स्वतंत्रता के 75वें वर्ष में आजादी का अमृत महोत्सव मनाते हुए गांधी के सपनों के भारत की दिशा में हम कितना बढ़े हैं इसका भी मूल्यांकन करना उतना ही समीचीन है जितना संघषों से प्राप्त की गई अपनी इस आजादी का। गांधी की भारत की कल्पना क्या थी? वह […]

Categories
आज का चिंतन संपादकीय

वैदिक संस्कृति की महानता

डॉ0 राकेश कुमार आर्य हम यज्ञादि पर उद्घोष लगाया करते हैं कि-‘प्राणियों में सदभावना हो’ और-‘विश्व का कल्याण हो’-इनका अर्थ तभी सार्थक हो सकता है जब हम अपनी नेक कमाई में से अन्य प्राणियों के लिए भी कुछ निकालें और उसे हमारे पूर्वज वैद्य हम लोगों से कितने सुंदर और उत्तम ढंग से निकलवा लेते […]

Categories
Uncategorised

महान क्रांतिकारी सन्यासी स्वामी श्रद्धानंद जी जिन्होंने मिस्टर गांधी को महात्मा की उपाधि दी उन्हीं के हत्यारे अब्दुल रशीद को महात्मा गांधी ने फांसी से बचाने की कोशिश की* ||

____________________________________________ 1902 में देश के पहली स्वदेशी यूनिवर्सिटी गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय हरिद्वार की स्थापना करने वाले 1920 के दशक में शुद्धि आंदोलन चलाने वाले जिसमें लाखों हिंदू से ईसाई मुसलमान बने ईसाई मुसलमानों को पुनः वैदिक धर्म में दीक्षित किया गया जलियांवाला बाग हत्याकांड के बाद कांग्रेस का राष्ट्रीय अधिवेशन कराने वाले उस की अध्यक्षता […]

Categories
वैदिक संपत्ति

वैदिक सम्पत्ति : गतांक से आगे… वेदों की शाखाएँ

वेदों की शाखाएँ शाकल और बाष्कल शाखाओं के संयुक्त रूप के अतिरिक्त अब ऋग्वेद की कोई दूसरी शाखा नहीं मिलती । कहते हैं कि कलकत्ते की एशियाटिक सोसायटी के पुस्तकालय में ऋग्वेद से सम्बन्ध रखनेवाली शांख्यायनी शाखा मिलती है , पर उसका स्वरूप अस्तव्यस्त है । अस्तव्यस्तता के अतिरिक्त वह शाकल के शिष्यों की प्रवचन […]

Categories
कविता

परमपिता परमात्मा की अनंत कृपा के संदर्भ-

बिखरे मोती तू सौवे वह जागता, चला रहा तेरे सांस । हृदय की धड़कन चला, करता तेरा विकास॥1959॥ संत संनिधि के संदर्भ में- आत्मवेत्ता संत मिले, तो सद् गुण बढ़ जाय। जैसे पारस लोहे को, सोना दे बनाय॥1960॥ मूरख के स्वभाव के संदर्भ में – मूरख निज मन की करे, समझाना बेकार । ज्ञान की […]

Categories
उगता भारत न्यूज़

सुसंस्कृति से ही देव संस्कृति का निर्माण होता है : ललित मोहन शास्त्री

ग्रेनो ( विशेष संवाददाता ) अंसल सोसाइटी में महाशय राजेंद्र सिंह आर्य जी की 111 वी जयंती के अवसर पर आयोजित किए गए अथर्ववेद पारायण यज्ञ में उपस्थित लोगों का मार्गदर्शन करते हुए वैदिक विद्वान ललित मोहन शास्त्री ने कहा कि देवता लोग वही हैं जो इस लोक में रहते हुए भी सत्कर्मों में, सृजनशीन […]

Categories
इतिहास के पन्नों से

जब नेहरू ने ठुकरा दिया था नेताजी सुभाष चंद्र बोस का स्मारक बनाने का प्रस्ताव

नेहरू ने नेताजी का स्मारक बनवाने का प्रस्ताव क्यों ठुकराया था? अखिलेश झा बात साल 1960 की है। दूसरी लोकसभा का शीतकालीन सत्र चल रहा था। 2 दिसंबर 1960 को निचले सदन में एक प्रस्ताव रखा गया कि जापान के रेंकोजी मंदिर से नेताजी सुभाषचन्द्र बोस की अस्थियों को भारत लाया जाए। नेताजी की अस्थियों […]

Categories
देश विदेश

नेपाल के शहीद आर्यवीर शुक्रराज शास्त्री का बलिदान

लेखक :- श्रद्धेय स्वामी ओमानंद सरस्वती पुस्तक :- आर्यसमाज के बलिदान प्रस्तुति :- अमित सिवाहा नेपाल राज्य आर्यराज्य होते हुये भी पौराणिक पाखण्डियों के जाल में फंसा हुआ था । आज तक इसी कारण विजय दशमी के पवित्र पर्व पर हजारों मूक निरपराध भैंसे बकरे आदि प्राणियों की बाल कल्पित मिथ्या पत्थर के देवी देवताओं […]

Categories
कविता

गीता मेरे गीतों में , गीत 60 ( गीता के मूल ७० श्लोकों का काव्यानुवाद) तेरी शक्ति अपरिमित कितनी ?

तेरी शक्ति अपरिमित कितनी ? अर्जुन बोला – हे मधुसूदन ! मैं कैसा देख रहा हूँ रूप ? सारे देव एक साथ में बैठे और नतमस्तक बैठे हैं भूप।। अनेक मुख, उदर और बाहु आदि चारों ओर दिखाई देते। हे विश्वेश्वर ! विश्वरूप !! मुझे तेरे दिव्य रूप दिखाई देते।। ना आदि कहीं ना मध्य […]

Exit mobile version