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इतिहास के पन्नों से

भारत का शानदार गौरवपूर्ण अतीत

जिसने उसे कभी विश्व गुरु बनाया था आज भी उसके पास बहुत सारी ऊर्जा है और भविष्य में भी वह संसार का गुरु बनेगा ऐसी भी अनन्त संभावनाएं हैं। भारत की झोली कभी न तो खाली थी न खाली है और न रहेगी यदि भारत नहीं कटता तो आज 100 करोड़ लोग और हिंदू होते […]

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कृषि जगत

प्राचीन भारत में चावल और चावल की खेती का महत्व

चावल का जिक्र किसी भी बाइबिल में नहीं आता, ईजिप्ट की सभ्यता भी इसका जिक्र नहीं करती। पश्चिम की ओर पहली बार इसे सिकंदर लेकर गया और अरस्तु ने इसका जिक्र “ओरीज़ोन” नाम से किया है। नील की घाटी में तो पहली बार 639 AD के लगभग इसकी खेती का जिक्र मिलता है। ध्यान देने […]

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कृषि जगत

प्राचीन भारत में कृषि खेती : रकेशर यानी ऋषि जो चंद्रेश्वर है !

#ऋषि_पंचमी लोक हमेशा शास्त्र की व्यावहारिक पृष्ठभूमि को धारण करता है। शास्त्र के सत्य लोक से अधिग्रहित होते हैं और कहीं न कहीं उनका व्यावहारिक पक्ष प्रकट रूप होता ही है। पूर्वजों की स्मृति का पर्व ऋषि पंचमी है। अनेक स्थानों पर इस दिन सरोवर या नदी के तट की पवित्र मिट्टी से सप्त ऋषि […]

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महत्वपूर्ण लेख संपादकीय

अपने “कर्तव्य पथ” का निर्धारण करता भारत : उदीयमान भारत अर्थात “उगता भारत”……

डॉ राकेश कुमार आर्य गाजियाबाद। कांग्रेस का जन्म अंग्रेजों के लिए एक सहायक संस्था ( safety valve ) के रूप में किया गया था। यही कारण था कि इस संस्था का जनक एक अंग्रेज अधिकारी ए0ओ0 ह्युम था। इस संस्था ने अपने जन्म से ही अंग्रेजों का कभी तीखा विरोध नहीं किया। इसके नेता पंडित […]

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इतिहास के पन्नों से

इंदिरा गांधी यदि कुछ और समय जिंदा रहती तो भारत हिंदू राष्ट्र बन गया होता ? ——इंजिनीयर श्याम सुन्दर पोद्दार, राष्ट्रीय महामंत्री, अखिल भारत हिन्दु महासभा ——

——————————————— कुछ भी हो कांग्रेस के नेताओं में आज तक जितने भी प्रधानमंत्री बने हैं उनमें सबसे अधिक मजबूत निर्णय लेने वाला यदि कोई प्रधानमंत्री था तो वह इंदिरा गांधी रही है। वह अपनी मजबूती और ठोस निर्णय के लिए इतिहास में जानी जाती हैं। उनके निर्णयों के भीतर अपने पिता के जैसी ढुलमुल नीति […]

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धर्म-अध्यात्म

ऋग्वेद यज्ञ एवं वेदकथा का भव्य आयोजन- ‘जो मनुष्य यज्ञ करता है उसका अगला जन्म मनुष्य का ही होता हैः शैलेशमुनि सत्यार्थी’

ओ३म् ========== देहरादून में श्री प्रेमप्रकाश शर्मा, मंत्री, वैदिक साधन आश्रम तपावेन, देहरादून के निवास 22 दून विहार, जाखन पर ऋग्वेद यज्ञ एवं वेदकथा का आयोजन दिनांक 7-9-2022 से चल रहा है। आज आयोजन के चौथे दिन प्रातः 8.00 बजे से सन्ध्या से आयोजन आरम्भ किया गया। सन्ध्या के बाद आचार्य श्री शैलेशमुनि सत्यार्थी जी […]

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कृषि जगत

भारतीय संस्कृति की महानता : ऋषि या कृषि पंचमी ?

भादौ की पंचमी को ऋषि पंचमी के रूप में मनाया जाता है। मैं अकसर देखता हूं कि इस दिन व्रतार्थी महिलाएं अपने घर के आसपास खड़ी वनस्‍पति को खोजने जाती हैं। सांवा, मलीचि, अपामार्ग, दूर्वा आदि को खोजती है और उखाड़कर ले आती है। घर पर उनको पीले परिधान या धागों में लपेटती हैं और […]

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इतिहास के पन्नों से

नेहरू ने नेताजी का स्मारक बनवाने का प्रस्ताव क्यों ठुकराया था?

लेखक – अखिलेश झा बात साल 1960 की है। दूसरी लोकसभा का शीतकालीन सत्र चल रहा था। 2 दिसंबर 1960 को निचले सदन में एक प्रस्ताव रखा गया कि जापान के रेंकोजी मंदिर से नेताजी सुभाषचन्द्र बोस की अस्थियों को भारत लाया जाए। नेताजी की अस्थियों के लिए दिल्ली के लालकिले का सामने एक भव्य […]

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भारतीय संस्कृति स्वर्णिम इतिहास

भारतीय दर्शन की आज पूरे विश्व को आवश्यकता है

भारत वर्ष 2047 में, लगभग 1000 वर्ष के लम्बे संघर्ष में बाद, परतंत्रता की बेढ़ियां काटने में सफल हुआ है। इस बीच भारत के सनातन हिंदू संस्कृति पर बहुत आघात किए गए और अरब आक्रांताओं एवं अंग्रेजों द्वारा इसे समाप्त करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी गई थी। परंतु, भारतीय जनमानस की हिंदू धर्म […]

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उगता भारत न्यूज़

छः शत्रुओं पर विजय प्राप्त करें – डॉ निष्ठा विद्यालंकार

उपनयन और वेदारम्भ संस्कार मनुष्य को द्विज बनाता है : प्रो. डॉ. व्यास नन्दन शास्त्री वैदिक, बिहार महरौनी (ललितपुर)। महर्षि दयानंद सरस्वती योग संस्थान आर्य समाज महरौनी,जिला ललितपुर के तत्वावधान में विगत दो वर्षों से अनवरत वैदिक धर्म के मर्म को युवा पीढ़ी को परिचित कराने के उद्देश्य से आर्यरत्न शिक्षक लखन लाल आर्य के […]

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