महरौनी (ललितपुर)। महर्षि दयानंद सरस्वती योग संस्थान आर्य समाज महरौनी के तत्वावधान में विगत 2 वर्षों से अनवरत चल रहे आर्यों का महाकुंभ के संयोजक आर्यरत्न शिक्षक लखन लाल आर्य द्वारा आयोजित कार्यक्रम में दिनांक १४सितम्बर ,२०२२ को विश्व हिंदी दिवस के अवसर पर आचार्य अशोकपाल आर्य, प्रवक्ता आर्य महासंघ, ने कहा कि हम सभी […]
Month: September 2022
“वैदिक जीवन जीने का ढंग,” द्विदिवसीय व्याख्यानमाला नन्हे बच्चों ने किया शांति पाठ माता-पिता को जीते जी तृप्त करें महरौनी (ललितपुर) । महर्षि दयानंद सरस्वती योग संस्थान आर्यसमाज महरौनी जिला ललितपुर के तत्वावधान में आर्यरत्न शिक्षक लखन लाल आर्य के संयोजकत्व में आयोजित “वैदिक जीवन जीने का ढंग” विषय पर दिनांक 16 सितंबर 2022 को […]
डॉ. पवन सिंह मलिक दूरदर्शन, इस एक शब्द के साथ न जाने कितने दिलों की धड़कन आज भी धड़कती है। आज भी दूरदर्शन के नाम से न जाने कितनी पुरानी खट्टी-मिट्ठी यादों का पिटारा हमारी आँखों के सामने आ जाता है। दूरदर्शन के आने के बाद न जाने कितनी पीढ़ियों ने इसके क्रमिक विकास को […]
ऋषि राज नागर एडवोकेट किसी भी कर्म के करने का सही दृष्टिकोण होना जरूरी है , और मनुष्य को समाज में प्रगति हेतु उद्यम या रचनात्मक कार्य करने की सही सोच बनानी भी अति आवश्यक है । कर्म शब्द संस्कृत के ‘ कृ ‘ धातु से बना है । जिसके अर्थ हैं ‘ करना ‘ […]
घर पर आसानी से मिल जाने वाली मेथी में इतने सारे गुण है कि आप सोच भी नहीं सकते है। यह सिर्फ एक मसाला नहीं है बल्कि एक ऐसी दवा है जिसमें हर बीमारी को खत्म करने का दम है। आइए आज हम आपको मेथी के पानी के कुछ चमत्कारिक तरीके बताते हैं। *करें ये […]
वैदिक संपत्ति : आदिमकालीन संहिताएं
वैदिक सम्पत्ति गतांक से आगे … संहिता नाम ज्यों के त्यों मंत्रों का है । संहिता का अर्थ करते हुए पाणिनि मुनि अष्टाध्यायी 1/4/106 में कहते ‘ पर : सन्निकर्षः संहिता ‘ अर्थात् ‘ पदान्तान्पदादिभि : सन्दधाति यत्सा ‘ अर्थात् पदों के अन्त को अन्य पदों के आदि के साथ सन्धिनियम से बाँधने का नाम […]
बिखरे मोती द्वेष क्रोध का अचार है, पालै मत मन माहिं। जब तक घट में द्वेष है, भक्ति सफल हो नाहिं॥1916॥ वाणी से आदर करें, नयन बरसे नेंह । ऐसा हृदय होत है, पाक प्रेम का गेह॥1917॥ बैर गिरावै प्रेम बढ़ावै, खुलै हरि का द्वार I मत जीवै तू बैर में , बैर […]
ग्रेनो। ( विशेष संवाददाता) गुरुकुल मुर्शदपुर में चल रहे चतुर्वेद पारायण यज्ञ कार्यक्रम में उपस्थित लोगों का मार्गदर्शन करते हुए सुप्रसिद्ध वैदिक विद्वान आचार्य विद्या देव ने कहा कि भूगोल के बीच में (विश्व में) ऐसा श्रेष्ठ देश कोई नहीं है जिस देश में सब श्रेष्ठ पदार्थ होते हैं, छः ऋतु यथावत् वर्तमान […]
जिस प्रकार संसार में कार्य चलाने के लिये मनुष्यों को सहायकों की आवश्यकता होती है। उसी प्रकार सृष्टि के पालनकर्ता श्रीहरि को भी अपना कार्य करने के लिए सहायकों की आवश्यकता पड़ती है। इसी प्रयोजन से श्रीहरि के भी मुख्य 16 पार्षद यानी सहायक हैं, जिनको समय-समय पर समाज को सार्थक संदेश देने के लिए […]
ब्रह्म क्या, अध्यात्म क्या ? ‘योग – माया’ से मैं ढक रहा, जान सके ना कोय। ‘अज’ – ‘अव्यय’ उस ईश को पहचान सके ना कोय।। मैं उन सब को जानता , जो होकर नहीं रहे आज। जो होंगे उन्हें जानता और जो बने हुए हैं आज।। मेरा ध्यान करते नहीं बस करते रहें उत्पात। […]