बौद्धिक उत्कृष्टता जहां-जहां ‘विभूति’ है जग में और दिखा करती ‘श्री’ कहीं, वह बनकर ‘अंश’ मेरे ‘तेज’ का , मानो जग में चमक रही। मैं अपने तेज के कारण अर्जुन! जगत को धारण किए रहूं, यह सृष्टि -नियम-अनुकूल बात है मानस में मेरे दमक रही।। जो भी सृष्टि में दिख रहा उसे भगवान की विभूति […]
महीना: अगस्त 2022
★ इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में भी बन चुका है यह रिकॉर्ड ★ अभी तक भारत एवं विश्व स्तर पर स्थापित कर चुके हैं 09 रिकॉर्डस ………………………………… सहारनपुर ……………………. दृढ़ इच्छाशक्ति , बुलंद हौसलों और संकल्प शक्ति के बल पर इंसान विपरीत परिस्थितियों में भी असंभव प्रतीत होते परिणामों को पा सकता है।निरंतरता से कर्मपथ […]
🕉️🕉️🕉️🙏✍️🙏🕉️🕉️🕉️। चलिए *हजारो साल* पुराना इतिहास पढ़ते हैं। *सम्राट शांतनु* ने विवाह किया एक *मछवारे की पुत्री सत्यवती* से।उनका बेटा ही राजा बने इसलिए भीष्म ने विवाह न करके,आजीवन संतानहीन रहने की *भीष्म प्रतिज्ञा* की। सत्यवती के बेटे बाद में क्षत्रिय बन गए, जिनके लिए *भीष्म आजीवन अविवाहित रहे, क्या उनका शोषण होता होगा..???* महाभारत […]
हम सभी भली प्रकार जानते हैं कि महात्मा गांधी ने सरदार भगत सिंह और उनके क्रांतिकारी साथियों को फांसी से बचाने का गंभीर प्रयास नहीं किया था । इसका कारण केवल एक था कि वह और उनकी पार्टी कांग्रेस इन क्रांतिकारियों को क्रांतिकारी या स्वाधीनता संग्राम का सेनानी न मानकर आतंकवादी मानती थी अर्थात क्रांतिकारियों […]
* मोदी ने सर्वनाश कर दिया देश के माहौल का ,,,,,,,,* *यह बात तो 100% सही है।* *नेहरू गांधी खानदान और उनके वामपंथी मित्रों ने 70 साल तक इतनी मेहनत करके इस देश के हिंदुओं का दिमाग ठीक किया था, लेकिन मोदी ने पिछले सात-आठ सालों में सारा गुड गोबर कर दिया। करीब डेढ़ सौ […]
पिछले दशक के उत्तरार्ध में भारत में “फैक्ट चेक” करने वाली संस्थाएँ आ गईं, हालाँकि विदेशों के अख़बारों में “फैक्ट चेकर” काफी पहले से अस्तित्व में थे। “लेटर्स टू जूलिएट” की नायिका सोफी पेशे से “फैक्ट चेकर” ही होती है। फिल्म के शुरूआती दृश्य में ही उसे एक प्रसिद्ध पुरानी तस्वीर के वास्तविक या नाटकीय […]
पूर्व-जन्म के संस्कारों से कुछ होता भी है ? ======================= 18 वीं सदी के उतरार्ध में तब के पूर्वी बंगाल के खुलना में एक डॉक्टर हुए, नाम था कृष्णधन घोष. इधर देश भी मैकाले प्रणीत शिक्षा नीति से अभिशप्त था ऊपर से घोष साहेब विलायत से डॉक्टरी पढ़ कर आये थे इसलिये अंग्रेजियत उन के […]
भारत का जब-जब अगस्त का महीना आता है तब तब कई खट्टी मीठी कड़वी यादें लेकर आता है। 1947 में कांग्रेस के कारण हुए देश विभाजन की याद अभी भी कितने ही लोगों के मस्तिष्क में उमड़ घुमड़ कर पैदा होने लगती है। आज भी कई चेहरे हमारे बीच में ऐसे हैं जिन्होंने विभाजन की […]
सार तत्त्व तर्ज :- कह रहा है आसमां कि यह समा ……. धुआं दिखाई दे कहीं तो मान लो वहां आग है। जन मस्ती में गाते दिखें तो मान लो वहां फाग है।। जल को जीवन मानते सब , उसमें रस भगवान हैं। जल के बिन जीवन नहीं ,जीवन का जल आधार है।। नाम वासुदेव […]
बचपन में जो चीज़ें सबसे अनोखी लगती हैं, उनमें से एक होती है परछाई | कभी लम्बी हो जाती है, कभी छोटी हो जाती है | धुप निकले तो होती है, कभी कभी नहीं भी होती है | कई बच्चे अपनी परछाइयों से ही खेलते बड़े होते हैं | परछाई वैज्ञानिक चीज़ है | परछाई […]