मैं हँसु मैया हँसे, मैं रोऊँ माँ रोय। ज़रा कराहुँ दर्द में, रात-रात ना सोय॥1837॥ मैया जीवित है यदि, बूढ़ा भी बच्चा होय। माँ की ताड़ना प्यार है, बेशक गुस्सा होय॥1838॥ माँ के आशीर्वाद से, पूरे हों सब काज। बाल शिवा से बन गए, छत्रपति महाराज॥1839॥ माँ के आंचल में छिपी, षट – सम्पत्ति की […]
महीना: अगस्त 2022
गतांक से आगे …. वेद और ब्राह्मण प्राचीन काल में वेद शब्द बड़े महत्व का समझा जाता था । जिस प्रकार शास्त्र शब्द किसी समय अनेक विषयों के लिए प्रयुक्त होने लगा था और धर्मशास्त्र , ज्योतिषशास्त्र आदि नामों से अनेकों विद्याएँ कही जाती थीं , जिस प्रकार किसी जमाने में सूत्रों का महत्व बढ़ा […]
मौलवियों को १४०० साल लग गए लेकिन ……. उगता भारत ब्यूरो यह सर्व विदित है की मक्खियाँ बीमारी फ़ैलाने का कारण बनती हैं. हैजा तापिदिक जैसी अनेकों बीमारियों को फैलाने में मक्खियाँ सहायक हैं. ये मक्खियाँ इधर उधर फ़ैली हुयी गंदगी पर बैठती हैं और विषैले जीवाणुओं को अपने माध्यम से खाने पीने की चीजों […]
मेवाड़ राज्य का इतिहास उगता भारत ब्यूरो मेवाड़ का गुहिल वंश – मेवाड़ रियासत राजस्थान की सबसे प्राचीन रियासत है, इसे मेदपाट, प्राग्वाट, शिवि जनपद आदि उपनामों से जाना जाता है। मेवाड़ का गुहिल वंशी राजघराना एकलिंगजी (शिव) का उपासक था, इसी कारण मेवाड़ के शासक एकलिंगनाथजी को स्वयं के राजा/ईष्ट देव तथा स्वयं को एकलिंगनाथजी का […]
लोग कहें ले ली आजादी चला चला कर चरखा. आजादी लाने वाले तो सौदा कर गए सर का. उलटे घुटने कर के ये जब चरखा चलाया करते. इक अंगुली के द्वारा तकली खूब घुमाया करते. उसी समय वो शेर सिंघापुर बम बरसाया करते. आजाद हिंद सेना में खून से नाम लिखाया करते. निकले पीछे फेर […]
कांग्रेस लाने वाली थी क्रांतिकारियों के लिए निंदा प्रस्ताव संघ की नीति के अनुसार, डॉ हेडगेवार ने व्यक्तिगत तौर पर अन्य स्वयंसेवकों के साथ इस सत्याग्रह में भाग लेने का निर्णय लिया। और संघ कार्य अविरत चलता रहे इस हेतु उन्होंने सरसंघचालक पद का दायित्व अपने पुराने मित्र डॉ परांजपे को सौंप कर बाबासाहब आप्टे […]
ओ३म् ========== हम वर्तमान में मनुष्य हैं। हम इससे पहले क्या थे और परजन्म में क्या होंगे, हममें से किसी को पता नहीं। यह सुनिश्चित है कि इस जन्म से पूर्व भी हमारा अस्तित्व था और मृत्यु के बाद भी हमारी आत्मा का अस्तित्व रहेगा। हमारी विशेषता है कि हमारे पास अन्य पशु-पक्षियों से भिन्न […]
बंधन मुक्त अवस्था राजनीति का प्रश्न नहीं है आज खड़ा तेरे सम्मुख। उपस्थित हुई आज एक चुनौती मानवता जिससे व्याकुल।। वृहद सांस्कृतिक समस्या अर्जुन ! अब तुझको रही पुकार। इतिहास तुझे कोसेगा निश्चय, यदि नहीं किया स्वीकार।। हुई मानवता है खंड – खंड , अब नव -निर्माण करना होगा। दुर्योधन आदि दुष्टों को , अब […]
अमृत महोत्सव लेखमाला सशस्त्र क्रांति के स्वर्णिम पृष्ठ — भाग-4 – नरेन्द्र सहगल – स्वधर्म और स्वराज के लिए 1857 में हुए देशव्यापी स्वतंत्रता संग्राम के बाद स्वतंत्र भारतीय गणतंत्र की स्थापना के लिए वासुदेव बलवंत फड़के द्वारा की गई सशस्त्र बगावत ने भारतीयों को अंग्रेजी शासकों के विरुद्ध हथियार उठाकर संघर्ष करने की ना […]
कांग्रेस लाने वाली थी क्रांतिकारियों के लिए निंदा प्रस्ताव लगता है पूर्व में की गयी भविष्यवाणियां धीरे-धीरे सत्यापित होने जा रही है, जिसका अनेक बार अपने लेखों में चर्चा करता रहा हूँ। खैर, कांग्रेस, वामपंथियों और इनके समर्थक छद्दम धर्म-निरपेक्षों ने भारत के जिस वास्तविक इतिहास को धूमिल कर अपना ही गुणगान किया जा रहा था। लेकिन […]