एक के बाद एक लगातार हमले कर विदेशी मुस्लिमों ने भारत के उत्तर में अपनी जड़ंे जमा ली थीं। अलाउद्दीन खिलजी ने मलिक काफूर को एक बड़ी सेना देकर दक्षिण भारत जीतने के लिए भेजा। 1306 से 1315 ई. तक इसने दक्षिण में भारी विनाश किया। ऐसी विकट परिस्थिति में हरिहर और बुक्का राय नामक […]
महीना: अगस्त 2022
*राष्ट्र-चिंतन* *आचार्य श्री विष्णुगुप्त* =================== चीन की अपेक्षा ताइवान बहुत ही छोटा और कमजोर देश है। चीन की आबादी जहां एक अरब चालीस करोड़ है वही ताइवान की आबादी दो करोड़ 45 लाख है। चीन का रक्षा बजट ताइवान की रक्षा बजट से करीब 15 गुणा है। ताइवान की अपेक्षा चीन के सैनिकों की संख्या […]
भारत में एक बार नहीं अनेक बार भारत छोड़ो आंदोलन चलाए गए हैं, अंतर केवल इतना है कि देश, काल , परिस्थिति के अनुसार उन आंदोलनों को भारत छोड़ो आंदोलन का नाम नहीं दिया गया। इसके साथ-साथ भारत के छद्म इतिहासकारों ने देश के क्रांतिकारियों के साथ विश्वासघात करते हुए उनके पुरुषार्थ और देशभक्ति को […]
यीशु और बाइबिल में दृढ विश्वास रखने वाली मदर टेरेसा खुद कई बार अपने आँखों एवं दिल का आपरेशन करवाया. हार्ट अटैक के कारण ही 5 सितंबर 1997 के दिन मदर टैरेसा की मृत्यु हुई थी. रोमन कैथोलिक में किसी को सन्त घोषित करना हो तो उसकी पहली शर्तें होती है, उपरोक्त व्यक्ति के नाम […]
मूलनिवासी दिवस या इंडिजिनस पीपल डे एक भारत मे एक नया षड्यंत्र है। सबसे बड़ी बात यह कि इस षड्यंत्र को जिस जनजातीय समाज के विरुद्ध किया जा रहा है, उसी जनजातीय समाज के कांधो पर इसकी शोभायमान पालकी भी चतुराई पूर्वक निकाली जा रही है। वस्तुतः प्रतिवर्ष इस दिन यूरोपियन्स और पोप को आठ […]
किसी भी देश का विचार उसके स्वभाव से परिचित कराता है। अगर किसी देश के पास स्वयं के विचार का आधार नहीं है, तब निश्चित ही वह देश दूसरे के विचारों के अनुसार ही संचालित होगा। कहा जाता है कि कोई देश जब अपना अतीत भूल जाता है, तब वह धीरे-धीरे पतन की ओर कदम […]
~ ~~~~~~~~~~~~~ ईसापूर्व पांचवीं- शताब्दी का भारत कैसा था ? पाणिनि ने उस समय के लोकजीवन पर प्रामाणिक सामग्री अष्टाध्यायी में प्रस्तुत कर दी है । आचार्य वासुदेवशरण अग्रवाल का महत्त्वपूर्ण अनुसंधान-ग्रन्थ है >>पाणिनिकालीन भारतवर्ष ! उस समय के लोकजीवन के व्यवहार , जनपद , पर्वतनाम, नदी ,ग्रामनाम , नगर और वन , उससमय के […]
‘मनु’ नाम को लेकर वामपंथियों ने इतना दुष्प्रचार किया गया है कि लोग मनु नाम सुनते ही लोग नाक भौ सिकोड़ते है .. और तत्काल मनुवादी, कट्टर व पोंगा होने का तमगा दे देते हैं .. जबकि ऐसे लोगों को मनु की परंपरा के बारे में कुछ भी ज्ञात नहीं होता है .. मनुस्मृति और […]
ओ३म् ========= वैदिक साधन आश्रम देहरादून में विगत १ अगस्त, २०२२ से सत्यार्थप्रकाश स्वाध्याय शिविर चल रहा है। आज दिनांक ७-८-२०२२ को शिविर का ७वां दिन था। हम भी आज शिविर की कक्षा में सम्मिलित हुए। शिविर में सत्यार्थप्रकाश का स्वाध्याय आर्य वानप्रस्थ एवं संन्यास आश्रम, ज्वालापुर-हरिद्वार से पधारे आर्य विद्वान श्री महेन्द्र मुनि जी […]
ज्ञान की श्रेष्ठता जीवन सफल हो यज्ञ से हृदय की है पुकार । प्राण यज्ञ से समर्थ हो , मैं कहता बारम्बार ।। अपान समर्थ हो यज्ञ से – यही हृदय की चाह । अपान यज्ञ के अनुकूल हो चले ना उल्टी राह ।। उदान और हों समान भी यज्ञ – भाव से पूर्ण। नेत्र […]