प्रेम ,सेवा और त्याग , मानव जीवन का है राग . माया जनित अज्ञानता के विकारों के कारण हम इस मूल राग को भूल गये हैं . यही दुःख का कारण है . प्रेम अंतःकरण की खामोश चेतना है , जिसकी सर्वोत्तम अभिव्यक्ति मौन है . रवीन्द्रनाथ टैगोर ने यूँ ही थोड़े कहा है कि […]
महीना: अगस्त 2022
_____________________________ अंग्रेजों ने भारत आगमन से ही सांस्कृतिक जहर घोलना शुरू कर दिया राम कृष्ण के वंशज भारत वासियों को आर्य द्रविड़ में बांट दिया कहा कि द्रविड़ आर्यों के भारत में आक्रमण से पूर्व उत्तर भारत में ही निवास करते थे आर्यों ने उन पर हमला कर उन्हें विंध्य के पार समुंद्र तटीय दक्षिण […]
उगता भारत ब्यूरो जी हां ये सच है और ये सिर्फ मैं नहीं कह रहा बल्कि जनवरी 2017 में राहुल गांधी ने भी कही थी, जोकि एकदम सच है। RSS ने 1950 से ले कर 2002 तक तिरंगा नहीं फहराया । 1950 के बाद RSS ने तिरंगा फहराना बंद कर दिया? आज़ादी के बाद संघ […]
9 अगस्त, 1925 को हुआ था ‘काकोरी कांड’। आज ही के दिन क्रांतिकारियों ने सहारनपुर से लखनऊ जा रही एक ट्रेन को काकोरी में रोककर सरकारी खजाना लूट लिया था। इस लूट को अंजाम देने की योजना बनाई थी राम प्रसाद बिस्मिल और अशफाकउल्ला खां ने। क्रांतिकारियों का इरादा था कि लूटे गए खजाने से […]
कर्म योग की श्रेष्ठता गुरु की कृपा से आता है वसंत हमारे जीवन में। गुरु ही भरता नई ऊर्जा, नव – स्फूर्ति जन-गण में।। करो कीर्तन सच्चे गुरु का यही वेद की आज्ञा है। कृतघ्नता का दोष लगे ना, इस पर ध्यान लगाना है।। साक्षात्कार जब हो जाता है, परमपिता से सीधा ही। मिट जाते […]
(विश्व की उदीयमान प्रबल शक्ति के बावजूद भारत अक्सर वैचारिक ऊहापोह में घिरा रहता है. यही कारण है कि देश के उज्ज्वल भविष्य और वास्तविकता में अंतर दिखाई देता है. हालांकि भारत महाशक्ति बनने की प्रक्रिया में प्रमुख बिंदुओं पर खरा उतरता है, लेकिन व्यापक अंतर्राष्ट्रीय संदर्भ में घरेलू मुद्दों के कारण वह कमजोर पड़ […]
अमृत महोत्सव लेखमाला सशस्त्र क्रांति के स्वर्णिम पृष्ठ — भाग-9 नरेन्द्र सहगल भारत में अपनी जड़ें जमा चुके ब्रिटिश साम्राज्यवाद को जड़-मूल से उखाड़ फेंकने के लिए देश और विदेश में भारतीय नवयुवकों ने सशस्त्र क्रांति की ज्वाला को एक भयंकर ज्वालामुखी के विस्फोट में बदलने के लिए गुरिल्ला सैन्य अभियान चलाने का निश्चय किया। […]
*राष्ट्र-चिंतन* *आचार्य श्री विष्णुगुप्त* =================== भाजपा को एक बार फिर नीतीश कुमार ने लात मारी, एक बार फिर भाजपा मूर्ख बन गयी। नीतीश कुमार के सामने भाजपा के बड़े-बड़े महाराथी और तिस्मारखां संस्कृति के नेता देखते रह गये और नीतीश कुमार भाजपा को एक झटके में जमीन पर पटक कर अपना अलग गठबंधन खड़ा कर […]
अमृत महोत्सव लेखमाला सशस्त्र क्रांति के स्वर्णिम पृष्ठ — भाग-8 नरेन्द्र सहगल बीसवीं सदी के दूसरे दशक के प्रारंभ होते ही विश्वयुद्ध के बादल मंडराने लगे। इन बादलों ने भारत पर अपनी अधिनायकवादी हुकूमत थोपने वाले इंग्लैंड के अस्तित्व पर सवालिया निशान लगा दिया। देश और विदेश में सक्रिय भारतीय क्रांतिकारियों ने इस अवसर पर […]
ओ३म् ========== हमारी पृथिवी हमारे सूर्य का एक ग्रह है। इस पृथिवी ग्रह पर मनुष्यादि अनेक प्राणी विद्यमान है। हमारी यह पृथिवी व समस्त ब्रह्माण्ड वैदिक काल गणना के अनुसार 1.96 अरब वर्ष पूर्व अस्तित्व में आया है। पृथिवी पर मानव सृष्टि की उत्पत्ति से लगभग 2.6 करोड़ वर्ष पूर्व का काल सृष्टि की रचना […]