अमृत महोत्सव लेखमाला सशस्त्र क्रांति के स्वर्णिम पृष्ठ — भाग-14 नरेन्द्र सहगल मां भारती के हाथों और पांवों में पड़ी हुई गुलामी की जंजीरों को तोड़ डालने के लिए देश में दो प्रयास चल रहे थे। एक सशस्त्र क्रांति द्वारा क्रूरता की सारी हदें पार करने वाले अंग्रेजों को भारत से भगाना और दूसरा अहिंसा […]
महीना: अगस्त 2022
अमृत महोत्सव लेखमाला सशस्त्र क्रांति के स्वर्णिम पृष्ठ — भाग-13 नरेन्द्र सहगल सरदार भगत सिंह और उनके क्रांतिकारी साथियों ने लाहौर के भरे हुए खुले स्थान पर दिनदहाड़े अत्याचारी अंग्रेज अफसर सांडर्स को गोलियों से उड़ा दिया। हत्या करने के पश्चात चारों क्रांतिकारी चारों ओर की चाकचौबंद घेराबंदी को धता बताकर प्रशासन की आंखों में […]
भारत की दासता की कहानी का अन्त 15 अगस्त 1947 को हुआ। दासता की दास्तान सदियों तक भारत की आत्मा को झकझोरती रही और अपने निकृष्टतम स्वरूप में उसका दोहन करती रही। यातना और उत्पीडऩ के इस भयानक काल से मुक्ति के लिए हमारे वीर नायकों ने सदियों तक संघर्ष किया। भारत माता वीर प्रस्विनी […]
🕋 *कुरान की हिंसात्मक 24 आयतें* 🕋 ➡ *कुरान की चौबीस आयतें और उन पर दिल्ली कोर्ट का फैसला।* ————————————————— श्री इन्द्रसेन (तत्कालीन उपप्रधान हिन्दू महासभा दिल्ली) और राजकुमार ने कुरान मजीद (अनु. मौहम्मद फारुख खां, प्रकाशक मक्तबा अल हस्नात, रामपुर उ.प्र. १९६६) की कुछ निम्नलिखित आयतों का एक पोस्टर छापा जिसके कारण इन दोनों […]
साभार…”फॉरेस्ट गंप” फिल्म में जब बच्चे की माँ अपने मंदबुद्धि बच्चे का एडमिशन सामान्य स्कूल में ही करवाने की जिद्द पकड़ती है तो उससे स्कूल का प्रिंसिपल क्रिस्चियन फॉदर इसकी कीमत उसका यौन शोषण करके वसूलता है। लेकिन “लाल सिंह चढ्ढा” फिल्म का क्रिस्चियन फॉदर तो बड़ा महान निकला। वह न तो बच्चे की माँ […]
देश का झण्डा दिव्य तिरंगा,आन-बान और शान है । हर भारतवासी का तन मन धन और उसकी जान है ।। ऊपर ‘भगवा’ रंग भारत की संस्कृति को दर्शाता है, ‘श्वेत’ मध्य में सत्य,अहिंसा,शान्ति,प्रेम सिखलाता है । ‘हरित’ वर्ण यह सस्य-श्यामला धरती की पहचान है ।। तीन रंग का अपना झण्डा विश्वविजय का परिचायक, भारत का […]
सन १९२३ में मुसलमानों की ओर से दो पुस्तकें “१९ वीं सदी का महर्षि” और “कृष्ण,तेरी गीता जलानी पड़ेगी ” प्रकाशित हुई थी। पहली पुस्तक में आर्यसमाज का संस्थापक स्वामी दयानंद का सत्यार्थ प्रकाश के १४ सम्मुलास में कुरान की समीक्षा से खीज कर उनके विरुद्ध आपतिजनक एवं घिनोना चित्रण प्रकाशित किया था। जबकि दूसरी […]
महर्षि दयानन्द सरस्वती के जीवन काल ( सन् १८८३ तक ) में उन संन्यासियों तथा प्रचारकों की संख्या बहुत कम थी , जो वैदिक धर्म के प्रचार तथा आर्यसमाजों की स्थापना में तत्पर हों । इस काल में आर्यसमाज का जो भी प्रचार व प्रसार हुआ , वह प्रायः महर्षि के ही कर्तृत्व का परिणाम […]
पाकिस्तान के पास सबसे बड़ा हथियार उसका परमाणु बम नहीं, बल्कि भारत मे बसे तीस करोड़ मजहबी हैं, जो आऐ दिन पाकिस्तान जिन्दाबाद के नारे लगाते हैं। यह बात मैं नहीं कह रहा हूँ,यह बात 1980 के दशक में जनरल जिया-उल-हक ने कही थी! उसने कहा था कि “जब भारत में पाकिस्तान से ज्यादा मुसलमान […]
सुरेश हिन्दुस्थानी वर्तमान में जब कहीं से भी देश को तोडऩे की बात आती है तो स्वाभाविक रूप से उसका प्रतिकार भी जबरदस्त तरीके से होता है। यह प्रतिकार निश्चित रूप से उस राष्ट्रभक्ति का परिचायक है, जो इस भारत देश को देवभूमि भारत के रूप में प्रतिस्थापित करने का प्रमाण प्रस्तुत करने का अतुलनीय […]