बुत्परस्तों के सरस्वती-सिंधू घाटी में प्रवेश करने से पहले तक इस धरती पर लगातार आर्य प्रशासकों ने ही शासन किया था। बाहर से आये चरवाहों ने मौका पाकर वैदिक आर्यों ब्राह्मणों, क्षत्रियों, वैश्यों को मार दिया और कुछ लोगों ने जंगलों में शरण लेकर अपने प्राणों की रक्षा की थी। जो आर्य लोग उन नृशंस […]
महीना: अगस्त 2022
प्राचीन भारतवर्ष के आर्यपुरुष अस्त्र-शस्त्र विद्या में निपुण थे। उन्होंने अध्यात्म-ज्ञान के साथ- साथ आततियों और दुष्टों के दमन के लिये सभी अस्त्र-शस्त्रों की भी सृष्टि की थी। आर्यों की यह शक्ति धर्म-स्थापना में सहायक होती थी। प्राचीन काल में जिन अस्त्र-शस्त्रों का उपयोग होता था, उनका वर्णन इस प्रकार है… अस्त्र उसे कहते हैं, […]
भारतवर्ष में आर्य समाज की स्थापना हुई तो अंग्रेजों ने आर्य समाज जैसे राष्ट्रवादी संगठन को पंखविहीन करने के उद्देश्य से प्रेरित होकर कॉन्ग्रेस की स्थापना अपने एक सेवानिवृत्त अधिकारी ए ओ ह्यूम से करवाई थी। 1857 की क्रांति में महर्षि दयानंद और उनके लोगों ने जिस प्रकार मिलकर धूम मचाई थी उसके चलते अंग्रेजों […]
(आवश्यक नोट- *न्यूज नेशन के कार्यक्रम ‘क्या कहता है इस्लाम’* पर पूर्व मौलाना सचवाला बैठे और उन्होंने बताया कि 60 साल की उम्र में उन्होंने इस्लाम क्यों छोड़ा ? ) *एंकर* – हमारे साथ आज मौजूद हैं सच वाला साहब । जैसा कि आप जानते हैं कि हमारा कार्यक्रम क्या कहता है इस्लाम में । […]
ललित गर्ग मानवता की रक्षा एवं आतंकवाद मुक्त दुनिया की संरचना की कोशिश होनी चाहिए। यह इसलिये अपेक्षित है कि किसी भी जाति, धर्म एवं सम्प्रदाय के लोगों को बंदूकों के सहारे ही जिंदगी न काटनी पड़े। महिलाओं की तौहीन एवं अस्मत न लूटी जाये। अल कायदा नेता अयमन अल-जवाहिरी का मारा जाना आतंकवाद के […]
डॉ. वेदप्रताप वैदिक श्रीलंका और मालदीव, ये दोनों हमारे पड़ोसी देश भयंकर आर्थिक संकट से गुजर रहे हैं। ऐसे में भारत ने इन दोनों देशों को अनाजों, दवाइयों और डॉलरों से पाट दिया है। ये दोनों देश भारत की मदद के बिना अराजकता के दौर में प्रवेश करने वाले ही थे। श्रीलंका के प्रधानमंत्री रनिल […]
ध्यान – विधि प्रणव जप से ध्यान कर ईश्वर का स्वरूप। जो योगी ऐसा करें , वही हैं सच्चे भूप।। विषमता और उद्वेग से , बढ़े समता की ओर। योगी सच्चा है वही , पाये नभ का छोर ।। आत्मा का यह धर्म है , शांति – समता ध्यान। प्रसाद भी मिलता हमें, जब होवे […]
इस्लाम से पहले अरब के लोग नहीं जानते थे कि अल्लाह किस चीज का नाम है ,सन 610 के आसपास मुहमद ने अल्लाह की रचना की थी , और अपने अल्लाह को सबसे बड़ा , महान ,सर्वशक्तिमान और सर्वज्ञ साबित करने के लिए दिसंबर 629 ईस्वी रमजान 8 हिजरी में काबा में रखे 360 देवी […]
अमृत महोत्सव लेखमाला सशस्त्र क्रांति के स्वर्णिम पृष्ठ — भाग-15 नरेन्द्र सहगल भारत की सनातन संस्कृति के वैचारिक आधार ‘शस्त्र और शास्त्र’ को साक्षात अपने जीवन में चरितार्थ करने वाले स्वातंत्र्य वीर सावरकर आधुनिक सदी के छत्रपति शिवाजी थे। जिस प्रकार हिंदू समाज को हथियारबंद करके शिवाजी ने मुगलिया सल्तनत की ईंट से ईंट बजा […]
अपनी जन्मभूमि मारवाड़ को मुक्त कराने वाले वीर दुर्गादास राठौड़ का का जन्म 13 अगस्त, 1638 को ग्राम सालवा में हुआ था। उनके पिता जोधपुर राज्य के दीवान श्री आसकरण तथा माता नेतकँवर थीं। आसकरण की अन्य पत्नियाँ नेतकँवर से जलती थीं। अतः मजबूर होकर आसकरण ने उसे सालवा के पास लूणवा गाँव में रखवा […]