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किसी अपमान का बदला लेने के लिए जमशेदजी टाटा ने बनवाया था ‘होटल ताज’

रेनू तिवारी  1903 में टाटा समूह के संस्थापक जमशेदजी टाटा द्वारा मुबंई में गेटवे ऑफ इंडिया के सामने ताज नाम से पहला होटल बनवाया गया था। ताज होटल की गुणवत्ता और आतिथ्य को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकार किया गया है क्योंकि ताज को ब्रांड फाइनेंस द्वारा दुनिया में सबसे मजबूत होटल ब्रांड का दर्जा दिया […]

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आज का चिंतन

ऐसे हुई ‘रत्ती’ शब्द की उत्पत्ति

वीरेन्द्र त्रिवेदी की फेसबुक वॉल से ‘रत्ती भर’ यह शब्द लगभग हर जगह कहीं न कहीं सुनने को मिलता है। आपने भी इस शब्द को बोला होगा और बहुत लोगों की जुबान से सुना भी होगा। कभी किसी पर गुस्सा आता है तो भी हम कह देते हैं कि ‘तुम्हें रत्ती भर भी शर्म नहीं […]

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करवट लेता इतिहास : पावागढ़ में लहराया गया 500 वर्ष बाद भगवा ध्वज

 अरुण कुमार सिंह गुजरात में पावागढ़ पहाड़ी पर स्थित माता काली के मंदिर के शिखर पर 500 वर्ष बाद धर्म ध्वजा लहराई गई। लोगों का मानना है कि यह पुनीत कार्य श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण जैसा ही है गत 18 जून का दिन भारत और भारतीयता के लिए बहुत ही शुभ रहा। इस दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र […]

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देश के 5 राज्यों के आर्थिक चक्र पर भी प्रभाव पड़ता है कावड़ यात्रा का

दिनेश मानसेरा दो साल के कोविड काल के बाद शुरू हो रही कांवड़ यात्रा को लेकर कारोबारियों में भारी उत्साह देखने में आया है। अनुमान है कि इस बार ये यात्रा करीब तीन हजार करोड़ का कारोबार करके जाएगी। उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने कांवड़ यात्रा को लेकर राज्यों के पुलिस अधिकारियों के साथ […]

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18 57 की क्रांति के समय ऐसे आजाद कराया गया था दिल्ली को

रवि कुमार 1857 को मेरठ से दो हजार भारतीय सैनिक दिल्ली पहुंचे। यहां स्थानीय सैनिक और जनता स्वतंत्रता के इन दीवानों के साथ हो ली। 11 मई, 1857 को मेरठ से दो हजार भारतीय सैनिक दिल्ली पहुंचे। यहां स्थानीय सैनिक और जनता स्वतंत्रता के इन दीवानों के साथ हो ली। इसके साथ ही शुरू हो […]

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वे अपने हो नहीं सकते….

वे अपने हो नहीं सकते जो तेरे साथ रहकर भी। पराए गीत गाते हों, तेरे जिगरे को खाकर भी।। क्यों करता बात बचकानी तनिक तो सोच ऐ बंदे ! भरोसा मत करो उन पर, जो करते काम है गंदे।। वतन के हैं वह दुश्मन , अनेकों कसमें खाकर भी … पराए गीत गाते हों, तेरे […]

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इतिहास के पन्नों से हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

10 मई 1857 का स्वतंत्रता संग्राम और धन सिंह कोतवाल 4 जुलाई पर विशेष

-अशोक चौधरी मेरठ भारत का इतिहास संघर्षों से भरा है, एक वह समय था कि पितामह भीष्म का सामना करने वाला दुनिया में नहीं था। उसके बाद समय ऐसा आया कि भारत मुगल शाही, कुतुब शाही, निजाम शाही व आदिल शाही के चंगुल में फंस गया, ऐसा लगने लगा कि यह सनातन संस्कृति समाप्त हो […]

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आर्थिकी/व्यापार

भारत के आर्थिक विकास में बढ़ रहा है मातृशक्ति का योगदान

भारत की 50 प्रतिशत आबादी मातृशक्ति के रूप में विद्यमान है। देश के आर्थिक विकास को यदि पंख लगाने हैं तो इस आधी आबादी को सशक्त कर उन्हें उत्पादक कार्यों में लगाना अनिवार्य है। विशेष रूप से वर्ष 2014 में केंद्र में श्री नरेन्द्र मोदी की सरकार के आने के बाद से भारत में मातृशक्ति […]

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धर्म-अध्यात्म स्वास्थ्य

प्रभु नाम से होनी चाहिए दिन की शुरुआत

दिन की शुरुआत प्रभात या भोर होने पर की जाती है । प्रातः काल में ब्रह्म मुहूर्त में उठना और अपनी दिन चर्या आरंभ करना ऋषियों के द्वारा हमें बताया गया है। यद्यपि आजकल स्थिति विपरीत हो गई है। वर्तमान समय में मनुष्य की जीवनचर्या इतनी बदल गई है कि मनुष्य अपने व्यवसाय के लिए […]

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जो 300 साल पहले हो रहा था ,वही आज भी हो रहा है

धर्म और संस्कृति पर जब-जब भी आपदा आई है तब तब मां भारती ने अनेक ऐसे शूरवीर धर्मवीर पैदा किए हैं जिनके कारण जनेऊ और चोटी की वैदिक संस्कृति की रक्षा हो सकी है। ऐसा ही एक धर्मवीर बालक 1719 में पैदा हुआ था । उस समय दिल्ली पर मुगल बादशाह मोहम्मद शाह रंगीला का […]

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