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हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

कोई बता सकता है कि “हिंदू मुस्लिम सिक्ख ईसाई आपस में सब भाई भाई” नारा किसने दिया था???*

〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️ यह नारा ही सम्पूर्ण हिंदुओं और सिक्ख पंथ में फूट कराने वाला है *क्योंकि हिंदू परिवार का बड़ा बेटा ही धर्म की रक्षा के लिए सिक्ख बनता था* कृपया इस पर गंभीरता से सोच कर अपने विचार प्रकट करें *…*… ये तो समझ आता है कि हिंदू, मुस्लिम, ईसाई पर सिक्खों को तुमने कहाँ […]

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बिखरे मोती

वाणी कभी औषध बने, कभी करे है घाव।

जब व्यक्ति का उत्थान-पतन सन्निकट होता है, तो वाणी का प्रभाव तदनुसार घटता-बढ़ता रहता है:- वाणी कभी औषध बने, कभी करे है घाव। घटता-बढ़ता चाँद सा, वाणी का प्रभाव॥1760॥ वाणी ऐसी बोलिये, जो दिल में देय उतार। ऐसी कभी न बोलिये, जो दिल में दे उतार॥1761॥ वाणी में शुद्धि नहीं, बिगड़ जाय व्यवहार। आकर्षण रहता […]

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वैदिक संपत्ति

वैदिक सम्पत्ति तृतीय खण्ड : अध्याय-ईसाई और आर्यशास्त्र

गतांक से आगे.. स्वामी विवेकानन्द की इस वक्तृता से स्पष्ट हो जाता है कि , थियोसोफिस्ट भारत का उत्कर्ष नहीं चाहते । उनका उद्देश्य तो संसार को ईसाई बनाना है । एनी बीसेंट सब धर्मावलम्बियों को थियोसोफी में केन्द्रित करके ईसा को संसार का धर्मगुरु मनवाने का यत्न करती हैं और कृष्णमूर्ति को ईसा का […]

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आतंकवाद

मोहम्मद इस्माइल जिसके देश विरोधी चरित्र को कांग्रेस ने दिया समर्थन

मोहम्मद इस्माइल मुस्लिम लीग के मद्रास प्रांत के बड़े नेता थे। 1946 के चुनाव में प्रांत अध्यक्ष रहते उन्होंने जिन्ना को मद्रास की सभी मुस्लिम रिजर्व 28 सीटें जिताकर दी थी ताकि जिन्ना अलग इस्लामिक देश पाकिस्तान बना सके। 14 अगस्त 1947 को पाकिस्तान बन गया लेकिन आपने आज तक एक भी मद्रासी मूल का […]

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व्यक्तित्व

75वें जन्म दिवस पर “हम सबके प्रेरणास्रोत और श्रद्धास्पद स्वामी प्रणवानन्द सरस्वती”

ओ३म् ========= परम पिता परमात्मा ने सृष्टि के आरम्भ में संसार के सभी मनुष्यों के पूवर्जों को वेदों का ज्ञान दिया था और आज्ञा की थी कि जीवात्मा व जीवन के कल्याण के लिए संसार की प्रथम वैदिक संस्कृति को अपनाओं व धर्म, अर्थ, काम व मोक्ष के मार्ग का अनुसरण करो। इस मार्ग पर […]

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कविता

गीता मेरे गीतों में… कविता 14

स्थित बुद्धि हो नहीं सकता संसार उसका जो कामनाओं से युक्त है। वही जीत सकता संसार को जो कामनाओं से मुक्त है।। दिन आपाधापी में बिताना और रात में षड़यंत्र रचना। लक्षण नहीं ये वीर के – यूँ ही किसी पर व्यंग्य कसना ।। सदा सम्मान दूसरों का करे – वही वीर बुद्धियुक्त है … […]

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महत्वपूर्ण लेख

“त्वरित न्याय का अधूरा सपना”

यशपाल सिंह (लेखक, उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी हैं) साभार ::दैनिक जागरण _24.6.2022 देश में आजकल बुलडोजर न्याय की बहुत चर्चा है। यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच चुका है। जिन्हें बुलडोजर न्याय पर आपत्ति है, वे कभी यह सवाल नहीं उठाते कि अदालतों में तारीख पर तारीख का सिलसिला क्यों कायम रहता है? इस […]

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आर्थिकी/व्यापार मुद्दा राजनीति

भारत में लगातार हो रही पत्थरबाजी से कहीं आर्थिक विकास प्रभावित न होने लगे

अभी हाल ही में अमेरिकी रेटिंग एजेंसी फिच ने भारतीय अर्थव्यवस्था के दृष्टिकोण (आउटलुक) में सुधार (अपग्रेड) किया है। फिच रेटिंग्स ने भारत की सॉवरेन रेटिंग के आउटलुक को “नकारात्मक” श्रेणी से अपग्रेड कर “स्थिर” श्रेणी में ला दिया है। भारत की सावरन रेटिंग में यह सुधार देश में तेजी से हो रहे आर्थिक सुधारों […]

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आओ कुछ जाने

हिंदी के साहित्यकारों की दृष्टि में स्वामी दयानंद

आर्यसमाज के संस्थापक ऋषि दयानन्द भारत के निर्माताओं में प्रमुख स्थान रखते हैं। ये ऐसे महापुरूष हुए हैं जिन्होंने भारत की आत्मा को पुनर्जीवित किया जो १८५७ की असफलता से दुःख और निराशा में डूब चुकी थी। पुनर्जीवन का यह कार्य जितना हिन्दी के माध्यम से सम्भव हो सकता था उतना किसी अन्य माध्यम से […]

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महत्वपूर्ण लेख

योगी के दूसरे कार्यकाल के पहले शानदार 100 दिन

डॉ. रमेश ठाकुर  योगी ने अपनी ‘2.0’ सरकार के काम को गहराई से भांपने का प्रयास किया है जिसमें तकरीबन सभी मंत्रालय, विभाग, समितियां व आयोग शामिल हैं, जिन पर बीते सौ दिनों में उन्होंने खुद पैनी निगरानी रखीं और सौ दिन का रिजल्ट तैयार कर जनता के समक्ष पेश किया। योगी आदित्यनाथ के काम […]

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