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आज का चिंतन

“सृष्टि में ईश्वर का अस्तित्व सत्य व यथार्थ है”

ओ३म् ========= हम जिस संसार को देखते हैं वह अति प्राचीन काल से विद्यमान है। यह कब बना, इसका प्रमाण हमें वेद, वैदिक साहित्य एवं इतिहास आदि परम्पराओं से मिलता है। आर्य लोग जब भी कोई पुण्य व शुभ कार्य करते हैं तो वह संकल्प पाठ का उच्चारण करते हैं। इसमें कर्मकत्र्ता यजमान का नाम, […]

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आज का चिंतन

“वैदिक धर्म का समग्रता से प्रचार गुरुकुलीय शिक्षा से ही सम्भव”

ओ३म् =========== गुरुकुल एक लोकप्रिय शब्द है। यह वैदिक शिक्षा पद्धति का द्योतक शब्द है। वैदिक धर्म व संस्कृति का आधार ग्रन्थ वेद है। वेद चार हैं जिनके नाम ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद हैं। यह चार वेद सृष्टि के आरम्भ में सच्चिदानन्दस्वरूप, निराकार, सर्वव्यापक, सर्वशक्तिमान, सर्वज्ञ, अनादि, अनन्त, न्यायकारी, सृष्टिकर्ता और जीवों को उनके […]

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इतिहास के पन्नों से समाज

योगिराज देवरहा बाबा की चित्र – विचित्र गाथा ( ख) चमत्कारिक दावा नहीं पर चमत्कार ही चमत्कार दिखा :-

चमत्कारिक दावा नहीं पर चमत्कार ही चमत्कार दिखा :- अपनी उम्र, कठिन तप और सिद्धियों के बारे में देवरहा बाबा ने कभी भी कोई चमत्कारिक दावा नहीं किया, लेकिन उनके इर्द-गिर्द हर तरह के लोगों की भीड़ ऐसी भी रही जो हमेशा उनमें चमत्कार खोजते देखी गई। अत्यंत सहज, सरल और सुलभ बाबा के सानिध्य […]

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महत्वपूर्ण लेख

क्या सचमुच बढ़ती जनसंख्या ही भारत की सबसे बड़ी समस्या है

डॉ. वेदप्रताप वैदिक  अगर हम थोड़े ठंडे दिमाग से सोचें तो मुझे लगता है कि मनुष्य जाति इतनी महान है कि वह इन मुसीबतों का भी कोई न कोई हल निकाल लेगी। जैसे अब से लगभग 70 साल पहले दुनिया की आबादी सिर्फ ढाई अरब थी लेकिन अब वह लगभग 8 अरब हो गई है। […]

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मुद्दा

भारत में आज भी अवसरों से वंचित हैं बड़ी संख्या में लोग

ललित गर्ग  दो अरब तीस करोड़ आबादी को भुखमरी एवं भूख का सामना करना पड़ रहा है। दो वक्त की भोजन सामग्री जुटाने के लिए इस आबादी को जिन मुश्किलों, संकटों एवं त्रासद स्थितियों का सामना करना पड़ रहा है, वह विश्व की सरकारों एवं व्यवस्थाओं के विकास के बयानों को बेमानी सिद्ध करता है। […]

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Uncategorised

धर्मांध औरंगजेब की भतीजी ताज बीबी द्वारा कृष्ण जी के गुण गान

छैल जो छबीला, सब रंग में रंगीला बड़ा चित्त का अड़ीला, कहूं देवतों से न्यारा है। माल गले सोहै, नाक-मोती सेत जो है कान, कुण्डल मन मोहै, लाल मुकुट सिर धारा है। दुष्टजन मारे, सब संत जो उबारे ताज, चित्त में निहारे प्रन, प्रीति करन वारा है। नन्दजू का प्यारा, जिन कंस को पछारा, वह […]

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आर्थिकी/व्यापार

अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने के लिए तेजी से निर्णय लेती मोदी सरकार

प्रह्लाद सबनानी  तेल का उत्पादन करने वाली कम्पनियां जो कच्चे तेल को परिष्कृत कर पेट्रोल एवं डीजल के रूप में इसका निर्यात के व्यवसाय से जुड़ी हुई हैं, उनके उत्पादों पर निर्यात कर लागू कर देने से इन कम्पनियों के निर्यात की प्रवृत्ति पर रोक लगेगी। 1 जुलाई 2022 से केंद्र सरकार ने भारत से […]

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भयानक राजनीतिक षडयंत्र

सेवा का केवल मुखौटा पहने था मदर टेरेसा ने

उगता भारत ब्यूरो सत्य अगर कड़वा भी हो तो भी वह सत्य ही कहलाता है। संत का उद्देश्य पक्षपात रहित मानवता की भलाई है। 24 मई 1931 को वे कलकत्ता आई और यही की होकर रह गई। कोलकाता आने पर धन की उगाही करने के लिए मदर टेरेसा ने अपनी मार्केटिंग आरम्भ करी। उन्होंने कोलकाता […]

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कविता गीता का कर्मयोग और आज का विश्व

गीता मेरे गीतों में, गीत संख्या ….17 , देव पूजा से कल्याण

देव पूजा से कल्याण सोते हुए बालक को जैसे माता पिलाती दूध को। प्रतीति नहीं है स्वाद की पर पीता है बच्चा दूध को।। रहते हैं संसार में वैसे ही योगी जान विषय गूढ़ को। हम निर्लिप्त भाव से रहें – समझें विचार विशुद्ध को।। आंखों से देखता है योगी पर देखता नहीं संसार को। […]

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समाज

योगिराज देवरहा बाबा की चित्र – विचित्र गाथा , भाग ( क )

डा. राधे श्याम द्विवेदी बस्ती बाबा जी की जन्म और कुलभूमि रही :- भारत देश में कई चमत्कारिक बाबा और सिद्ध पुरुष अवतरित हुए हैं। उनमें से एक प्रमुख नाम देवरहा बाबा काआता है। बताया जाता है कि बाबा के पूर्वज  उत्तर प्रदेश के जिला बस्ती के उमरिया गांव के मूल निवासी थे।  बाबा के  […]

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