ऋषि दयानन्द के धार्मिक तथा सामाजिक सुधार कार्य में अधिक समय रहने तथा उनके राष्ट्रीय जागरण के प्रथम पुरोधा होने के कारण अनेक लोगों में यही धारणा बन गई है कि भारत की आध्यात्मिक चेतना को जगाने तथा भगवत् भक्ति के प्रसार में उनका योगदान अल्प है। ऐसा विचार उन लोगों का है जिन्होंने दयानन्द […]
Month: July 2022
उगता भारत’ के बारह वर्ष
आपका अपना समाचार पत्र ‘उगता भारत’ अपने 12 वर्ष पूर्ण कर 13 वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है। 12 वर्ष का यह काल कई उतार-चढ़ावों को लेकर आया, परंतु पाठकों का सतत प्यार और आशीर्वाद हमको प्राप्त होता रहा, उसके फलस्वरूप यह समय कब गुजर गया, पता ही नहीं चला। किसी भी समाचार पत्र […]
………………….. नई दिल्ली …………………… नासा का बहुप्रतीक्षित स्पेस एक्स कार्गो (25वां) आज लॉन्च हो गया, जिसमें बहुआयामी प्रतिभा के धनी राकेश छोकर ने वर्चुअल गेस्ट के रूप में हैट्रिक लगाते हुए महत्त्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। इससे उनके प्रशंसकों में अपार खुशी का माहौल है। नासा द्वारा आज लॉन्च किया गया स्पेसक्स का कार्गो ड्रैगन […]
प्रह्लाद सबनानी भारत और कई दूसरे देशों में ऐसे अनेक धार्मिक एवं आध्यात्मिक संगठन है जहां इन संगठनों के संस्थापकों को गुरु मानकर उनका पूजन करने की परम्परा है। इस प्रचिलित परिपाटी से हटकर संघ में डॉक्टर हेडगेवार की जगह भगवा ध्वज को गुरु मानने का विचार विश्व में समकालीन इतिहास की अनूठी पहल है। […]
“वासुदेव सुतं देवम कंस चाणूर मर्दनम्, देवकी परमानन्दं कृष्णम वन्दे जगतगुरु” श्रीकृष्ण को विश्व का श्रेष्ठतम गुरु क्यों कहा जाता है? शिष्य अर्जुन की खोज के कारण? अर्जुन को कुरुक्षेत्र में ईश्वर का विराट रूप दिखा देने के कारण? महाभारत के रणक्षेत्र में श्रीमद्भागवद्गीता रच देने के कारण? या कथनी और करनी में भेद न […]
कमलेश पांडे उत्तरप्रदेश मातृभूमि योजना के अंतर्गत कोई व्यक्ति, व्यक्तियों के समूह, निजी संस्था पंचायती राज अधिनियम की धारा 15 के अंतर्गत अनुमन्य कार्य, ग्राम पंचायतों में विकास के कार्य या अवस्थापना सुविधाओं के विकास से सम्बंधित कार्य करा सकते हैं। आप जानते हैं कि प्रायः सभी व्यक्तियों को अपनी-अपनी जन्मभूमि प्यारी होती है। खासकर […]
प्रदीप गुप्ता आज हम आपको इंग्लैंड के एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जो यहाँ की राजधानी लन्दन से केवल १०० मीलकी दूरी पर है और जिसका निर्माण आज से कोई ५,००० वर्ष पूर्व खगोल विद्या के जानकारों ने किया था। इसे स्टोनहेंजके नाम से जाना जाता है . स्टोन यानि […]
———————————————- – राजेश आर्य सीरिया में सैमोसाता (Samosata) नगर के एक मूर्तिपूजक परिवार में जन्मा लूसियन (लगभग ११७ – १८० ई.) एक यूनानी वक्ता तथा लेखक था। वह अपनी आलंकारिक वक्तृताओं तथा हास्य-व्यंग्ययुक्त लेखन के लिए प्राचीन साहित्य के इतिहास में सुप्रसिद्ध है। पेरिअम निवासी पेरेग्रिनस (Peregrinus) एक ईसाई था, किंतु बाद में वह अपने […]
ओ३म् ======== महर्षि दयानन्द ने वेद प्रचार का मार्ग क्यों चुना? इसका उत्तर है कि उनके समय में देश व संसार के लोग असत्य व अज्ञान के मार्ग पर चल रहे थे। उन्हें यथार्थ सत्य का ज्ञान नहीं था जिससे वह जीवन के सुखों सहित मोक्ष के सुख से भी सर्वथा अपरिचित व वंचति थे। […]
अजमेर की दरगाह पर हिंदू सबसे अधिक चादर चढ़ाते हैं। धार्मिक पाखंड और अंधविश्वासों में हिंदू का जितना विश्वास है उतना किसी अन्य मतावलम्बी का नहीं है। सैकड़ों वर्षो से इस दरगाह पर चादर चढ़ाते हुए हिंदू ने भरसक प्रयास कर लिया कि किसी प्रकार से सर्व संप्रदाय समभाव का राज्य भारत में स्थापित हो, […]