बिखरे मोती मंगल – सूत्र का महत्व:- मांगालिक मर्यादा का, द्योतक मंगल – सूत्र। सुहाग और सौभाग्य को, करता परम पवित्र॥1783॥ मानव होता मौन है, जब अनुभव पक जाय। आधे – अधूरे ज्ञान से, अधिक बोलता जाय॥1784॥ बेशक गहरी रात हो, अन्त में हो प्रभात। हिम्मत से तू काम ले, बनेगी बिगड़ी बात॥1785॥ एक सहारा […]
Month: July 2022
लोकलुभावन घोषणाओं पर रोक लगनी ही चाहिए
प्रह्लाद सबनानी सभी राज्यों की वित्तीय सेहत का विस्तार से आकलन करने पर ध्यान जाता है कि कई राज्यों द्वारा अनियंत्रित रूप से चलाई जा रही मुफ्त योजनाओं, लोकलुभावन घोषणाओं, अत्यधिक सब्सिडी देने एवं पुरानी पेंशन योजना बहाली से इन राज्यों की वित्तीय सेहत बहुत बुरी तरह से बिगड़ रही है। यूं देखा जाये तो […]
सांप्रदायिक सौहार्द स्थापित करने के लिए अजमेर जागरण को आंदोलन में बदलना ज़रुरी है। गोस्वामी तुलसीदास का एक दोहा मुझे याद आ रहा है। यह दोहा दोहावली में संकलित है। दोहा इस प्रकार है… लही आंख कब आंधरे बांझ पूत कब ल्याय । कब कोढ़ी काया लही जग बहराइच जाय ।। इसका अर्थ है कि […]
एनसाइक्लोपीडिया ब्रिटानिका के 15 वें संस्करण में हिंदुत्व का अर्थ करते हुए स्पष्ट किया गया है कि :- ‘हिंदुओं की सभ्यता जो लगभग 2000 वर्षों में वेदों से विकसित हुई , इसमें परस्पर विपरीत मत तथा तत्व निहित है। यह एक विराट अविच्छिन्न समग्र का अत्यंत जटिल संपुंजन है।…. हिंदुत्व में समस्त जीवन का समावेश […]
गतांक से आगे…… हमने यहाँ तक यह थोड़ी सी किन्तु देर तक गौर करने योग्य बात ईसाइयों , ईसाई शासकों और ईसाई थियोसो फिस्ट की लिखी है । यह वर्तमान जमाने की बात है , जो सबके सामने है , तो भी कितनी पेंचदार है ? पढ़े लिखे हिन्दू , पारसी , मुसलमान आदि सभी […]
गुरु नानक देव जी कहते हैं :- रैण गवाई सोय के दिवस गंवाया खाय। हीरे जैसा जन्म है , कोड़ी बदले जाए ।। चिड़िया चहकी पहु फटी बगनी बहुत तरंग। अचरज रूप संतन रचे नानक नाम ही रंग।। सोते-सोते रात गंवा दी। दिन खाने पीने में गंवा दिया। हीरे जैसे जन्म को छोटी-छोटी बातों में […]
ललित गर्ग अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने 50 साल पहले अपने ऐतिहासिक फैसले से गर्भपात को महिलाओं का संवैधानिक अधिकार करार दिया था। अब उस फैसले को पलटते हुए उसने अमरीकी महिलाओं से यह संवैधानिक अधिकार छीन लिया है। गर्भपात पर अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट के एक चौंकाने वाले फैसले को लेकर अमेरिका में जहां हंगामा बरपा […]
डॉ. राजेन्द्र प्रसाद शर्मा पर्यावरण असंतुलन के चलते तेज गर्मी व प्राकृतिक आपदाओं से दुनिया के देश जूझ रहे हैं तो आतंकवादी या हिंसक घटनाओं से कई देशों को दो चार होना पड़ रहा है। दुनिया के देशों में राजनीतिक अस्थितरता के कारण भी हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। महंगाई की मार […]
उगता भारत ब्यूरो आज भी भारत और पाकिस्तान के मदरसों में गजवा ए हिन्द के लिए योजनाए बनती हैं। सर तन से जुदा के नारे के पीछे यही मदरसा तालीम है। तालिबान वालो के उस्ताद देवबन्दी आलिम है। आज भी पाकिस्तान में सबसे अधिक विदेशी दान मदरसों को आता है जो अमेरिका और यूरोप में […]
डॉ. वेदप्रताप वैदिक राजपक्ष की पार्टी की बहुमत वाली संसद को अब श्रीलंका की जनता कैसे बर्दाश्त करेगी? विरोध पक्ष के नेता सजित प्रेमदास ने दावा किया है कि वे अगले राष्ट्रपति की जिम्मेदारी लेने को तैयार हैं लेकिन 225 सदस्यों की संसद में राजपक्ष की सत्तारुढ़ पार्टी की 145 सीटें हैं। श्रीलंका के राष्ट्रपति […]