डॉ. सौरभ मालवीय आज के युग में उन्नति का अर्थ केवल धनोपार्जन से लिया जा रहा है अर्थात जो व्यक्ति जितना अधिक धन अर्जित कर रहा है, वह उतना ही सफल माना जा रहा है। मनुष्य की उन्नति की इस परिभाषा ने पारिवारिक संबंधों से मान-सम्मान ही समाप्त कर दिया है। माता-पिता बड़े लाड़-प्यार से […]
Month: July 2022
मृत्युंजय दीक्षित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी बुंदेलखंड यात्रा के दौरान जालौन के कैथेरी गांव में बने मंच से 14,800 करोड़ से निर्मित 296 किमी लम्बे 4 लेन(6 लेन विस्तारीकरण) बुंदेलखण्ड एक्सप्रेस वे राष्ट्र को समर्पित करते हुए भविष्य के विकास व राजनीति के नये आयामों का संदेश दिया । प्रधानमंत्री ने बुंदेली में जनसभा […]
प्रह्लाद सबनानी विशेष रूप से कोरोना महामारी एवं रूस यूक्रेन युद्ध के बाद से अमेरिकी डॉलर की कीमत अन्य देशों की मुद्रा की कीमत की तुलना में अंतरराष्ट्रीय बाजार में बहुत तेजी से बढ़ती जा रही है। एक अमेरिकी डॉलर आज लगभग 80 रुपए का हो गया है। इसका आश्य यह है कि भारत सहित […]
इसाई मिशनरी का मायाजाल उगता भारत ब्यूरो गैर ईसाईयों को ईसाई बनाने के लिए किस तरह के षड्यंत्रों का प्रयोग किया जाता है वह विचारणीय है. क्या आपने कभी सुना है कि कुछ मुस्लिम आज तक इसाई बने हैं? आखिर हिन्दू ही इतना आसान क्यों है। कुछ समय पहले झारखण्ड सरकार ने No Conversion ( […]
स्वामी ओमानन्द सरस्वती महर्षि दयानन्द के प्रियतम शिष्य श्री श्याम जी कृष्ण वर्मा काठियावाड़ राज्य के थे। ये संस्कृत भाषा के धुरन्धर विद्वान थे। महर्षि दयानन्द जी से अष्टाध्यायी संस्कृत व्याकरण को पढ़ा था। महर्षि दयानन्द ने विदेशों में वैदिक धर्म के प्रचारार्थ हो लन्दन भेजा था। महर्षि दयानन्द के साथ इनका पत्रव्यवहार भी था। […]
उगता भारत ब्यूरो गाजियाबाद । बरेली से दिल्ली-एनसीआर, उत्तराखण्ड, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और यूपी के विभिन्न जनपदों में नशीले पदार्थों की तस्करी करने वाले गिरोह के तीन शातिर तस्करों को गाजियाबाद की क्राइम ब्रांच टीम ने गिरफ्तार किया है। जिनके कब्जे से टीम ने घटना में प्रयुक्त कार और करीब सवा करोड़ रुपए कीमत की स्मैक […]
लेखक:- डॉ. मोहन चंद तिवारी प्राकृतिक जल संसाधनों जैसे तालाब, पोखर, गधेरे, नदी, नहर, को जल से भरपूर बनाए रखने में जंगल और वृक्षों की अहम भूमिका रहती है.जलवायु की प्राकृतिक पारिस्थितिकी का संतुलन बनाए रखने और वर्तमान ग्लोबल वार्मिंग के प्रकोप को शांत करके आकाशगत जल और भूमिगत जल के नियामक भी वृक्ष और […]
कुछ समय पहले शिक्षा बचाओ आंदोलन समिति के द्वारा भारत के उच्चतम न्यायालय में एक याचिका दाखिल की गई थी। जिसमें समिति ने माननीय न्यायालय से अनुरोध किया था कि बी0ए0 (ऑनर्स) इतिहास के द्वितीय वर्ष में पढ़ाया जाने वाला वह निबंध प्रतिबंधित किया जाए जिसका शीर्षक ‘थ्री हंड्रेड रामायण वीथ फाइव एग्जांपल’ था। इस […]
लोग कहते हैं कि किसी कहानी या काव्य को लिखना अलग बात है लेकिन उसकी स्क्रिप्ट राइटिंग अलग होती है … लेकिन यदि आप प्राचीन भारतीय साहित्य पढ़ते हैं तो कई बार लिखे हुए अक्षर जीवंत नजर आते हैं … ख़ासकर महान कवि कालिदास की रचनाओं को पढ़ने पर आंखों के सामने चलचित्र चलने लगता […]
लेखक:- डॉ. मोहन चंद तिवारी (12मार्च,2014 को ‘उत्तराखंड संस्कृत अकादमी’, हरिद्वार द्वारा ‘आई आई टी’ रुड़की में आयोजित विज्ञान से जुड़े छात्रों व जलविज्ञान के अनुसंधानकर्ता विद्वानों के समक्ष मेरे द्वारा दिए गए वक्तव्य ‘प्राचीन भारत में जलविज्ञान‚जलसंरक्षण और जलप्रबंधन’ से सम्बद्ध ‘भारतीय जलविज्ञान’ पर संशोधित लेख का सार) वृक्षों, वनस्पतियों द्वारा भूमिगत जल नाड़ियों […]