✦ *संस्कृत में दूध के तीन मूल नाम मुख्यत:-* *इस प्रकार प्रचलित हैं :–* *दुग्ध, क्षीर और पय।* *‘दुग्धं क्षीरे पूरिते च’, ‘क्षीरं पानीयदुग्ध यो: पयः क्षीरे च नीरे च’* *इन तीनों नामों की व्युत्पत्तियां संस्कृत में बहुप्रचलित हैं। इनके अलावा दूध के हजारों विशेषण नाम संसार की हर भाषा में प्रयोग […]
Month: July 2022
क्या थे भगतसिंह? भगतसिंह के प्रेरणास्रोत: सरदार अर्जुन सिंह डॉ0 विवेक आर्य इस लेख को पढ़ने वाले ज्यादातर वे पाठक हैं जिन्होंने आजाद भारत में जन्म लिया। यह हमारा सौभाग्य है कि हम जिस देश में जन्मे हैं, उसे आज कोई गुलाम भारत नहीं कहता, उपनिवेश नहीं कहता- बल्कि संसार के एक मजबूत स्वतंत्र राष्ट्र […]
मांसाहार से होने वाली हानि:
1; हावर्ड मेडिकल स्कूल के डा डी एस वर्न्सटीन के वर्षो के किए गए शोध के अनुसार मासाहारियो का मुत्र प्राय अम्लीय होता है फ़ल्तयः शरीर का पी एच को उदासीन रखने से हड्डिया कमजोर हो जाती है। 2; मासाहार से ह्रदय रोग, उच्च रक्तचाप, थ्रोम्बोसिस, लकवा,गुर्दे, पित्ताश्य की पथरी, यकृत रोग आदि होते है। […]
क्रान्तिकारी नायक मंगल पाण्डेय – वीरवर मंगल पाण्डेय का जन्म 19 जुलाई 1827 को वर्तमान उत्तर प्रदेश, जो उन दिनों संयुक्त प्रान्त आगरा व अवध के नाम से जाना जाता था, के बलिया जिले में स्थित नगवा गाँव के एक सामान्य परंतु प्रतिष्ठित सरयूपारीण ब्राम्हण परिवार में हुआ था। स्वाधिनता की वेदी पर पहला बलिदान […]
19 जुलाई/इतिहास-स्मृति जलियांवाला के प्रतिशोधी ऊधमसिंह ऊधमसिंह का जन्म ग्राम सुनाम ( जिला संगरूर, पंजाब) में 26 दिसम्बर, 1899 को सरदार टहलसिंह के घर में हुआ था। मात्र दो वर्ष की अवस्था में ही इनकी माँ का और सात साल का होने पर पिता का देहान्त हो गया। ऐसी अवस्था में किसी परिवारजन ने इनकी […]
श्रावणी पर्व की महत्ता
#डॉ_विवेक_आर्य सावन मास श्रावण का परिवर्तित नाम है। इस मास की वैदिक महत्ता ऋषि मुनियों के समय से प्रचलित है।विक्रमी संवत के अनुसार श्रावण पांचवा मास है। प्राचीन काल में श्रवण मास को जीवन का अभिन्न अंग समझा जाता था। कालांतर में विदेशी संस्कृति के प्रचार से जनमानस इसे भूल गया है। श्रावणी पर्व के […]
पुस्तक के विषय में कश्मीर का दर्द कितना पुराना है? इसके सच को देश के लोगों से छुपा कर रखा गया। अभी कुछ समय पूर्व ही जब कश्मीर से हिंदुओं का सामूहिक पलायन कराया गया तो उसका भी पूरा सच लोगों के सामने नहीं आने दिया। धरती का स्वर्ग कही जाने वाली कश्मीर उसके मूल […]
मंदिरों में व्यभिचारिणी पूजा
आज देश में जितने भी प्रमुख मंदिर हैं ,उन सभी मंदिरों के पुजारियों और वेश्याओं में कोई अंतर नहीं रहा है ‘आज तक हिन्दू अज्ञानवश यही मानते आये हैं कि मुस्लिम हमलावरों ने हिन्दुओं के मंदिर तोड़े , मूर्तिओं को खंडित किया , और जिनको नहीं तोड़ सके उन मंदिरों को अपवित्र किया है , […]
रमेश सर्राफ धमोरा मौजूदा नियमों के मुताबिक किसी पार्टी के दो तिहाई व उससे अधिक विधायक एक साथ किसी अन्य पार्टी में विलय करते हैं तो उनकी सदस्यता बच जाती है। इसी का फायदा उठाकर राजनीतिक दलों द्वारा धड़ाधड़ दलबदल करवाया जा रहा है। महाराष्ट्र में शिवसेना पार्टी के विधायकों द्वारा दलबदल करने के कारण […]
यूं देखा जाय तो श्रीलंका भी भारत के एक राज्य जितना बड़ा है। यदि श्रीलंका को भारत में मिलाया जाय तो वह भारत के किसी भी एक राज्य के समान ही रहेगा। आज भारत के कुछ राज्यों की आर्थिक स्थिति भी एक तरह से श्रीलंका की राह पर जाती दिख रही है। भारतीय रिजर्व बैंक […]