ओ३म् -गुरुकुल पौंधा के उत्सव का दूसरा दिवस ========= देहरादून स्थिति गुरुकुल पौंधा का 22वां वार्षिकोत्सव प्रगति पर है। दिनांक 4-6-2022 को उत्सव का दूसरा दिन था। इस दिन प्रातः सामवेद वेदपारायण यज्ञ पांच यज्ञ-वेदियों में किया गया। 4 ब्रह्मचारियों ने वेदमन्त्रों का पाठ किया। यजमानों ने स्वाहा बोलकर यज्ञ में आहुतियां प्रदान की। यज्ञ […]
महीना: जून 2022
ओ३म् -श्रीमद्दयानन्द आर्ष ज्योतिर्मठ गुरुकुल के वार्षिकोत्सव का प्रथम दिवस- ========== श्रीमद्दयानन्द आर्ष ज्योतिर्मठ गुरुकुल, पौन्धा-देहरादून आर्यजगत का एक प्रसिद्ध गुरुकुल है जिसने 22 वर्ष पूर्व अपनी स्थापना के बाद अनेक उल्लेखनीय कार्य किये हैं। इसके छात्रों ने राष्ट्रीय स्तर पर अनेक प्रतियोगिताओं में प्रथम व द्वितीय पुरस्कार एवं सम्मान आदि प्राप्त किये हैं। गुरुकुल […]
ओ३म् -गुरुकुल पौंधा में स्वाध्याय शिविर का आयोजन- ======== गुरुकुल पौंधा-देहरादून का तीन दिवसीय 22वां वार्षिकोत्सव 3 जून से 5 जून 2022 तक आयोजित किया गया है। इस अवसर पर 29 मई से 2 जून 2022 तक एक स्वाध्याय शिविर का आयोजन किया गया जिसमें आर्यसमाज के शीर्ष विद्वान डा. सोमदेव शास्त्री, मुम्बई ऋषि दयानन्द […]
उगता भारत ब्यूरो उत्तर प्रदेश में कोर्ट के आदेश के बाद वाराणसी के ज्ञानवापी ‘विवादित ढाँचे’ के सर्वे (Gyanvapi Masjid Survey) का काम सोमवार (16 मई, 2022) को पूरा हो चुका है। अदालत के निर्देश पर सर्वे की टीम ने ‘विवादित ढाँचे’ के परिसर में बनी छत, दीवारों से लेकर तहखाने तक का सर्वे किया। […]
=============== *क्या आदियोगी भगवान शिव भांग का सेवन करते थे*? भारतवर्ष में भांग के पौधे से अधिकांश जन परिचित है। पहाड़ हो या मैदान उत्तर भारत हो या दक्षिण भारत भांग का पौधा खेतों की मेड, नदी -नालों’ जलीय स्रोतों के किनारे दिख ही जाता है। संस्कृत, हिंदी, अंग्रेजी में भांग के दर्जनों नाम है। […]
काबुल में भारतीय दल की उपस्थिति के क्या मायने हैं और इससे चीन और पाकिस्तान की क्यों उड़ी नींद अभिनय आकश रूस, अमेरिका, चीन से अलग भारत का संबंध अफगान लोगों से रहा है, तालिबान संग रिश्ते सुधारने की कोशिश उसी की एक कड़ी है यूपीए-2 के शासन का आखिर वर्ष और तालिबान के पहले […]
ललित गर्ग संघ प्रमुख भागवत ने नागपुर में संघ के विशिष्ट पदाधिकारी सम्मेलन में दिये गये अपने उद्बोधन में साफ किया कि मुस्लिम भी इसी देश के हैं और उनके पुरखे भी हिन्दू ही रहे हैं। उन्होंने किसी कारणवश इस्लाम धर्म स्वीकार कर पृथक पूजा पद्धति अपनाई। किसी भी देश की माटी को प्रणम्य बनाने, […]
सुधीर मिश्र तुलसीदास जी ने रामचरित मानस में लिखा है- जनि कल्पना करि सुजसु नासहि नीति सुनहि करहि छमा । संसार महँ पुरुष त्रिबिध पाटल, रसाल पनस समा ।। एक सुमनप्रद एक सुमन फल एक फलइ केवल लागहिं। एक कहहिं कहहिं करहिं अपर एक करहिं कहन न बागहीं।। इन पंक्तियों में रामचन्द्र जी रावण से […]
म्यांमार के संत असिन विराथु के पास एक दिन एक ग्रामीण महिला आयी और कहा महाराज अब ये देश छोड़कर जाने का समय हो चला है। इस देश मे औरतों के साथ खुलेआम बलात्कार होने लगा है। बौद्ध पुरुष संख्या में कम होते जा रहे हैं उनकी हत्याएं हो रही हैं और ये काम म्लेच्छ […]
क्षत्रिय – धर्म माधव बोले पार्थ सुन – क्षत्रिय धर्म आख्यान । राष्ट्रधर्म समाविष्ट है, इसके बनकर प्राण ।। क्षत्रिय धर्म सबसे बड़ा – इससे बड़ा न कोय। जो इसका पालन करे – वह ना कायर होय ।। क्षत्रिय क्षरण को रोकता – पतन से लेत उबार । दुर्बल का सहायक बने , करें दुष्ट […]