Categories
इतिहास के पन्नों से हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

फांसी से पूर्व राम प्रसाद बिस्मिल की अंतिम रचना”

_________________________________________ सोचिए फांसी से पूर्व अच्छे-अच्छे की मानसिक स्थिति बिगड़ जाती है लेकिन बिस्मिल देशभक्ति ओज वीर रस से युक्त रचनाएं रच रहे हैं| इससे यह पता चलता है बिस्मिल कितने परिपक्व मानसिक तौर पर मजबूत थे| रामप्रसाद बिस्मिल महान क्रांतिकारी होने के साथ-साथ उच्च कोटि के साहित्यकार शायर भी थे उनकी रचनाएं मातृभूमि को […]

Categories
आज का चिंतन बिखरे मोती

बिखरे मोती : कड़वे अतीत को भूलना ही श्रेयस्कर है:-

भूल जा कड़वे अतीत को, मत कर उसको याद। सोच समय सम्पत्ति को, कर देगा बर्बाद॥1687व भक्ति के संदर्भ में:- एक जाप एक ध्यान हो, मत भटकै चहुँ ओर। हिये में आनन्द स्रोत है, सुन अनहद का शोर॥1688॥ भगवद – भाव में जी सदा, जो चाहै कल्याण। यही कमाई संग चले, जब निकलेंगे प्राण॥1689॥ दुनिया […]

Categories
देश विदेश

आप मुहम्मद को क्या कहेंगे ?

लोग मुहम्मद के बारे में कुछ भी कहते हों ,लेकिन एक बात निर्विवाद है कि मुहम्मद जैसा व्यक्ति दुनिया में कोई नहीं हुआ .उसने लोगों कि अज्ञानता ,अंधविश्वास का पूरा पूरा फायदा उठाया था .और लोगों को मुसलमान बनाने के लिए हरेक हथकंडे अपनाये थे .इसमे डराना ,लालच देना सब शामिल हैं .इस्लाम से पाहिले […]

Categories
आतंकवाद इतिहास के पन्नों से

कश्मीर में आतंकवाद : अध्याय 12, शेख – नेहरू की जोड़ी और कश्मीर , भाग -१

अध्याय 12 शेख – नेहरू की जोड़ी और कश्मीर कश्मीर का अब्दुल्ला परिवार प्रारंभ से ही भारत विरोधी नीतियों पर काम करता रहा है। वर्तमान समय में कश्मीर को दुर्दशाग्रस्त करने में इस परिवार का विशेष योगदान रहा है। नवयुवकों को भड़काकर उनसे पत्थरबाजी करवाना, जुलूस निकलवाना, मस्जिदों में भड़काऊ भाषण दिलवाने के लिए मुल्ला-मौलवियों […]

Categories
आज का चिंतन

स्वामी विद्यानन्द विदेह वर्णित वैदिक नारी के छः भूषण”

ओ३म् ========= ऋग्वेद एवं अथर्ववेद में एक मन्त्र आता है जिसमें वैदिक नारी के छः भूषणों का उल्लेख वा वर्णन है। हम इस मन्त्र व इस पर आर्यजगत के कीर्तिशेष संन्यासी स्वामी विद्याननन्द विेदेह जी के पदार्थ व व्याख्या को प्रस्तुत कर रहे हैं। मन्त्र निम्न हैः इमा नारीरविधवाः सुपत्नीरांजनेन सर्पिषा सं विशन्तु। अनश्रवोऽनमीवाः सुरत्ना […]

Categories
हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

चरित्रवान, देशभक्त युवा भारत निर्माण के लिए देश के हर युवक के हाथ में थमा दी जाए सत्यार्थ प्रकाश व बिस्मिल की आत्मकथा*।

“जिन्हें हम हार समझे थे गला अपना सजाने को, वही अब नाग बन बैठे हमारे काट खाने को!” (राम प्रसाद बिस्मिल) आज शहीद अमर क्रांतिकारी रामप्रसाद बिस्मिल का 122 वा जन्मदिवस है.. बिस्मिल जैसे क्रांतिकारियों के लिए सच्ची श्रद्धांजलि सार्थक अर्थों में बिस्मिल को तब ही समर्पित होगी जब रामप्रसाद बिस्मिल की आत्मकथा देश के […]

Categories
उगता भारत न्यूज़

द्रोणस्थली कन्या गुरुकुल महाविद्यालय के रजत जयन्ती समारोह का समापन- “यदि देश भर में हवन का प्रचार हो तो देश रोगरहित और सुखों से पूरित हो जायेः आचार्य चन्द्रशेखर शास्त्री”

ओ३म् -मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। द्रोणीस्थली आर्ष कन्या गुरुकुल महाविद्यालय, देहरादून का रजत जयन्ती समारोह बुधवार दिनांक 8-6-2022 को सोल्लास सम्पन्न हुआ। प्रथम दिन की विशेषता यजुर्वेदीय यज्ञ एवं वेद सम्मेलन का आयोजन था। दूसरे दिन गुरुकुल की 25 स्नातिकाओं को दीक्षा देते हुए उनका समावर्तन संस्कार किया गया। तीसरने दिन 8 जून को प्रातः […]

Categories
आओ कुछ जाने

क्या आप भी चाहते हैं राष्ट्रपति का चुनाव लड़ना ?

उगता भारत ब्यूरो राष्ट्रपति चुनाव के शेड्यूल का ऐलान हो चुका है। देश के नए राष्ट्रपति के लिए 18 जुलाई को वोटिंग होगी और 21 जुलाई को परिणाम घोषित किए जाएंगे। मौजूदा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यका 24 जुलाई को समाप्त हो रहा है। राष्ट्रपति चुनाव किस तरह होता है और इसकी योग्यता क्या होती […]

Categories
इतिहास के पन्नों से

अम्बेडकर के बारे में फैलाये गये मिथक और उनकी सच्चाई ?

▪️1-मिथक-अंबेडकर बहुत मेधावी थे। सच्चाई – अंबेडकर ने अपनी सारी शैक्षणिक डिग्रीयां तीसरी श्रेणी में पास की। ▪️2-मिथक -अंबेडकर बहुत गरीब थे! सच्चाई -जिस जमानें में लोग फोटो नहीं खींचा पाते थे उस जमानें में अंबेडकर की बचपन की बहुत सी फोटो है, वह भी कोट पैंट और टाई में! ▪️3-मिथक- अंबेडकर ने शूद्रों को […]

Categories
इतिहास के पन्नों से

जिसने हमारे देश की संस्कृति और सम्मान को नष्ट किया उसकी मजार पर हम झुकाते हैं शीर्ष

उगता भारत ब्यूरो तुलसीदास जी बहराइच में जारी इस “भेड़चाल के बारे में वे अपनी “दोहावली” में कहते हैं – लही आँखि कब आँधरे, बाँझ पूत कब ल्याइ । कब कोढ़ी काया लही, जग बहराइच जाइ॥ अर्थात “पता नहीं कब किस अंधे को आँख मिली, पता नहीं कब किसी बाँझ को पुत्र हुआ, पता नहीं […]

Exit mobile version