सत्य शील और सोम्यता, से भूषित श्रीराम । जिसमें हों ये विभूतियाँ, पावै मुक्ति-धाम॥1685॥ भावार्थ:- भगवान राम का व्यक्तित्व अप्रतिम है, मर्यादा से परिपूर्ण है, जीवन के हर क्षेत्र में उन्होंने मर्यादा का पालन करके उन्होंने उत्कृष्ट आदर्श उपस्थित किया है। चाहे गुरु के प्रति शिष्य – धर्म हो, पितृ – धर्म हो, पत्नीव्रता – […]
