ओ३म् ========= हमारे पुस्तक संग्रह में ‘चतुर्वेद शतकम्’ नामक पुस्तक के दो संस्करण हैं। इसका पुराना संस्करण ‘वेद ज्योति’ नाम से प्रकाशित हुआ था जिसमें चारों वेद से 100 मन्त्रों का चयन कर मन्त्र के पदार्थ एवं भावार्थ दिये गये हैं। इसका प्रथम संस्करण सम्वत् 2026 विक्रमी अर्थात् लगभग सन् 1970 में प्रकाशित हुआ था। […]
Month: May 2022
तरुण विजय नितिन गडकरी के साथ मेरा तीस से पैंतीस वर्ष पुराना सम्बन्ध है। मुझे याद है नागपुर भाजपा कार्यकारिणी के समय मैं और रमेश पतंगे जी उनके साथ बाहर निकल एक प्रसिद्ध पान की दुकान पर गए थे और पान के साथ बिंदास बातचीत की, खूब हँसे और लौटे। यह उस समय की बात […]
विनय आर्य (महामंत्री दिल्ली आर्य प्रतिनिधि सभा) अमेरिका के टेक्सास प्रांत में 18 साल के एक बंदूकधारी ने स्कू ल में घुसकर 19 बच्चोंी समेत 21 लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी। अमेरिकी इतिहास की सबसे निर्मम हत्याकओं में शामिल टेक्साूस की इस गोलीबारी के जिम्मेदार हमलावर का नाम है- सल्वामडोर रामोस। रामोस ने […]
*राष्ट्र-चिंतन* *यह कैसा जिहाद है, मुसलमान ही* *मुसलमान को ही मार रहा है* *आचार्य श्री विष्णुगुप्त* =================== मुस्लिम आतंकवादियों-कट्टरपंथियों की गोलियों से बलिदान हुई आर्टिस्ट अमरीना भट्ट के पिता सिज्जर मोहम्मद भट्ट ने बड़ा ही विचारनीय प्रश्न खड़ा किया है, उनका कहना है कि मुस्लिम आतंकवादियों और कट्टरपंथियों का यह कैसा जिहाद है, जिसमें मुसलमान […]
*राष्ट्र-चिंतन* *आचार्य श्री विष्णुगुप्त* ==================== अखिलेश यादव भी आत्मघाती और जगहंसाई राजनीति का नमूना बनते जा रहे हैं। इस कसौटी पर उनकी तुलना राहुल गांधी से हो रही है। राहुल गांधी और अखिलेश यादव के बीच बहुत सारी समानताएं भी है। ये दोनों वंशवादी राजनीति की उपज हैं। दोनों के पिता और अन्य रिश्तेदार राजनीति […]
इस्लाम की असलियत ….
इस्लाम १४०० साल पुराना है जिन्हें आप मुस्लिम समझते हैं वे सब पूर्व में आर्यावर्त से भागे हुए थे .ये सब पूर्व में शुक्राचार्य के समर्थक थे जो हमेशा सनातन हिंदी धर्म के विरोधी रहे ..वही शिक्षा उनहोंने अपने शिष्यों को भी दी .जब भारत में उनकी दाल नहीं गली तो वे अपने चेलों को […]
सरयू आरती को और लोकप्रिय किया जाय
प्रस्तुति डा. राधे श्याम द्विवेदी आरती’ शब्द संस्कृत के ‘आर्तिका’ शब्द से बना है जिसका अर्थ है अरिष्ट, विपत्ति, आपत्ति, कष्ट, क्लेश । भगवान की आरती को ‘नीराजन’ भी कहते हैं । नीराजन का अर्थ है ‘विशेष रूप से प्रकाशित करना’ । इस प्रकार मात्र तीन अक्षरों की आरती अपने में विशाल अर्थ का बोध […]
ओ३म् ========= वेद ज्ञान को कहते हैं। वेद इस सृष्टि के आदि काल में प्राप्त ज्ञान हैं। यह संहिता रूप में है जो आज भी उपलब्ध हैं। अनुमान है कि चार वेदों के हिन्दी भाष्य प्रायः सभी सक्रिय आर्य समाज के सदस्यों के पास उपलब्ध हैं। प्रश्न है कि वेदों के ज्ञान को किसने कब […]
अभी नहीं संभले तो हालात विकट होंगे डॉ. सौरभ मालवीय प्राचीन काल में जल संरक्षण पर विशेष बल दिया जाता था। तालाब बनाए जाते थे एवं कुएं खोदे जाते थे। वर्षा का जल तालाबों आदि में एकत्रित हो जाता था। इन तालाबों से मनुष्य ही नहीं, जीव-जंतु भी लाभान्वित होते थे। मनुष्य का शरीर पंचभूत […]
मुगल काल को छद्म इतिहासकारों ने भारत के इतिहास का स्वर्णिम युग कहने तक की मूर्खता की है। यद्यपि इस काल में हिन्दू विरोध की बयार बड़ी तेजी से बहती रही । कहीं पर भी ऐसा कोई आभास हमें नहीं होता जिससे यह अनुमान लगाया जा सके कि मुगल काल में भारत में हिंदू धर्म, […]