गाजियाबाद। (आरबीएल निगम ) राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार आए दिन नए विवादों में फंसती नजर आ रही है। नेता, विधायक और मंत्री अपनी ढपली अपना राग की तर्ज पर नाच रहे हैं। जनता के दुख-दर्द की, शोषितों-पीड़ितों-वंचितों की पीड़ा की किसी को फिक्र नहीं है। कांग्रेसियों को सिर्फ अपनी फिक्र है। अपने जेब की […]
महीना: अप्रैल 2022
बिखरे मोती प्रतिभापुँज व्यक्ति आकर्षण का केंद्र होता है प्रतिभापुँज संसार में, बिरला होता कोय। आकर्षण का केंद्र हो, सभा भी रोशन होय॥1669॥ भावार्थ:- जिस प्रकार झील का कमल और सरोवर का हंस दोनों ही अपनी उपस्थिति से यथा स्थान शोभा में चार चांद लगाते हैं, वहां की शोभा बढ़ाते हैं, ठीक इसी प्रकार प्रतिभा […]
गतांक से आगे… जिसको इन बातों के जाने की न तो फुर्सत है न जरूरत है, उसे नहीं मालूम कि हमारी वास्तविक दशा क्या है, हमारे प्राचीन वैदिक धर्म क्या है और हमारा प्राचीन आर्य आदर्श क्या है ? अभी गत पृष्ठों में हमने दो जातियों के द्वारा शास्त्रविध्वंस का वर्णन किया और दिखलाया दिया […]
_ ____________ हाय! जननी जन्मभूमि छोड़कर जाते हैं हम | वश नहीं चलता है रह-रह कर पछताते हैं हम | स्वर्ग के सुख से भी ज्यादा सुख मिला हमको यहां इसलिए तजते इसे हर बार शरमाते हैं हम | ऐ नदी, नालों, दरख्तो , ये मेरा कसूर , माफ करना जोड़ ,कर ,तुमसे फरमाते हैं […]
🚩 दादरी। आर्य प्रतिनिधि सभा गौतम बुद्ध नगर के तत्वाधान में ग्राम पल्ला में वानप्रस्थी देव मुनि जी के पैतृक आवास में स्थित देवालय के पवित्र परिसर में वैदिक हिंदू नव वर्ष विक्रमी संवत 2079 तथा आर्य समाज का 148 वां स्थापना दिवस संवत्सर परक मंत्रों से किए गए विशेष यज्ञ वैदिक विचार गोष्ठी के […]
ओ३म् ========== आज नव सृष्टिसंवत् एवं विक्रमी संवत्सर आरम्भ हुआ है। हमारे पास समय की अवधि की जो गणनायें हैं वह दिन, सप्ताह, माह व वर्ष में होती हैं। यदि सृष्टि की उत्पत्ति, मानवोत्पत्ति अथवा वेदोत्पत्ति का काल जानना हो तो वह वर्षों में बताया जाता हैै। वैदिक गणनाओं में वर्ष की अवधि सामान्यतः 360 […]
अभिजीत सिंह 1947 में जब भारत आजाद हुआ था तब जम्मू-कश्मीर का कुल क्षेत्रफल था 2,22,236 वर्ग किलोमीटर जिसमें से चीन और पाकिस्तान ने मिलकर लगभग आधे जम्मू-कश्मीर पर कब्ज़ा किया हुआ है और भारत वर्ष के पास केवल 1,02,387 वर्ग किलोमीटर कश्मीर भूमि शेष है। जम्मू-कश्मीर के जो भाग आज हमारे पास नहीं हैं […]
‘तलाश’ : (कहानी संग्रह)
‘तलाश’ ( कहानी संग्रह) की संपादक डॉ अनीता श्रीवास्तव और सह संपादक श्रीमती सपना शर्मा हैं। इस कहानी संग्रह में विभिन्न विद्वान लेखक – लेखिकाओं की चयनित कहानियों को संकलित कर प्रस्तुत किया गया है। कुल 25 कहानियां इस पुस्तक में संकलित की गई हैं। जब भी कोई साहित्यकार कोई साहित्य सृजना करता है तो […]
हिंदी के विकास में रोड़े अटकाने का इतिहास
उमेश चतुर्वेदी हिंदी की इस भावी हालत को संविधान निर्माताओं ने समझा था। संविधान निर्माताओं को लगता था कि अगर हिंदी में संविधान बनेगा तो वह भारतीय मानस को पूरी तरह गुलामी से मुक्ति की अभिव्यक्ति का माध्यम तो बनेगा ही, भारतीय लोगों पर भारतीय तरीके से शासन का जरिया भी बनेगा। संवैधानिक मान्यता हासिल […]
शंकर शरण हमारे दल विविध इस्लामी नेताओं संस्थानों संगठनों आदि को सम्मान अनुदान संरक्षण तो देते रहते हैं पर उनके काम का आकलन कभी नहीं करते। तब्लीगी जमात का नाम अभी घर-घर पहुंच जाने के बाद भी उसके काम और उद्देश्य के बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। पूछने पर बड़े-बड़े विद्वान और नेता […]