——— इंजीनियर श्याम सुन्दर पोद्दार, महामन्त्री,वीर सावरकर फ़ाउंडेशन ——————————————— भारत विरोध करना भारत के वामपंथियों की पहली पसंद है। कांग्रेस और इनके ठगबंधन ने देश को जितनी हानि पहुंचाई है उतनी किसी अन्य ने नहीं । कहने के लिए यह दोनों अलग अलग राजनीतिक विचारधाराओं का प्रतिनिधित्व करते हैं, परंतु सच्चाई यह है कि भारत […]
महीना: अप्रैल 2022
श्री राम तिवारी 2 अप्रैल गुड़ी पड़वा पर विशेष लेख स्वाधीन भारत में संविधान स्वीकार करते समय राष्ट्र गान एवं राष्ट्र ध्वज के साथ-साथ राष्ट्रीय स्तर पर दो सम्वत् अंगीकार किये गये हैं. पहला ईस्वी सम्वत् और दूसरा शक सम्वत्। ये दोनों ही सम्वत् भारत आक्रांताओं और उसे पराधीन बनाने वाली शक्तियों द्वारा प्रवर्तित किये […]
अश्वनी महाजन रूस द्वारा यूक्रेन पर युद्ध करने के बाद जब यूक्रेन में फंसे भारतीयों की बात सामने आई तो एक बात जिसकी जानकारी सरकार और कुछ अन्य लोगों को थी, लेकिन आम समाज इस बात से अनभिज्ञ था कि यूक्रेन में 20 हजार भारतीय विद्यार्थी रह रहे थे, जिसमें हजार मेडिकल विद्यार्थी थे। यूक्रेन […]
शहीद रामप्रसाद बिस्मिल ने अपनी आत्मकथा में लिखा है………………………..| ” मेरे बाद पांच बहनों का जन्म हुआ दादा जी ने कुल की कुप्रथा के अनुसार कन्याओं को मारने की कोशिश की परंतु मेरी माता जी ने इन कन्या के प्राणों की रक्षा की उन्हें अच्छी शिक्षा दी तथा धूमधाम से उनकी शादी की” “स्त्रियों की […]
आइंस्टीन ने अपने मरने से पहले कहा था……
आइंस्टीन ने मरने के पहले कहा कि जब मैंने विज्ञान की खोज शुरू की थी, तो मैं सोचता था कि आज नहीं कल, सब जान लिया जाएगा। और आइंस्टीन शायद मनुष्य-जाति में पैदा हुए उन थोड़े से लोगों में से एक है, जिसने सर्वाधिक जाना है। मरने के दो या तीन दिन पहले आइंस्टीन ने […]
द कश्मीर फाइल्स के बाद कश्मीरी पंडितों के बारे में देश और समाज को सोचने समझने का बहुत कुछ अवसर मिला है। दुनिया ने भी यह देखा है कि कश्मीर में कांग्रेसी सरकारों के समय में क्या होता रहा है ? – ऐसे में कश्मीर की घटनाओं और कश्मीरी पंडितों की खबरों के बारे […]
प्रवीण गुगनानी डॉ. हेडगेवार जी की जयंती पर विशेष आ सिंधु-सिंधु पर्यन्ता, यस्य भारत भूमिका l पितृभू-पुण्यभू भुश्चेव सा वै हिंदू रीति स्मृता ll इस श्लोक के अनुसार “भारत के वह सभी लोग हिंदू हैं जो इस देश को पितृभूमि-पुण्यभूमि मानते हैं” वीर दामोदर सावरकर के इस दर्शन को राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का मूलाधार […]
गीत – 3 ( दोहे) गीता का दिव्य धर्म
गीता का दिव्य धर्म कर्तव्य कर्म की भव्यता – देती सदा आनन्द । ‘दिव्य धर्म’ इससे बड़ा देता परमानन्द।। कर्तव्य कर्म को जानकर जो जन करते काम। जग उनका वन्दन करे , जन करते गुणगान ।। ‘दिव्य धर्म’ हमसे कहे – जानो प्रभु की तान। संग उसी के तान दो निज कर्मों की तान।। जन्म […]
प्रो. रामेश्वर मिश्र पंकज शिक्षा संस्थानों और मीडिया द्वारा फैलाये गये व्यापक अज्ञान का यह कारण है कि कुछ उत्साहित नवशिक्षित हिन्दू इस कल्पना से प्रसन्न हो रहे हैं कि उच्चतर माध्यमिक या माध्यमिक कक्षाओं में गीता, कुरान और बाईबिल का सार साथ-साथ पढ़ाया जायेगा। अपनी मूढ़ता में मग्न वे मान रहे हैं कि गीता […]
वीर शिरोमणि मराठा शूर शिवाजी की 342वी जयंती पर विशेष आलेख। 3 अप्रैल 1680 को रायगढ़ के किले में शिवाजी का महाप्रयाण हुआ। कुछ इतिहासकारों के अनुसार उनका निधन टाइफाइड से हो गया था और आखिरी 3 दिन में तेज बुखार से ग्रस्त थे ।कुछ इतिहासकार इस को जहर देकर उनकी हत्या करना भी मानते […]