उगता भारत ब्यूरो “हाल ही में एक रिपोर्ट में खुलासा किया गया, वर्ष 2009 से केरल और मैंगलोर की लगभग 32000 लड़कियों को हिंदू और ईसाई से इस्लाम मजहब में कन्वर्ट किया गया है और उनमें से ज्यादातर सीरिया, अफगानिस्तान और अन्य ISIS व हक्कानी प्रभावशाली क्षेत्र में पहुँच जाती हैं।” कश्मीरी पंडितों के नरसंहार […]
Month: March 2022
भारत वर्ष के इतिहास में ऐसे अनेक उदाहरण हैं जब कोई हिंदू मुसलमान बना तो उसने मुसलमान बनने के बाद अपने मूल धर्म के लोगों के साथ अप्रतिम अत्याचार किए। यदि आज के पश्चिम बंगाल की बात करें तो कभी यहां पर कालापहाड़ नाम का एक हिंदू था, जिसे वहां के नवाब ने अपनी […]
पश्चिम बंगाल के बीरभूम में 8 लोगों की निर्मम हत्या के बाद अब पूरा देश ममता सरकार से सवाल कर रहा है। पीएम मोदी द्वारा घटना पर दुख जताने और कलकत्ता हाईकोर्ट द्वारा राज्य सरकार से रिपोर्ट माँगने के बीच आज बंगाल मुख्यमंत्री ममता बनर्जी घटनास्थल पर लोगों से मिलने जाएँगी। उनकी पार्टी समर्थकों पर […]
#डॉ_विवेक_आर्य हिन्दू समाज में भी यही माना जाता है कि हिंदुस्तान में जितने भी मुस्लमान सूफी, फकीर और पीर आदि हुए हैं, वे सभी उदारवादी थे। हिन्दू-मुस्लिम एकता के प्रतीक थे। वे भारतीय दर्शन और ध्यान योग की उपज थे। मगर यह एक भ्रान्ति है। भारत देश पर इस्लामिक आकर्मण दो रूपों में हुआ था। […]
पल्ला की प्यास कौन बुझाएगा …..?
_____________________________ मोहे सुन- सुन आवे हांसी रे पानी में मीन प्यासी रे…..! भक्ति काल में यह दोहा कबीर ने अज्ञानी मनुष्यो के लिए रचा जो भगवान के पास होते हुए भी भगवान से कोसो दूर है….. ना अब भक्ति काल है और ना भक्ति के सही स्वरूप को कोई समझना चाहता जमाना केवल समझता है […]
शंकर शरण एक बार प्रसिद्ध लेखक सलमान रुश्दी ने पूछा था, ”जिस मजहबी विश्वास में मुसलमानों की इतनी श्रद्धा है, उसमें ऐसा क्या है जो सब जगह इतनी बड़ी संख्या में हिंसक प्रवृत्तियों को पैदा कर रही है?” दुर्भाग्य से अभी तक इस पर विचार नहीं हुआ। जबकि पिछले दशकों में अल्जीरिया से लेकर अफगानिस्तान […]
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ आज पूरे विश्व में सबसे बड़ा स्वयंसेवी संगठन बन गया है। वैश्विक स्तर पर कई देशों में तो संघ की कार्य पद्धति पर कई शोध कार्य किए जा रहे हैं कि किस प्रकार यह संगठन अपने 97 वर्षों के लम्बे कार्यकाल में फलता फूलता रहा है एवं किस प्रकार यह समाज के […]
देवेन्द्र सिंह आर्य( चेयरमैन ‘उगता भारत’ समाचार पत्र) प्रायः यह कहा जाता है कि यदि हिंदुओं को तलवार या धन के कारण मुस्लिम या ईसाई बनया जाता तो आज एक भी हिन्दू नहीं बचता। हिंदुओं कि रक्षा के लिए धर्म सत्ता ( संत कबीर, रविदास, सुंदरदास, समर्थ गुरु रामदास और महर्षि दयानन्द आदि ) और […]
डॉ. राजेन्द्र प्रसाद शर्मा सोशल मीडिया के प्लेटफार्मों के चलते पोस्टकार्ड ही नहीं अपितु अब तो ईमेल भी बेमानी होती जा रही है। ईमेल तो अब दस्तावेजों के आदान-प्रदान का माध्यम बनती जा रही है। हालांकि ईमेल का अपना महत्व आज भी बरकरार है। बात भले ही अजीब लगे पर अब मनोविज्ञानी भी मानने लगे […]
प्रो. संजय द्विवेदी 1960 में के. आसिफ ने अकबर की बादशाहत पर ‘मुगले-ए-आजम’ के तौर पर एक भव्य और ऐतिहासिक फिल्म बनाई’, जबकि उसी वक्त राजकपूर ‘जिस देश में गंगा बहती है’ और दिलीप कुमार ‘गंगा-जमुना’ जैसी फिल्में बना रहे थे। समाज की बेहतरी, भलाई और मानवता का स्पंदन ही भारतबोध का सबसे प्रमुख तत्व […]