डॉ. वेदप्रताप वैदिक महाराष्ट्र और कर्नाटक ने संविधान के ढीले-ढाले प्रावधानों का सहारा लेकर मज़हबी और भाषाई आधार पर अपने नागरिकों को बहुसंख्यक और अल्पसंख्यक वर्गों में बांट रखा है। हमारी केंद्र सरकार ने उक्त याचिका का समर्थन करते हुए संवैधानिक प्रावधान का हवाला भी दे दिया है। इधर सर्वोच्च न्यायालय में एक बड़ी मजेदार […]
