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इतिहास के पन्नों से हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

हिंदू इतिहास के हीरा हैं चौ0 तख्तमल सिंह

चौधरी जयदीप सिह ‘नैन’ चौधरी तख्तमल जी पंजाब के मुक्तसर के पास मत्ते की सराय(सराय नागा) के 70 गांवों के स्वतंत्र जाट जागीरदार थे। उनका जन्म 4 मार्च 1465 के आस पास हुआ बताया जाता है। वे बहुत वीर और धनी पुरुष थे। द्वितीय सिख गुरु अंगद देव जी के पिता फेरूमल(खत्री)जी जब आर्थिक रूप […]

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इतिहास के पन्नों से स्वर्णिम इतिहास

प्राचीन काल में भारत शिक्षा का वैश्विक केंद्र था, इस गौरव को पुनः प्राप्त करना अब जरूरी

भारतीय संस्कृति विश्व की सबसे पुरानी एवं महान संस्कृति मानी जाती है एवं भारत में शिक्षा को अत्यधिक महत्व देकर इसे प्रकाश का स्त्रोत मानकर मानव जीवन के विभिन क्षेत्रों को आलोकित किया जाता रहा है एवं यहां आध्यात्मिक उत्थान तथा भौतिक एवं विभिन्न उत्तरदायित्वों के विधिवत निर्वहन के लिये शिक्षा की महती आवश्यकता को […]

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देश विदेश

हिंदू समाज की तरह ही इस्लाम और ईसाई जगत में भी है वर्ण व्यवस्था

आइये आपको एक बड़ा सा झूठ सुनाते हैं | बरसों से सुनते आ रहे होंगे, एक बार फिर से मेरा दोहराना भी जरूरी है | आखिर समाज में मेरा भी तो योगदान बनता है !! वर्ण व्यवस्था हिन्दू धर्म में होती है | इसाई में नहीं होती, मुस्लिम भी नहीं मानते, मतलब कुल मिला के […]

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भारतीय संस्कृति

भारत का सांस्कृतिक राष्ट्रवाद और मंदिर संस्कृति

विनोद बंसल (राष्ट्रीय प्रवक्ता : विश्व हिंदू परिषद) अयोध्‍या का राम मंदिर: PM became brand ambassador of Hindu faith-civilization in 20 years, Modi’s contribution in construction of these temples SSA हिन्दू समाज के 500 वर्षों के संघर्ष और 125 वर्षों की कानूनी दाव पेचों के बाद 9 नवंबर 2019 को श्री रामजन्मभूमि मामले में सुप्रीम […]

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भारतीय संस्कृति

भारत में सांस्कृतिक राष्ट्रवाद का उदय और विदेशों में मंदिरों को मिला पुनर्जीवन

विदेशों में भी किया मंदिरों को पुनर्जिवित: उन्होंने मंदिरों के सांस्कृतिक पुनरुत्थान का कार्य न सिर्फ भारत में किया बल्कि मनामा, बहरीन में 200 साल पुराने भगवान श्री कृष्ण श्रीनाथजी (श्री कृष्ण) मंदिर की 4.2 मिलियन डॉलर पुनर्विकास परियोजना का शुभारंभ भी किया। इसके अलावा, प्रधानमंत्री ने 2018 में अबू धाबी में पहले हिंदू मंदिर का शिलान्यास किया था। अनुच्छेद 370 व कश्मीर: […]

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पुस्तक समीक्षा

पुस्तक समीक्षा :  ‘भावों की उर्मियां’ ( कुंडलियां संग्रह )

‘भावों की उर्मियां’ ( कुंडलियां संग्रह ) –  की लेखिका श्रीमती शकुंतला अग्रवाल ‘शकुन’ हैं। जब मनुष्य का आध्यात्मिक जागरण होता है तो उसे ‘कुंडली जागरण’ भी कहा जाता है। ‘कुंडली जागरण’ का अर्थ है बड़ी आध्यात्मिक साधना के पश्चात एक ऐसे विशाल क्षेत्र के दर्शन हो जाना जिसमें आत्मा को आनंद के साथ उड़ान […]

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भारतीय संस्कृति

भारत का सांस्कृतिक अभ्युदय

-विनोद बंसल राष्ट्रीय प्रवक्ता-विहिप सदियों की परतंत्रता के बाद 1947 में देश को राजनैतिक स्वतंत्रता तो मिली किन्तु, दुर्भाग्यवश उसके सांस्कृतिक स्वरूप पर होने वाले अनवरत हमलों पर कोई विराम न लग सका। स्वतंत्रता के 7 दशकों तक भी हम ना तो अपने मंदिरों को मुक्त कर पाए, न नदियों को, न सांस्कृतिक विरासतों को, […]

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व्यक्तित्व

पक्के इरादे वाले सौम्य व सरल ह्रदय शिवराजसिंह

मनोज कुमार मुलायम से दिखने वाले शिवराजसिंह चौहान अपने इरादे के कितने पक्के हैं, यह उनके साथ रहने वालों को भी पता नहीं चलता है।वे जो ठान लेते हैं, उसे पूरा करते हैं और जो पूरा नहीं करते हैं, वह उनकी योजना में शामिल ही नहीं होता है। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के पहले जिन्होंने सत्ता […]

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शिक्षा/रोजगार

लगता है विदेश में पढ़ना मजबूरी नहीं एक मानसिकता बन गया है

पंकज जायसवाल 85 देशों में दस लाख से अधिक भारतीय छात्र पढ़ते हैं। 2024 तक, हमारे छात्रों के प्रति वर्ष अनुमानित $80 बिलियन खर्च करने की उम्मीद है। इतने सारे छात्र विदेश क्यों जा रहे हैं? प्रतिबिंबित करना आवश्यक है। आइए पहले हम भारत में चिकित्सा शिक्षा की जांच करें। पिछले सात वर्षों में देश […]

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व्यक्तित्व

योगी आदित्यनाथ के व्यक्तित्व की विलक्षणता

दयानन्द पांडेय रोते तो हम सभी हैं। किसी न किसी मौक़े पर। किसी दुःख में , किसी सुख में। अनायास। पर आज तीसरी बार योगी मुख्य मंत्री को रोते हुए देखा। पहली बार संसद में रोते देखा था। जब वह गोरखपुर में अपनी गिरफ़्तारी का विवरण देते हुए फूट-फूट कर रोए थे। कुछ लोगों ने […]

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