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महत्वपूर्ण लेख

हर प्रकार के दबाव से मुक्त होकर दूसरी पारी खेलेंगे योगी आदित्यनाथ

 आनंद सिंह 2022 में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में चुनाव लड़ा गया और बेशक 2017 वाला आंकड़ा इस बार पार्टी नहीं छू सकी पर जिस आंकड़े को छुआ गया, वह भी शानदार है। 403 सीटों के लिए बहुमत होता है 202 लेकिन भाजपा को कुल सीटें मिलीं 255। 2017 से 2022 तक उत्तर प्रदेश काफी […]

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महत्वपूर्ण लेख

योगी आदित्यनाथ के नाम से भयभीत भारत का विपक्ष

पंकज जायसवाल उत्तर प्रदेश चुनाव में योगी आदित्यनाथ की जीत का भारतीय राजनीति पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा है। यह कानून और व्यवस्था, सामाजिक और आर्थिक विकास को ध्यान में रखते हुए और सांस्कृतिक जड़ों को वापस लाने के लिए किसी भी राज्य या देश के प्रशासन को कैसे चलाया जाना चाहिए, इस पर मतदाताओं और […]

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हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

सह्याजी राव गायकवाड़, महर्षि दयानंद सरस्वती और शिक्षा क्रांति

डॉ.विवेकआर्य महाराजा सह्याजी राव गायकवाड़ आर्य समाज के संस्थापक महर्षि दयानन्द सरस्वती के शिष्य थे। स्वामी दयानन्द द्वारा “सत्यार्थप्रकाश” में बालक बालिकाओं की शिक्षा के सम्बन्ध में दिए दिशा निर्देशों को महाराजा जी ने अनुसरण किया था। स्वामी जी लिखते हैं- “आठ वर्ष के हों तभी लड़कों को लड़कों की और लड़कियों को लड़कियों की […]

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आज का चिंतन

वैदिक साहित्य और पुनर्जन्म की व्याख्या

पुनर्जन्म – विवेचना उगता भारत ब्यूरो एक शरीर को त्याग कर दूसरा शरीर धारण करना ही पुनर्जन्म कहलाता है। चाहे वह मनुष्य का शरीर हो या पशु, पक्षी, कीट, पतंग आदि कोई भी शरीर। यह आवागमन या पुनर्जन्म एक शाश्वत सत्य है। जो जैसे कर्म करता है,वह वैसा ही शरीर प्राप्त करता है।धनाढ़य, कंगाल, सुखी,दुःखी, […]

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उगता भारत न्यूज़

*होली स्वस्थ रखने का अचूक पर्व है -विमलेश बंसल दर्शनाचार्य*

*”होली का वैदिक स्वरूप” पर गोष्ठी सम्पन्न *होली सामाजिक समरसता का संदेश देता है -अनिल आर्य* शनिवार 19 मार्च 2022,केन्द्रीय आर्य युवक परिषद् के तत्वावधान में “होली का वैदिक स्वरूप” पर ऑनलाइन गोष्ठी का आयोजन किया गया। यह कोरोना काल मे 374 वां वेबिनार था। मुख्य वक्ता दर्शनाचार्या विमलेश बंसल ने होली का वैदिक़ स्वरुप […]

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आतंकवाद

द कश्मीर फाइल्स : वो ज़ालिम दिन तू पूछेगा वो कातिल रात पूछेगा

अंकुर अरोड़ा मेरे दादा जी एवं उन की पीढ़ी के असंख्य हिन्दुओं ने सन १९४७ में भारत विभाजन एवं उसके फलस्वरूप उपजे मज़हबी उन्माद के कारण जो भयंकर कष्ट उठाये , मेरी ये कविता उनको बयान करने की एक छोटी सी कोशिश है मुझे मालूम है बच्चे तू अब क्या बात पूछेगा वो ज़ालिम दिन […]

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पर्व – त्यौहार

भारतीय लोक परंपराओं में बहुत ही महत्वपूर्ण है होली की महिमा

चन्द्रकांत जोशी होली हमारी लोक परंपरा और धार्मिक आस्था का ऐसा त्यौहार है जिसे अमीर गरीब सब साथ मिलकर मनाते हैं। पिछले कुछ सालों से होली से लेकर दिवाली के खिलाफ तथाकथित बुध्दिजीवियों और न्यायालय में बैटे न्याय के पहरेदारों ने इन त्यौहारों के खिलाफ मुहिम चलाकर इनसे जुड़े उत्साह और परंपराओं को नष्ट करने […]

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इतिहास के पन्नों से

मैक्समूलर के विचार परिवर्तन में महर्षि दयानन्द का प्रभाव

मैक्समूलर के कुछ पत्र अपनी पत्नी, पुत्र आदि के नाम लिखे हुए उपलब्ध हुए हैं। पत्र-लेखक पत्रों में अपने हृदय के भाव बिना किसी लाग-लपेट के लिखता है। अतः किसी भी व्यक्ति के लिखे हुए ग्रन्थों की अपेक्षा उसके पत्रों में लिखे विचार अधिक प्रामाणिक माने जाते हैं। प्रारम्भिक विचार- मैक्समूलर के आरम्भिक काल में […]

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पर्व – त्यौहार

कविता : समर्थ भारत ही करेगा …..

कविता  — 49   भारतवर्ष कभी संपूर्ण भूमंडल पर राज्य करता था। जब मैं संसार के मानचित्र को देखता हूं और भारत के स्वर्णिम अतीत को देखता हूं तो अक्सर यह भाव मेरे हृदय में आते हैं कि संपूर्ण भूमंडल के यह सारे के सारे देश , इन देशों का इतिहास , इन देशों की […]

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महत्वपूर्ण लेख

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जीत और भाजपा का सांस्कृतिक राष्ट्रवाद

डॉ. सौरभ मालवीय देश के पांच राज्ज्यों उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर विधानसभा चुनाव में प्राप्त हुई विजय ने सिद्ध कर दिया है कि यह भाजपा के चाल, चरित्र और चेहरे की विजय है। जनता ने भाजपा में विश्वास जताया है, भाजपा की नीतियों का समर्थन किया है। वर्ष 2024 में लोकसभा चुनाव होने […]

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