भावेश मेरजा यद्यपि शाहपुरा मेवाड़-राज्य का ही एक भाग था, परन्तु अंग्रेज सरकार ने उसे स्वतन्त्र राज्य का दर्जा दिला दिया था, केवल वर्ष में एक बार शाहपुराधोश को उदयपुर के दरबार में उपस्थित होना पड़ता था। महाराजा नाहरसिंह में भी मेवाड़ के सिसोदिया वंश का रक्त था। अतः वे भी ऋषि दयानन्द की ओर […]
महीना: फ़रवरी 2022
अजय कुमार दरअसल, हिजाब का धर्म से कोई लेना देना नहीं है, बल्कि ये मानसिकता दर्शाता है कि मुस्लिम मर्दों को अपनी औरतों बच्चियों पर विश्वास नहीं है। इसलिए वह कुरान की आड़ में उन पर तरह-तरह की पाबंदियां लगाते रहते हैं। हिजाब की तुलना बिंदी चूड़ी पगड़ी से करना कुतर्क के अलावा कुछ नहीं […]
डॉ. विवेक आर्य प्रसिद्ध स्पेनिश विचारक जेवियर जुबिरी एक बार बाल कटवा रहे थे। बातों ही बातों में जेवियर और नाई के बीच इस बात पर बहस छिड़ गई कि ईश्वर है या नहीं। नाई का कहना था, ‘अगर ईश्वर होता तो दुनिया में शांति और खुशी होती न कि हिंसा और बीमारियां। अगर वह […]
शिबन कृष्ण रैणा (भारत-पाक संबंध: एक नया रूप,एक नया आयाम) अभी दो-एक दिन पहले हमारे लेखक-मित्र श्री अश्विनी कुमार चरंगू ने जम्मू से अपने एक आलेख को मुझे पढ़ने के लिए भेजा और अनुरोध किया कि इस आलेख के विषय और आशय पर मैं अपनी कोई सार-गर्भित टिप्पणी अवश्य करूँ। (आलेख अंग्रेज़ी में था)विषय चूंकि […]
ओ३म् ======== वैदिक साहित्य के प्रकाशन केन्द्र ‘हितकारी प्रकाशन समिति, हिण्डौनसिटी’ की ओर से समय-समय पर महत्वपूर्ण नवीन एवं दुर्लभ वैदिक साहित्य का प्रकाशन होता रहता है। कुछ महीने पहले सन् 2021 में समिति की ओर से ऐसा ही एक महत्वपूर्ण ग्रन्थ प्रकाशित हुआ है जिसका नाम है ‘स्वामी वेदानन्द तीर्थ के आत्म संस्मरण’। इस […]
जब तक भी तन में प्राण रहे देश का मन में अभिमान रहे हर सैनिक भारत का बलिदानी वह खून से लिखता नई कहानी निष्काम भाव से सेवा करता राष्ट्र जागरण जीवन भर करता कभी मोल नहीं लेता गर्दन का सब कुछ देश को अर्पित करता भारत मां के लिए समर्पित साध्य बनाता केवल परहित […]
मृत्युंजय दीक्षित (19 फरवरी शिवाजी जयंती पर) महाराष्ट्र के ही नहीं अपितु पूरे भारत के महानायक -वीर छत्रपति शिवा जी महाराज। एक अत्यंत कुशल महान योद्धा और रणनीतिकार थे। वीर माता जीजाबाई के सुपुत्र वीर शिवा जी का जन्म ऐसे समय में हुआ था जब महाराष्ट्र ही नहीं अपितु पूरा भारत मुगल आक्रमणकारियों की बर्बरता […]
रविवार 20 फरवरी 2022, केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के तत्वावधान में “दुनियां में रहना किस तरह” विषय पर ऑनलाइन गोष्ठी का आयोजन किया गया । वैदिक विदुषी साध्वी रमा चावला ने कहा कि संसार में अच्छे लोग अच्छाई व बुरे लोग बुराई ढूंढते है । व्यक्ति को सम भाव से कमल के फूल की तरह […]
*डॉ. वेदप्रताप वैदिक* सोश्यल मीडिया आज की जिंदगी में इतना महत्वपूर्ण बन गया है कि कई लोग 5 से 8 घंटे रोज़ तक अपना फोन या कंप्यूटर थामे रहते हैं। यदि हम मालूम करें कि वे क्या पढ़ते और देखते रहते हैं तो हमें आश्चर्य और दुख, दोनों होंगे। ऐसा नहीं है कि सभी लोग […]
यह प्रश्न विद्वानों में भी चलता है कि रावण महाबुद्धिमान होकर भी राक्षस क्यों कहा जाता है ? आज हम इसी विषय को लेकर चर्चा कर रहे हैं। रावण को दशानन कहते हैं। एक मत के अनुसार रावण का दसों दिशाओं में यश फैला हुआ था। रावण ब्राह्मण था और महाबुद्धिमान था। नाड़ी विज्ञान के […]