प्रो. भगवती प्रकाश पाकिस्तान अधिक्रांत कश्मीर यानी पीओके में कृष्णगंगा नदी के तट पर नियंत्रण रेखा से 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित प्राचीन शारदा मन्दिर, शक्तिपीठ और शारदा पीठ विश्वविद्यालय कश्मीर की संस्कृति का प्राण व पहचान रहे हैं। प्राचीन शारदा लिपि का विकास केन्द्र होने के साथ ही यह शक्ति पीठ देश के […]
महीना: फ़रवरी 2022
*देश की युवापीढी को गर्त में ले जानेवाले ‘वेलेंटाइन डे’ पर रोक लगाने हेतु सरकार ठोस कदम उठाए ! – राष्ट्रप्रेमियों की मांग* वाराणसी – पूरे विश्व में सर्वाधिक युवाशक्ति भारत में है | किंतु कई वर्षों से १४ फरवरी ‘वेलेंटाइन डे’ के रूप मे मनाने की पाश्चात्यों की कुप्रथा भारत में भी प्रचलित हो […]
कविता — 36 सत्य सनातन सर्वहितकारी आएगा जब चैत्र माह। नूतनता सर्वत्र दिखेगी हर्ष का होगा प्रवाह।। तब आप करेंगे अभिनंदन और मैं बोलूंगा नमन नमन। पसरेगी नूतनता कण-कण में मुस्काएंगे नयन नयन।। प्रतीक्षा करो उसकी बंधु ! अभी शरद यहां पर डोल रहा। अभी नूतनता का बोध नहीं अभी यहाँ पुरातन बोल रहा।। अभी […]
अशोक आर्य भारत का गौरव इस बात से ही है कि इस देश में जहां भी तप , त्याग व संयम की आवश्यकता हुई , इस देश के प्राणी, इस देश के वीर . वीरांगणाएं सदा आगे ही दिखाई दिये । अपनी आन के लिए सिर कटा दिये , धन – सम्पदा त्याग दी किन्तु […]
*”परिवार के मुखिया की मृत्यु होने पर, उस परिवार के लोग, अपने परिवार के ही किसी अधिकतम योग्य व्यक्ति को अपना नेता मार्गदर्शक निर्देशक घर का संचालक आदि के रूप में यदि स्वीकार करते हैं। और फिर वे उसके निर्देश आदेश में यदि चलते हैं, तब तो परिवार में संगठन सुरक्षा आनंद उत्साह आदि खुशियां […]
कॉलेजों में इस्लामिक कट्टरपंथ (फोटो साभार: India Today) जब भारत में चुनाव होते हैं अराजक तत्व किसी न किसी बहाने सडकों पर आकर शांति भंग करने लगते हैं। चाहे CAA का विरोध हो, कृषि कानून हों […]
तिलका माँझी उर्फ जबरा पहाड़िया (11 फ़रवरी 1750-13 जनवरी 1785) भारत के आदिविद्रोही हैं। दुनिया का पहला आदिविद्रोही रोम के पुरखा आदिवासी लड़ाका स्पार्टाकस को माना जाता है। भारत के औपनिवेशिक युद्धों के इतिहास में जबकि पहला आदिविद्रोही होने का श्रेय पहाड़िया आदिम आदिवासी समुदाय के लड़ाकों को जाता हैं जिन्होंने राजमहल, झारखंड की पहाड़ियों […]
बुर्के को लेकर डॉ. अंबेडकर के क्या विचार थे? इस विषय पर मेरा लेख ‘अमर उजाला’ में प्रकाशित हुआ है। – पर्दाप्रथा की वजह से मुस्लिम महिलाओं में दासता और हीनता की मनोवृत्ति बनी रहती है – डॉ. अंबेडकर – पर्दाप्रथा की वजह से मुस्लिम नौजवानों में यौनाचार के प्रति ऐसी अस्वस्थ प्रवृत्ति का सृजन […]
ओ३म् ========= आर्यावर्त उत्सवों एवं पर्वों का देश है। पर्व का अपना महत्व होता है। होली भी दीपावली, दशहरा, श्रावणी आदि की ही तरह एक सामाजिक एवं धार्मिक पर्व है। यह पर्व फाल्गुन मास की पूर्णिमा व उसके अगले दिन हर्षोल्लास से मनाया जाता है। इसे मनाने की प्रासंगिकता व महत्व अन्य पर्वों से कुछ […]
-विनोद बंसल राष्ट्रीय प्रवक्ता – विहिप भारतीय संविधान के अनुसार प्राथमिक शिक्षा सबके लिए अनिवार्य है। किन्तु इस अनिवार्यता के बावजूद दुर्भाग्यवश स्वतंत्रता के 75वें वर्ष में भी देश की कुल जनसंख्या का 36.90 फीसदी हिस्सा आज भी निरक्षर है। मुस्लिमों में तो यह निरक्षरता दर 42.7 फीसदी है। यदि महिलाओं की बात करो तो […]