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कविता

यह देश ही ऐसा है पगले

कविता – 5 बनकर जो भी ज्योतिपुंज सदा जीवन में मेरे साथ चले। आभारी हृदय से उसका जिसने भी सिर पर हाथ धरे।। जन्म जन्म के संस्कारों का होता जब तक मेल नहीं । दुनिया के इस रंगमंच पर जीवन मामूली खेल नहीं।। न जाने कहां-कहां के पंछी आकर हर पल  साथ रहे, आभारी हृदय […]

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भयानक राजनीतिक षडयंत्र

“हंस के लिया पाकिस्तान”कहने वालो, सुनो ! “नही मिलेगा हिंदुस्तान, जाना होगा पाकिस्तान”——-इंजीनियर श्याम सुन्दर पोद्दार (महामन्त्री, वीर सावरकर फ़ाउंडेशनI…. गतांक से आगे भाग-४    

                                      ——————————————— अंग्रेज आज चाहे कितने ही लोकतांत्रिक और उदार विचारों विचारों वाले क्यों न बन लें, उनके बारे में सच्चाई  यही है कि वह बहुत ही चतुर, धूर्त और चालाक किस्म के लोग रहे हैं । उन्होंने भारतवर्ष पर शासन किया तो यहां की जनता पर मनमाने अत्याचार भी किये। केवल इसलिए कि उनका […]

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इतिहास के पन्नों से

भारतवासियों के राजनीतिक पराभव पर महर्षि दयानंद का चिंतन

जब भी किसी देश, जाति या समाज का पराभव होता है, वह एक सुखद अवसर नहीं होता। भारतीय इतिहास में अनेक ऐसे अवसर आये हैं, जब हमने अपने को पराजित, पददलित और शोषित अनुभव किया है। इस पराजय में हमने केवल राजनीतिक सत्ता का ही अपहरण कराया हो, ऐसी बात नहीं है, अपितु हमारी सांस्कृतिक […]

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इतिहास के पन्नों से

अंग्रेजों के आने से पहले लाखों गुरुकुल थे भारत में

उगता भारत ब्यूरो गाँधीजी के निकटतम सहयोगी रहे स्व. धर्मपालजी ने गाँधीजी के कहने पर 17वीं व 18 वीं शताब्दी के भारत की राजनैतिक, सामाजिक और आर्थिक स्थिति पर गहन शोध किया था। उन्होंने लाखों दस्तावेज इकठ्ठे किए और जगह-जगह जाकर तथ्यों की पड़ताल की। इस व्यापक शोध को उन्होंने पुस्तक के रुप में प्रकाशित […]

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भारतीय संस्कृति

भारतीय संस्कृति में नारी : अतीत, वर्तमान और भविष्य

डॉ. सौरभ मालवीय ‘नारी’ इस शब्द में इतनी ऊर्जा है कि इसका उच्चारण ही मन-मस्तक को झंकृत कर देता है, इसके पर्यायी शब्द स्त्री, भामिनी, कान्ता आदि है, इसका पूर्ण स्वरूप मातृत्व में विलसित होता है। नारी, मानव की ही नहीं अपितु मानवता की भी जन्मदात्री है, क्योंकि मानवता के आधार रूप में प्रतिष्ठित सम्पूर्ण […]

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समाज

क्या है साहित्य और समाज का संबंध ?

डॉ. सौरभ मालवीय साहित्य समाज का दर्पण है, समाज का प्रतिबिम्ब है, समाज का मार्गदर्शक है तथा समाज का लेखा-जोखा है. किसी भी राष्ट्र या सभ्यता की जानकारी उसके साहित्य से प्राप्त होती है. साहित्य लोकजीवन का अभिन्न अंग है. किसी भी काल के साहित्य से उस समय की परिस्थितियों, जनमानस के रहन-सहन, खान-पान व […]

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उगता भारत न्यूज़

मोदी की सुरक्षा में चूक पर कांग्रेसी ने कहा – 700 की जान ले ज्ञान देने आया था, पंजाब ने पावर दिखा दिया

                             इमरान प्रतापगढ़ी, परगट सिंह, पुण्य प्रसून बाजपेयी और संजुक्ता बासु (बाएँ से दाएँ) पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सुरक्षा में चूक सामने आने के बाद उन्हें बठिंडा से वापस लौटना पड़ा। लिबरल गिरोह के कुछ पत्रकारों के साथ-साथ कांग्रेस के कई […]

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आर्थिकी/व्यापार

मजबूत हो रही है भारतीय बैंकों की स्थिति

अभी हाल ही में भारतीय रिजर्व बैंक ने वित्तीय स्थिरिता प्रतिवेदन जारी किया है। यह प्रतिवेदन भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा, भारत में वित्तीय स्थिरिता की स्थिति की जानकारी देते हुए, प्रत्येक दो माह बाद नियमित रूप से जारी किया जाता है। विश्व के कई देशों में हालांकि कोरोना महामारी की तीसरी अथवा चौथी लहर चल […]

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स्वास्थ्य

अलसी और हमारा शरीर और स्वास्थ्य

सुमित्रा मीणा अलसी में 23 प्रतिशत ओमेगा-3 फेटी एसिड, 20 प्रतिशत प्रोटीन, 27 प्रतिशत फाइबर, लिगनेन, विटामिन बी ग्रुप, सेलेनियम, पोटेशियम, मेगनीशियम, जिंक आदि होते हैं। सम्पूर्ण विश्व ने अलसी को सुपर स्टार फूड के रूप में स्वीकार कर लिया है और इसे आहार का अंग बना लिया है, लेकिन हमारे देश की स्थिति बिलकुल […]

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संपादकीय

प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक और कांग्रेस

पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में चूक के प्रश्न को बहुत गंभीरता से लेने की आवश्यकता है। इस घटना ने भारत की राजनीति के गिरते स्तर को सबके सामने खोलकर रख दिया है । ‘टंगड़ी मार’ राजनीति करने की राहुल गांधी की सोच प्रकट करने वाली यह घटना बताती है कि कांग्रेस के […]

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