#डॉविवेकआर्य सारे देश की आशा है, हिंदी आपकी भाषा है। 10 जनवरी आर्य भाषा ‘हिंदी दिवस’ पर हार्दिक शुभकामनायें स्वामी दयानंद ने 1857 के स्वाधीनता संग्राम को असफल होते देखा था और उसके असफल होने का मुख्य कारण भारतीय समाज में एकता की कमी होना था। स्वामी दयानंद ने इस कमी को समाप्त करना आवश्यक […]
Month: January 2022
सारे देश की आशा है, हिंदी आपकी भाषा है
राष्ट्रभाषा हिन्दी और देवनागरी लिपि #विश्वहिन्दीदिवस 10 जनवरी आर्य भाषा ‘हिंदी दिवस’ पर हार्दिक शुभकामनायें लेखक- डॉ० भवानीलाल भारतीय प्रस्तोता- प्रियांशु सेठ, डॉ० विवेक आर्य सहयोगी- डॉ० ब्रजेश गौतमजी अपने विचारों को दूसरे तक प्रेषित करने में हमें भाषा की आवश्यकता पड़ती है। स्वामी दयानन्द जब धर्म प्रचार के क्षेत्र में आये तब उनके सामने […]
वैदिक मंत्रों की शिक्षा में उपयोगिता
उगता भारत ब्यूरो वैदिक मंत्रों का जाप करने से छात्रों को पढ़ाई से होने वाले तनावों से निपटने और परीक्षा में बेहतर अंक मिलने में मदद मिलती है। बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी (BITS) पिलानी के हैदराबाद कैम्पस की एक रिसर्च में यह दावा किया गया है। इतना ही नहीं, वैदिक मंत्रों के जाप से छात्र […]
वैदिक संस्कृति में प्रकृति प्रेम
अशोक “प्रवृद्ध वैदिक संस्कृति का प्रकृति से अटूट सम्बन्ध है। वैदिक संस्कृति का सम्पूर्ण क्रिया -कलाप प्राकृत से पूर्णतः आवद्ध है। वेदों में प्रकृति संरक्षणअर्थात पर्यावरण से सम्बंधित अनेक सूक्त हैं। वेदों में दो प्रकार के पर्यावरण को शुद्ध रखने पर बल दिया गया है – आन्तरिक एवं बाह्य। सभी स्थूल वस्तुऐं बाह्य एवं शरीर […]
उत्तिष्ठत जाग्रत प्राप्य वरान्निबोधयत।।ओ३म्।। उठो, जागो और अपने अस्तित्व को पहचानो सावधान! सावधान!! सावधान!!! अपने अस्तित्व की रक्षा के लिए, सावधान! एक समय था जब सनातन संस्कृति का ध्वजवाहक भारत का अस्तित्व 83 लाख वर्ग किलोमीटर तक फैला हुआ था, वर्तमान में वह मात्र 32 लाख वर्ग किलोमीटर में सिमट कर रह गया […]
(अमेजन, फ्लिपकार्ट और अन्य ऑनलाइन प्लेटफार्म पर उपलब्ध यह दोहा संग्रह कुछ आप बीती और कुछ जगबीती से परिपूर्ण है। यह वर्तमान समय से संवाद करता हुआ काव्य कहा जाए तो अतिश्योक्ति नहीं होगी। मुझे विश्वास है यह दोहा संग्रह पाठकों को प्रभावित करेगा। सत्यवान ‘सौरभ’ के दोहा संग्रह “तितली है खामोश” के दोहे आज […]
वह पत्नी पत्नी नहीं होती
कविता — 8 उस पथ को पथ कभी मत कहना जिस पथ में शूल नहीं चुभते । वह नाविक कुशल नहीं हो सकता जो मझधार में नाव को छोड़ भगे।। वह देश कभी नहीं बच सकता जो शस्त्रों का पूजन बंद करें। वह समाज कभी नहीं बढ़ सकता जो पापपूर्ण पाखण्ड करे ।। जब अपनी […]
अध्याय – ब्रह्मसूत्रों की नवीनता गतांक से आगे… उसी तरह रावण की भगलिंगपूजा भी शंकराचार्य की शिवपार्वती होकर, रामानुजाचार्य की लक्ष्मीनारायण बनकर अन्त में बल्लभाचार्य के द्वारा राधाकृष्ण हो गई। राधाकृष्ण व्यभिचार के देवता बने और उसी वाममार्ग का प्रचार होने लगा जो रावण के समय में था। जिस प्रकार वाममार्गी कहते हैं कि, अहं […]
आत्मा के दिव्य गुणों का वर्धन कीजिए:- भक्ति में बाधक राग और द्वेष जब तक राग और द्वेष हैं, मन में रहे तनाव। भक्ति को बाधित करें, टिके न भगवद् – भाव॥1638॥ परमात्मा का प्रिय, कोई बिरला ही होता है:- प्रभु प्यारे को सब चुनें, प्रभु चुनें कोई एक। उस पर कृपा सब करें, जिस […]
मूल लेखक : स्व0 रामचंद्र विकल पूर्व सांसद एवं केन्द्रीय मंत्री भारत सरकार गाजियाबाद (उ. प्र.) सन्यास धर्म को अलंकृत करने वाले देशभक्ति से ओतप्रोत , वीरों के प्रशंसक तथा प्रसिद्ध समाज सुधारक राष्ट्रीय स्वतन्त्रता आन्दोलन को पूरी तरह समर्पित आर्य भाजनोपदेशक स्वामी भीष्म जी महाराज जहां कहीं भी जाते जनता में हर्षोल्लास की लहर […]