सुरेश्वर त्रिपाठी भैय्या आपको यह तो ज्ञात होगा कि NDA (National Defence Academy) में जो बेस्ट कैडेट होता है, उसको एक गोल्ड मैडल दिया जाता हैं | लेकिन क्या आपको यह ज्ञात हैं कि उस मैडल का नाम “लचित बोरफुकन” है? कौन हैं ये “लचित बोरफुकन”? लेख को पूरा पढ़ने पर आपकों भी ज्ञात हो […]
Month: January 2022
गहरा अंतर है आयुर्वेद और एलोपैथी में
उगता भारत ब्यूरो यह शीर्षक पढ़कर कई लोग सोच रहें होंगे यह क्या बात लिख दी गई है!! लेकिन वर्तमान समय की यही सबसे बड़ी सच्चाई है कि औषध चिकित्सा के मामले में ऐलोपैथ बिल्कुल असहाय, निरीह व गरीब सा नज़र आ रहा है, वहीँ आयुर्वेद अपने प्राकृतिक सिद्धांतो के कारण प्रभावकारी, समृद्ध व अमीर […]
आर.एल. फ्रांसिस ईसा मसीह ने दुनिया को शांति का संदेश दिया था। लेकिन गरीब ईसाइयों के जीवन में अंधेरा कम नहीं हो रहा। अगर समुदाय में शांति होती तो आज दलित – आदिवासी ईसाई की स्थिति इतनी दयनीय नहीं होती। भारत में सदियों से ऊंच-नीच, असमानता और भेदभाव का शिकार रहे करोडों दलितों आदिवासियों और […]
पर्व भारतीय संस्कृति की आत्मा हैं-राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य वीरवार 13 जनवरी 2022, केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के तत्वावधान में “लोहड़ी व मकर संक्रांति” पर ऑनलाइन गोष्ठी का आयोजन किया गया । यह कॅरोना काल में 337 वा वेबिनार था । मुख्य वक्ता दर्शनाचार्या विमलेश बंसल आर्या ने लोहड़ी और मकर संक्रान्ति पर्व की शुभकामनाएं […]
शंकर शरण भारत के हिन्दूवादियों द्वारा महात्मा गाँधी की जयकार में एक भारी विडंबना है। विदेशी अतिथियों को गाँधी-समाधि पर ले जाने जैसे नियमित अनुष्ठानों से यह और गहरी होती है। ऐसा कर के हमारे नेता क्या संदेश देते हैं? निस्संदेह, गाँधी जी ने अनेक अच्छे काम किए। पर उन की राजनीतिक विरासत अत्यंत हानिकर […]
‘राष्ट्रनीति’ का उद्देश्य यही है ……
कविता — 11 ‘राष्ट्रनीति’ का उद्देश्य यही है …… स्वाधीन हुए भारत को अब सात दशक हैं बीत गए। भय, भूख ,भ्रष्टाचार मिटे ना कितने ही नेता चले गए।। राजनीति अपना धर्म देश में निश्चित करने से चूक गई। संप्रदायवाद और उग्रवाद ने अस्मत जनता की लूट लई।। बढ़े कटुता- कलह देश में और क्लेश […]
उगता भारत ब्यूरो 4 जुलाई 1944 को बर्मा में भारतीयों के सामने दिया गया नेताजी का ये प्रेरक भाषण शब्दशः प्रस्तुत है दोस्तो ! बारह महीने पहले “ पूर्ण संग्रहण ”(total mobilization) या “परम बलिदान ”(maximum sacrifice) का एक नया कार्यक्रम पूर्वी एशिया में मौजूद भारतीयों के समक्ष रखा गया था ! आज मैं आपको […]
मैं गांधीवादी नहीं हूं : शिव खेड़ा
प्रसिद्ध लेखक शिव खेड़ा से पूछा गया कि क्या आप गाँधीवादी हैं? उनका जवाब पढ़िए: दर्शकों में से एक व्यक्ति ने मुझसे पूछा, क्या आप गाँधीवादी हैं? मैंने अपने जीवन में एक चीज़ सीखी है, किसी प्रश्न का जवाब देने से पहले, आप सवाल को स्पष्ट करो, और दूसरी बात, कभी-कभी एक सवाल का सबसे […]
यह बात आज से लगभग 2100 वर्ष पहले की है । एक किसान ब्राह्मण के घर एक पुत्र ने जन्म लिया , जिसका नाम रखा गया पुष्यमित्र था अर्थात पुष्यमित्र शुंग ……. और वह बना एक महान हिंदू सम्राट जिसने भारत देश को बौद्ध देश बनने से बचाया । अगर पुष्यमित्र शुंग जैसा कोई राजा […]
………….. -डा मुमुक्षु आर्य ……………. चार्वाक,जैन, बौद्ध- ये तीन नास्तिक मत हैं जो ईश्वर की सत्ता को नहीं मानते, इनका मानना है कि यह सृष्टि अनादि काल से ऐसे ही चली आ रही है, इसको कोई बनाने वाला नहीं । इनके ग्रन्थों में भी तन्त्र पुराण कुरान बाइबिल आदि अनार्ष ग्रन्थों की तरह काल्पनिक किस्से […]