‘अधूरा खत’ पुस्तक की कवयित्री डॉ (श्रीमती) कंचना सक्सेना हैं। इस पुस्तक के माध्यम से कवयित्री ने विभिन्न विषयों को लेकर अपनी सजीव भावाभिव्यक्ति को देने का सराहनीय प्रयास किया है। कोरोना से इस समय सारा संसार जूझ रहा है। स्वाभाविक है कि किसी साहित्यकार को भी कोरोना पर लिखने की बार-बार प्रेरणा होगी ही। […]
Month: January 2022
डॉ. वेदप्रताप वैदिक यह संतोष का विषय हो सकता है कि आजकल दुनिया के दर्जनों विश्वविद्यालयों में हिंदी पढ़ाई जाने लगी है लेकिन कुछ अपवादों को छोड़कर विदेशी लोगों को उनकी सरकारों द्वारा हिंदी इसलिए पढ़ाई जाती है कि उन्हें या तो भारत के साथ कूटनीति या जासूसी के काम में लगाना होता है। विश्व […]
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ : एक प्रेरक प्रसंग____ (1) _1946 में अन्तरिम सरकार बनाने के लिए कांग्रेस और मुस्लिम लीग में कोई समझौता नहीं हो सका, अतः मुस्लिम लीग ने अन्तरिम सरकार में शामिल होने से इंकार कर दिया। इस पर वाइसराय देवल ने बिना मुस्लिम लीग के ही जवाहर लाल नेहरू के नेतृत्व में कांग्रेस […]
चार वेदों पर काव्यार्थ लिख रहे आर्य वेद-कवि श्री वीरेन्द्र कुमार राजपूत, देहरादून की दो निजी कवितायें प्रस्तुत हैं। यह कवितायें उन्होंने कुछ अन्य कविताओं के साथ अपनी निजी डायरी में लिखी हुई हैं। वह हमसे प्यार करते हैं। इसी कारण उन्होंने हमें वह कवितायें दिखाईं व सुनाईं भी। हमें ये कवितायें अच्छी लगीं। अतः […]
“स्वाध्याय का महत्व”
ओ३म् ========== मनुष्य जीवन और इतर प्राणियों के जीवन में सबसे महत्वपूर्ण अन्तर यह है कि मनुष्य अपनी बुद्धि की सहायता से विचार व चिन्तन सहित सत्यासत्य का निर्णय करने व अध्ययन-अध्यापन करने में समर्थ है जबकि अन्य प्राणियों को ईश्वर ने मनुष्यों के समान बुद्धि नहीं दी है। मनुष्यों को दो प्रकार का ज्ञान […]
ईशादि नौ उपनिषद – काव्यानुवाद
वेद ज्ञान का विशाल सागर है। भारत की औपनिषदिक परंपरा विभिन्न सरिताओं का प्रवाहमान दृश्य उपस्थित करती है। जो प्रवाहित होकर वेदरस के मीठे जल को सर्वत्र बांटती चलती है। जैसे नदियों से धरती पर अनेकों तालाबों, मीठे पानी की झीलों आदि का निर्माण हो जाता है और फिर वे तालाबें या मीठे पानी की […]
दिग्विजयसिंह का भगवा आतंकवाद और सावरकर
कभी हिंदुत्व को ‘भगवा आतंकवाद’ के नाम से संबोधित करने वाले कांग्रेस के बड़े नेता दिग्विजय सिंह के मन-मस्तिष्क से अब ‘भगवा आतंकवाद’ का भूत उतरने लगा है। जमीन पर आ गए बहुत से कांग्रेसी नेताओं में से एक दिग्विजय सिंह अब यथार्थ के धरातल पर कुछ – कुछ समझने लगे हैं और अपनी गलतियों […]
1947 में जब देश आजाद हुआ था तो उस समय भारत की प्राचीन अर्थव्यवस्था को वर्तमान संदर्भ में प्रस्तुत करने के लिए विशेषज्ञों की एक समिति का गठन किया जाना अपेक्षित था। क्योंकि प्राचीन काल से ही भारत की अर्थव्यवस्था ग्राम केंद्रित रही है। इसके साथ ही गांवों को भारत में प्राचीन काल से ही […]
उगता भारत ब्यूरो एक बात ध्यान दें की स्त्री में गुणसूत्र xx होते है और पुरुष में xy होते है । इनकी सन्तति में माना की पुत्र हुआ (xy गुणसूत्र). इस पुत्र में y गुणसूत्र पिता से ही आया यह तो निश्चित ही है क्यूँकी माता में तो y गुणसूत्र होता ही नही! और यदि […]
श्याम परांडे वियतनाम में चाम समुदाय हिन्दू परंपरा और संस्कृति से प्रभावित है। वहां हिन्दुओं की अच्छी-खासी संख्या है। लेकिन कन्वर्ट होकर मुस्लिम बने लोगों के मुकाबले हिन्दुओं की स्थिति दयनीय है वियतनाम एशिया का एकमात्र देश है जिसने संयुक्त राष्टÑ सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्यों में से तीन—फ्रांस, अमेरिका और चीन—के आक्रमण को […]