उगता भारत ब्यूरो अमरावती। यूं तो भारत 15 अगस्त 1947 को आजाद हो गया था, लेकिन देश के एक हिस्से पर आज भी ब्रिटेन का कब्जा है। यहां से हर साल 1.20 करोड़ की रॉयल्टी ब्रिटेन को जाती है। अगर आप सोच रहे होंगे कि ऐसा कैसे हो सकता है दरअसल, ऐसी रेल लाइन है, […]
Month: January 2022
========== आर्यसमाज के संस्थापक ऋषि दयानन्द सरस्वती वेदों के उच्च कोटि के विद्वान एवं सिद्ध योगी थे। योग में सफलता, वेदाध्ययन व वेदज्ञान के कारण उन्हें सत्यासत्य का विवेक प्राप्त हुआ था। वह ईश्वर के वैदिक सत्यस्वरूप के जानने वाले थे। वेदों में सभी सत्य विद्यायें हैं। इन सब सत्य विद्याओं का ज्ञान भी उनको […]
सभी पिताओं को समर्पित …..
सभी पिताओं को समर्पित ….. गुरु की धनु राशि को पार कर सूर्य अपने पुत्र व परम शत्रु शनि के आधिपत्य की मकर राशि में प्रवेश कर रहे हैं..सूर्य अब धीरे धीरे उत्तर की ओर बढ़ेंगे इस कारण ये उत्तरायण है..अयन यानि मार्ग..उत्तर का मार्ग..उत्तरायण.. कितनी हैरानी है कि परम शत्रु शनि की राशि में […]
ललित गर्ग एक चिन्तनीय प्रश्न है कि भारत में वृद्धाश्रमों में भीड़ क्यों बढ़ रही है? क्यों वृद्धों की उपेक्षा एवं प्रताड़ना की स्थितियां लगातार बढ़ती जा रही है? क्यों आधुनिक युग की संतानें संवेदनहीन एवं स्वकेन्द्रित हो रही है? चिन्ता एवं चिन्तन का यह विषय महत्वपूर्ण इसलिये है कि एक ताजा सर्वे के दौरान […]
अनुराग भारद्वाज मैं: ‘अच्छा बताओ. हम क्या बोलते हैं? अशोक महान था या अशोक महान थे?’ वह: ‘एक ही बात है.’ मैं: फिर भी…अक्सर क्या बोला जाता है?’ वह: ‘अशोक महान था.’ मैं: ‘अकबर महान था? या अकबर महान थे?’ वह: ‘फिर वही बात? अकबर भी महान ही था, भाई! हर एक के लिए ऐसे […]
इन हिंदुओं का दर्दः लोग आज भी इनको मुसलमान समझते हैं उगता भारत ब्यूरो भारत के विभाजन के बाद पश्तून से आए हिंदुओं की दर्दभरी दास्तान….. आंगन में खेलते बच्चे, पश्तो भाषा में लोकगीत गातीं घर की औरतें और रौबीली मूंछों पर ताव देते हुए घर लौटते आदमी। एक घर, जहां सुकून हो।लेकिन कल्पना कीजिए, […]
उगता भारत ब्यूरो इतिहास में पढ़ाया जाता है कि ताजमहल का निर्माण कार्य 1632 में शुरू और लगभग 1653 में इसका निर्माण कार्य पूर्ण हुआ। अब सोचिए कि जब मुमताज का इंतकाल 1631 में हुआ तो फिर कैसे उन्हें 1631 में ही ताजमहल में दफना दिया गया, जबकि ताजमहल तो 1632 में बनना शुरू हुआ […]
सार्थक जीवन जीने की करें नई पहल
ललित गर्ग इस दुनिया में सबसे ज्यादा मूल्यवान है जीवन। और भी बहुत सारी वस्तुएं हैं जिनका मूल्य है किन्तु तुलनात्मक दृष्टि से देखें तो सबसे अधिक मूल्य है जीवन का। जीवन के होने पर सब कुछ है। जीवन न हो तो कुछ भी नहीं है। जिसके होने पर अन्य सबका अस्तित्व सामने आता है, […]
◼️वेदज्ञान का प्रकाश कैसे हुआ?◼️
✍🏻 लेखक – पदवाक्यप्रमाणज्ञ पण्डित ब्रह्मदत्तजी जिज्ञासु प्रस्तुति – 🌺 ‘अवत्सार’ इसके दो ही प्रकार हो सकते हैं, कि या तो जगदीश्वर ने आदि मनुष्यों वा ऋषियों को आजकल की भाँति बैठकर पढ़ाया वा लिखकर दे दिया या लिखा दिया हो, यह सब एक ही प्रकार कहा जा सकता है और ईश्वर के शरीरधारी होने […]
उगता भारत ब्यूरो जन्म- 28 मई, 1883, भगूर गाँव, नासिक; मृत्यु- 26 फ़रवरी, 1966, मुम्बई वीर सावरकर न सिर्फ़ एक क्रांतिकारी थे बल्कि एक भाषाविद, बुद्धिवादी, कवि, अप्रतिम क्रांतिकारी, दृढ राजनेता, समर्पित समाज सुधारक, दार्शनिक, द्रष्टा, महान् कवि और महान् इतिहासकार और ओजस्वी आदि वक्ता भी थे। उनके इन्हीं गुणों ने महानतम लोगों की श्रेणी […]