4 दिसंबर को मैं कटक में वीर सावरकर फाउंडेशन के राष्ट्रीय पुरस्कार वितरण समारोह में मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित होने के लिए पहुंचा। यह दिन मेरे लिये सचमुच अविस्मरणीय रहेगा । क्योंकि इस दिन भारतीय स्वाधीनता संग्राम के महान सेनानी कोटि-कोटि हिंदुस्तान वासियों के हृदय की धड़कन नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जन्म […]
महीना: दिसम्बर 2021
सुबोध कुमार A woman worships a cow as Indian Hindus offer prayers to the River Ganges, holy to them during the Ganga Dussehra festival in Allahabad, India, Sunday, June 8, 2014. Allahabad on the confluence of rivers the Ganges and the Yamuna is one of Hinduism’s holiest centers. (AP Photo/Rajesh Kumar Singh) वेदों में गायों […]
भारतीय परंपरा में साधुओं के साथ-साथ शिक्षकों, विद्वानों को भी सहज सम्मान देने की प्रवृत्ति रही है, लेकिन जिस तरह रंगे कपड़े पहनकर नकली लोग भी कई बार “साधु” कहला लेते हैं, उसी तरह बड़े अकादमिक पद पर रहकर सामान्य लफ्फाज भी “विद्वान” कहलाते हैं। एक उदाहरण से इसे समझा जा सकता है। गत 18 […]
हम आभारी हैं इस महानायक के क्योंकि जिस आजाद भारत में हम सांस ले रहे हैं उसकी जड़ को इन बलिदानी महामानवों ने अपने खून से सींचा है शत शत वन्दन. शत शत प्रणाम. परम पिता परमात्मा हमें प्रेरणा दे ताकि हम उस भारत का निर्माण करें जिसका सपना इन्होने देखाथा. खुदीराम जी की बलिदान […]
एक गुरु के दो शिष्य थे। दोनों लम्बे समय से गुरु के निर्देशन में साधना करते आ रहे थे। एक बार दोनों ने अपने गुरु से दीक्षा देकर सन्यासी बनाने का आग्रह किया। गुरु ने कहा उचित ठीक है आप दोनों को कल दीक्षा देंगे। आप दोनों कल नदी पर स्नान कर नवीन वस्त्र धारण […]
मधुरेन्द्र सिन्हा कोरोना महामारी का जब प्रकोप हुआ तो देश में न तो अस्पताल खाली थे और जहां अस्पताल थे वहां डॉक्टर नहीं थे। जहां डॉक्टर थे वहां बिस्तर या ऑक्सीजन नहीं था। हालात बदतर थे। लेकिन देश के एक हिस्से में लोगों को कोई फर्क नहीं पड़ा क्योंकि वहां न तो अस्पताल थे और […]
प्रह्लाद सबनानी ईस्ट इंडिया कम्पनी के भारत में आगमन के पूर्व विश्व के विनिर्माण उत्पादन में भारत की हिस्सेदारी वर्ष 1750 में 24.5 प्रतिशत थी, जो वर्ष 1800 में घटकर 19.7 प्रतिशत हो गई और 1830 में 17.8 प्रतिशत हो गई। आगे वर्ष 1880 में केवल 2.8 प्रतिशत रह गई। अभी हाल ही में ग्वालियर […]
ललित गर्ग मुनव्वर फारूकी का समर्थन करने वाले भारत के गौरव को कुचलने की चेष्टाओं का एक तरह से समर्थन कर रहे हैं। प्रश्न है कि फारूकी या किसी भी कॉमेडियन, कलाकार, पत्रकार या आम नागरिक को अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर राष्ट्रीय अस्मिता को बदनाम करने की आजादी कैसे दी जा सकती है? […]
सुद्युम्न आचार्य भारत की एक परंपरा रही है कि हमने ज्ञान-विज्ञान की बातों को काव्य रूप में कहा है। उदाहरण के लिए महाभारत समस्त ज्ञान-विज्ञान का विश्वकोश है। महाभारत काव्य में ही है। वेदों तथा उपनिषदों में भी काव्य में ही ज्ञान-विज्ञान का वर्णन है। यह हमारा काम है कि काव्य में से ज्ञान-विज्ञान को […]
जैसे-जैसे विश्व में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मोदी के कारण हिन्दुत्व की पताका फहरा रही है, हिन्दू विरोधी अपने-अपने बिलों से बाहर आ रहे हैं, जो हिन्दुओं के लिए शुभ संकेत है कि वह अपनी आंखें खोलकर देखें कि सेकुलरिज्म के नाम पर उनको किस तरह पागल बनाया जा रहा है। पाकिस्तानी मूल की […]