अमेरिका ब्रिटेन और फ्रांस जैसे विकसित राष्ट्रों सहित विदेशों में भारतीय संस्कृति के प्रति लोगों का आकर्षण अप्रत्याशित रूप से बढ़ रहा है। बताया जा रहा है कि अमेरिका के समाज में वहां की कुल आबादी का 24 प्रतिशत भाग भारत और भारत की संस्कृति राम और कृष्ण के प्रति श्रद्धा रखने वाला बन गया […]
Month: December 2021
ओ३म् संसार में अनेक भाषायें हैं। इन भाषाओं की अपनी-अपनी व्याकरण प्रणालियां हैं। संसार की प्रथम भाषा संस्कृत है। संस्कृत का आरम्भ सृष्टि के आरम्भ में परमात्मा के चार ऋषियों को वेद ज्ञान के उपदेश से हुआ। यह चार ऋषि थे अग्नि, वायु, आदित्य और अंगिरा तथा यह उपदेश चार वेद ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद तथा […]
श्रीराम की शरणागत वत्सल भावना श्रीराम की शरणागत वत्सल भावना भी प्रशंसनीय है। उनकी शरण में जो भी आया उसी को उन्होंने गले लगाया । यद्यपि कई लोगों ने विभीषण के उनकी शरण में आने पर आपत्ति उठाई थी और यह शंका भी व्यक्त की थी कि यह व्यक्ति क्योंकि शत्रु पक्ष से आया […]
मुकेश मोलवा मालवा की धीर, वीर और रत्नगर्भा धरती की तासिर है जिसने शूरवीर योद्धाओं को जन्म दिया ऐसे ही शूरनायक बख्तावर सिंह भी हुए जिनका जन्म मालवा में हुआ। प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में महती भूमिका अदा करने के कारण यह योद्धा पहचाना गया। विक्रम के शौर्य की जननी मालवा की माटी जहां भोज की […]
डॉ. अजय खेमरिया 26 नबम्बर1949 को हम भारतीयों का संविधान बनकर तैयार हुआ था।आज 71 बर्ष बाद हमारा संविधान क्या अपनी उस मौलिक प्रतिबद्धता की ओर उन्मुख हो रहा है जिसे इसके रचनाकारों ने अपनी भारतीयता के प्रधानतत्व को आगे रखकर बनाया था।आज इस सवाल को सेक्यूलरिज्म के आलोक में विश्लेषित किये जाने की आवश्यकता […]
उगता भारत ब्यूरो यूनेस्को की विश्व धरोहर की सूची में शामिल 116 साल पुरानी कालका-शिमला रेलवे लाइन के निर्माण की कहानी बेहद रोचक है। 116 वर्ष पुरानी इस रेलवे लाइन को ब्रिटिश इंजीनियरों के बजाय एक अनपढ़ पहाड़ी नौजवान ” बाबा भलकू राम ” के इंजीनियरिंग कौशल से तैयार किया गया। इंजीनियरिंग कौशल के धनी […]
उगता भारत ब्यूरो आप सोचते थे कि अयोध्या पर फैसला आने के बाद ‘वो’ खामोश रहेंगे? आप गलतफहमी में थे..तो फिर गिनिए… १) कांग्रेस का मुख पत्र नेशनल हेराल्ड भारत के सर्वोच्च अदालत की तुलना पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट से कर रहा है। २) डीयू की माओवादी प्रोफेसर नंदिनी सुंदर SC को सरकार का गुलाम […]
आज हम जब श्री राम जन्मभूमि पर अयोध्या में मंदिर बना रहे हैं तो वह मंदिर श्रीराम के अथक और गंभीर प्रयासों का प्रतीक है। जिनके चलते हमने संपूर्ण भूमंडल को ही मंदिर में परिवर्तित कर दिया था। आज उनका यह प्रतीकात्मक मंदिर अपनी भव्यता और विशालता को तभी प्राप्त कर पाएगा जब यह […]
विकास बहुगुणा मुस्लिम बहुल इंडोनेशिया में लोग न केवल बेहतर इंसान बनने के लिए रामायण पढ़ते हैं बल्कि इसके पात्र वहां की स्कूली शिक्षा का भी अभिन्न हिस्सा हैं कुछ साल पहले की बात है। इंडोनेशिया के शिक्षा और संस्कृति मंत्री अनीस बास्वेदन भारत आए थे. इस यात्रा के दौरान उनके एक बयान ने खास […]
डॉ. अजय खेमरिया देश ने अपनी आजादी के स्वर्णिम आंदोलन के बाद जिस महान नेता को लोकनायक के रूप में स्वीकार किया उस जयप्रकाश नारायण यानी जेपी के बिना आजाद भारत का कोई भी राजनीतिक विमर्श आज पूर्ण नही होता है।समकालीन राजनीति में नेतृत्व करने वाली पूरी पीढ़ी वस्तुतः जेपी की छतरी से निकलकर ही […]