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भयानक राजनीतिक षडयंत्र

*अमीरी और गरीबी की खाई*

डॉ. वेदप्रताप वैदिक अब से लगभग 60 साल पहले जब मैं प्रसिद्ध फ्रांसीसी विचारक पियरे जोजफ प्रोधों को पढ़ रहा था तो उनके एक वाक्य ने मुझे चौंका दिया था। वह वाक्य था- ‘सारी संपत्ति चोरी का माल होती है।’ दूसरे शब्दों में सभी धनवान चोर-डकैत हैं। यह कैसे हो सकता है, ऐसा मैं सोचता […]

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उगता भारत न्यूज़

दबोचा गया दलित बच्ची के अपहरण और रेप का आरोपित मोहम्मद मेजर, नेपाल भागने की फिराक में था

                                          नाबालिग दलित से रेप का आरोपित मोहम्मद मेजर गिरफ्तार बिहार के अररिया में नाबालिग दलित बच्ची के अपहरण और रेप के आरोपित मोहम्मद मेजर गिरफ्तार कर लिया गया है। मोहम्मद मेजर नेपाल भागने की […]

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आओ कुछ जाने

कॉन्वेंट स्कूल का अर्थ समझोगे तो चौंक जाओगे आप भी

उगता भारत ब्यूरो सबसे पहले तो यह जानना आवश्यक है कि ये शब्द आखिर आया कहाँ से है, तो आइये प्रकाश डालते हैं। ब्रिटेन में एक कानून था लिव इन रिलेशनशिप बिना किसी वैवाहिक संबंध के एक लड़का और एक लड़की का साथ में रहना। जब साथ में रहते थे तो शारीरिक संबंध भी बन […]

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कृषि जगत

पेड़ों की खाल के साथ खिलवाड़ करता आदमी

कृष्ण कुमार मिश्र एक आदि वृक्ष की कहानी (देव-भूमि में इन वृक्षों की व्यथा देख जो संवेदना उपजी उसी ने यह कथा कहला दी…) उत्तराखण्ड देवभूमि में लगभग 2000 मीटर तक की ऊंचाई तक चिर पाइन यानी भारतीय चीड़ के जंगल मिल जाएंगे, ऊंचे ऊंचे ये दरख़्त नोकदार पत्तियां और भूरे लाल रंग के तने […]

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इतिहास के पन्नों से

नेहरू जनित विषाद का परिणाम थी बाबासाहेब अंबेडकर की मृत्यु

प्रवीण गुगनानी कबीर तहां न जाइए, जहाँ सिद्ध को गाँव स्वामी कहे न बैठना, फिर फिर पूछे नांव इष्ट मिले अरु मन मिले मिले सकल रस रीति कहैं कबीर तहां जाइए, जंह संतान की प्रीति बाबासाहेब अम्बेडकर के कांग्रेस से जुड़ाव को कबीर के इन दोहों के माध्यम से पुर्णतः प्रकट किया जा सकता है। […]

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इतिहास के पन्नों से

नेहरू और कांग्रेस ने महाराजा हरि सिंह की सुनी होती, तो अनुच्छेद 370 भारतीय संविधान का कभी हिस्सा न बनता

उगता भारत ब्यूरो जम्मू कश्मीर में शेख अब्दुल्ला और जवाहरलाल नेहरु की जुगलबंदी ने जम्मू कश्मीर को एक ऐसी अंधी खाई में धकेल दिया, जिसका परिणाम हम आज अलगाववाद और आतंकवाद के रूप में देखते है. 1947 में जब देश आजाद हुआ तो देसी रियासतों के सामने दो विकल्प थे, या तो वो पाकिस्तानी डोमिनियन […]

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स्वर्णिम इतिहास हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के पुरोधा श्रीराम, अध्याय – 13 क श्रीराम का औदार्य

श्रीराम का औदार्य किसी भी शासक की महानता और उसके शासन की उत्तमता की कसौटी केवल यह मानी गई है कि उसके राज्य में प्रजा  सुखी रहे। यदि प्रजा किसी शासक के शासन में दु:खी है तो उसके शासन को उत्तम नहीं माना जा सकता। प्रजा शांतिपूर्वक सुखानुभूति करते हुए अपना जीवन यापन करे और […]

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महत्वपूर्ण लेख

काशी विश्वनाथ गलियाराः अतीत की विवशता से भविष्य के सुनहरे अध्याय का दस्तावेज

डॉ. साकेत सहाय कल काशी विश्वनाथ कॉरिडोर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र दामोदर मोदी राष्ट्र को समर्पित कर देश के धार्मिक, सांस्कृतिक व अध्यात्मिक इतिहास में एक नया अध्याय लिख दिया। । यह राष्ट्र की अध्यात्मिक चेतना का काॅरिडोर हैं । इसी के साथ यह काॅरिडोर आक्रांताओं द्वारा विकृत किए गए इतिहास को विस्मृत कर स्वर्णिम अतीत, […]

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आतंकवाद

“माहौल खराब मत करो”- कहने वाले इस सच्चाई को जरूर समझ ले

डॉ. राजीव मिश्रा अगर आप कभी भी हिन्दू समाज के संकट की चर्चा करेंगे तो आपको अक्सर ऐसे हिन्दू मिलेंगे जो आकर कहते हैं कि “कोई संकट नहीं है” या “माहौल खराब मत करो”। मुझे शायद ही कभी कोई मुस्लिम मिला होगा जो मेरी बात का विरोध करे। हमेशा हिन्दू ही मिलते हैं जो आपकी […]

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आज का चिंतन

“वेदों का सत्यस्वरूप, ईश्वर विषयक वेद-विचार और ऋषि दयानन्द”

ओ३म् ========= यह निर्विवाद है कि मूल वेद संहितायें ही संसार में सबसे पुरानी पुस्तकें हैं। वेद शब्द का अर्थ ज्ञान होता है। अतः चार वेद ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद तथा अथर्ववेद ज्ञान की पुस्तकें हैं। इन चारों वेदों पर ऋषि दयानन्द का आंशिक और अनेक आर्य वैदिक विद्वानों का सभी वेदों पर भाष्य वा टीकायें […]

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