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विविधा

*दीना शनिचर, ही असली मोगली था*”

आज पर्यंत पृथ्वी के समस्त जीव धारियों में इंसान सर्वाधिक विकसित मस्तिष्क तर्क भाषा कौशल से युक्त जीव है लेकिन अचरज का विषय है जहां पशु पक्षी पैदा होते ही तैरना उड़ना घोंसला बनाना शिकार करना सीख जाते हैं पशु पक्षियों के इस ज्ञान को स्वाभाविक ज्ञान कहते हैं। यह जन्म से ही मिलता है […]

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आओ कुछ जाने

“सर्दियां दिल को रास नहीं आती “

💔🗯💔🗯💔🗯💔🗯💔🗯 खाने-पीने के शौकीनों को सर्दियों का मौसम बहुत भाता है। सर्दियों में पाचन शक्ति गर्मियों की अपेक्षा अधिक बलवती रहती है जठराग्नि प्रदीप्त रहती है अर्थात पेट को सर्दियों का मौसम बहुत रास आता है लेकिन शरीर के रक्त परिसंचरण तंत्र के आधार बिना रुके 24 घंटे रक्त की पंपिंग करने वाले पंप दिल […]

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इतिहास के पन्नों से

लद्दाख और जम्मू के साथ हुई धोखाधड़ी की कहानी

उगता भारत ब्यूरो हमारा इतिहास, हमारा वर्तमान तय करता है और वर्तमान भविष्य को गढ़ता है I जम्मू कश्मीर में 1947 के बाद का इतिहास तत्कालीन राजनेताओं द्वारा धोखे और छल से लिखा गया है I राज्य का परिसीमन भी इस छल कपट से अछूता नहीं रहा I इस लेख में हम आपको बताएँगे कि […]

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Uncategorised

अपने भीतर ही अनुभव करो ईश्वर की निकटता

उगता भारत ब्यूरो परमात्मा को अनेक रूपों में पूजा जाता है। कोई ईश्वर की आराधना मूर्ति रूप में करता है, कोई अग्नि रूप में तो कोई निराकार! परमात्मा के बारे में सभी की अवधारणाएं भिन्न हैं, लेकिन ईश्वर व्यक्ति के हृदय में शक्ति स्रोत और पथ-प्रदर्शक के रूप में बसा है। जैसे दही मथने से […]

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व्यक्तित्व

प्रधानमंत्री मोदी : शून्य से शिखर तक

भवदीप कांग कुछ लोग नरेंद्र मोदी से प्यार करते हैं तो कुछ लोग नफरत। कुछ उनसे सहमत है तो कुछ असहमत। कुछ उनके विचारों को साझा करते हैं तो कुछ नकार देते हैं। इन सबके बावजूद उनके आलोचक भी उनके उद्देश्य की ताकत, दृढ़ विश्वास, मेहनत और साहस के लिए उन्हें स्वीकार करते हैं। इन्हीं […]

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इतिहास के पन्नों से

गांधी गॉडसे के बीच की खाई

उगता भारत ब्यूरो नाथूराम गोडसे के नाम और उनके एक काम के अतिरिक्त लोग उन के बारे में कुछ नहीं जानते। एक लोकतांत्रिक देश में यह कुछ रहस्यमय बात है। रहस्य का आरंभ 8 नवंबर 1948 को ही हो गया था, जब गाँधीजी की हत्या के लिए चले मुकदमे में गोडसे द्वारा दिए गए बयान […]

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स्वर्णिम इतिहास हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के पुरोधा श्रीराम, अध्याय – 13 ख श्रीराम का औदार्य

श्रीराम का औदार्य    जिस समय भरत और शत्रुघ्न अपनी ननिहाल से अयोध्या पहुंचकर वहां अपनी अनुपस्थिति में घटी सारी घटनाओं से परिचित होते हैं तो रामचंद्र जी की उदारता का उल्लेख करते हुए भरत अपने भाई शत्रुघ्न से कहते हैं कि -” स्त्रियां अवध्य होती हैं। यदि ऐसा नहीं होता तो मैं पापी दुष्टाचारिणी […]

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देश विदेश

दुबई में हिंदू लड़कियों के साथ क्या होता है …

अशोक भारती मैने दुबई भ्रमण के दौरान होटलों रेस्तरां नाचघरों में लड़कियां को काम करते हुए देखा, जब भी मैंने उनसे बात करने के प्रयास किया, वह सहम जाती थी रात को बाहर जाते समय उनके साथ 1-2 नीग्रो होते थे मैने कई बार प्रयास किया ,फिर मैंने एक पठान टैक्सी ड्राईवर की मदद से […]

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हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

स्वामी विवेकानंद और भारतीय संस्कृति

ललित गर्ग स्वामी विवेकानंद भारतीय संस्कृति एवं भारतीयता के प्रखर प्रवक्ता, युगीन समस्याओं के समाधायक, अध्यात्म और विज्ञान के समन्वयक एवं आध्यात्मिक सोच के साथ पूरी दुनिया को वेदों और शास्त्रों का ज्ञान देने वाले एक महामनीषी युगपुरुष थे। लेकिन 40 साल से भी कम उम्र में उनकी मौत आज भी कइयों के लिए एक […]

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पुस्तक समीक्षा

सामाजिक एवं राजनैतिक जीवन के कटु यथार्थ को व्यंजित करते  ‘दीमक लगे गुलाब’

(प्रियंका ‘सौरभ’ का ग्लोबल ज़माने की लोकल कविताओं का संग्रह; अमेज़न, फ्लिपकार्ट और अन्य ऑनलाइन मंचों पर उपलब्ध है) ‘दीमक लगे गुलाब’ युवा कवयित्री प्रियंका ‘सौरभ’ का ‘निर्भयाएं’ के बाद दूसरा संग्रह है, साहित्य सृजन के क्षेत्र में वे लंबे समय से सक्रिय है। साहित्य और समसामयिक लेखन में प्रियंका ‘सौरभ’ आधुनिक तकनीकी युग की […]

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