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आओ कुछ जाने

1857 से 1947: स्‍वतंत्रता संग्राम की प्रमुख घटनाएं

उगता भारत ब्यूरो नई दिल्‍ली। ब्रिटिश हुकूमत से आजादी हासिल करने के लिए 1857 से लेकर 1947 तक कई जन आंदोलन चले, जिन्‍होंने देश को आजादी दिलाने में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाई। आइए हम जानते हैं ऐसे ही 11 प्रमुख घटनाओं का इतिहा 1857 का विद्रोह 1857 का विद्रोह मेरठ में सैन्‍य कर्मियों के विरोध से शुरू […]

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Uncategorised बिखरे मोती

बिखरे मोती : प्रकृति के दो चितेरे, आग और पानी

प्रकृति के तत्व दो, एक अग्नि एक सोम। दोनों के संयोग से, चल रहा सृष्टि- होम॥1634॥ व्याख्या:- सुना है सृष्टि के आग और पानी दो शत्रु हैं, जो निर्माण या नाश का नृत्य करते हैं।भाव यह है कि मनुष्य जो भी निर्माण करता है, उसका यह विनाश कर देते हैं। जल जहां सब कुछ बहा […]

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वैदिक संपत्ति

वैदिक सम्पत्ति तृतीय खण्ड, अध्याय – ब्रह्मसूत्रों की नवीनता

गतांक से आगे… हमने यहां तक प्रस्थानत्रयी की पड़ताल करके देखा कि, उसमें आसुर दर्शन का मिश्रण है और वह मिश्रण रावण के समय में आरंभ हुआ था, जो बादरायण, शुक्र,गोविंदनाथ और शंकराचार्य के समय तक चलता रहा और प्रस्थानत्रयी के नाम से सम्मानित हुआ।इसी के द्वारा बौद्धों और जैनों को नष्ट किया गया और […]

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साक्षात्‍कार

हिन्दू और हिंदुत्व है हिंदुस्तान की पहचान : योगी सत्यनाथ जी महाराज

श्रीनिवास आर्य हिंदू भारत के सनातन वैदिक धर्म का वर्तमान परिप्रेक्ष्य में महत्तम समापवर्तक है और हिंदुत्व हिंदुस्तान का प्राण तत्व है। जिसे आज के भारतवर्ष की आम सहमति भी कह सकते हैं। हिंदुत्व भारतीय राष्ट्रीयता के संदर्भ में प्रयोग किया जाने वाला सबसे सार्थक शब्द है, जो सभी के विकास में विश्वास करता है […]

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आतंकवाद

राष्ट्रगीत के रूप में मुस्लिमों को वंदे मातरम कबूल नहीं’: जिन्ना ने 1938 में कहा, आज भी उसी एजेंडे को आगे बढ़ा रहे कट्टरपंथी

आजादी के अमृत महोत्व का जश्न मनाते हुए 19 दिसंबर 2021 को कई जगह भारत का राष्ट्रगीत बड़ी तादाद में इकट्ठा होकर गुनगुनाया जाना है। काशी में तो दो लाख से ज्यादा लोगों द्वारा राष्ट्रगीत गाए जाने का ऐलान है। सोशल मीडिया पर भी यदि देखें तो नेटिजन्स अपनी देशभक्ति दिखाने के लिए गर्व से ‘वंदे मातरम’ […]

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इतिहास के पन्नों से

कोच साम्राज्य की भव्यता की प्रति राजबाड़ी

हेमंत कुमार पाण्डेय चौंकाने या सम्मोहित करने के अलावा ऐतिहासिक राजनिवासों की यह विशेषता होती है कि वे आप को अतीत में ले जाकर खुद से आपकी जान-पहचान करवाते हैं. ऐसा ही कुछ पश्चिम बंगाल के कूचबिहार में स्थित राजबाड़ी की गोद में आकर आप महसूस कर सकते हैं. ब्रिटेन स्थित बकिंघम पैलेस की डिजाइन […]

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महत्वपूर्ण लेख

क्या सचमुच दिल्ली का रास्ता लखनऊ से होकर निकलता है ?

राजकुमार सिंह अगले साल विधानसभा चुनाव तो पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में भी होंगे, लेकिन देश की भावी राजनीति में विकल्प की बाबत स्वाभाविक मगर अनुत्तरित प्रश्न का उत्तर, लोकसभा सीटों की संख्या की दृष्टि से, देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश के पास ही है। बेशक इस उत्तर का अनुमान लगा पाना […]

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संपादकीय

राजधर्म के सम्यक निर्वाह का पुरस्कार मिल सकता है योगी आदित्यनाथ को ? सर्वे बता रहे हैं दोबारा लौट रहे हैं योगी आदित्यनाथ

राजधर्म और राजनीति दोनों का गहरा संबंध है। राजनीति में रहकर राजधर्म का निर्वाह करना हर किसी के वश की बात नहीं है। जाति, संप्रदाय ,भाषा प्रांत आदि जैसे पूर्वाग्रह जब राजनीतिज्ञों को बहुत अधिक सीमा तक प्रभावित कर रहे हों, तब उनसे राजधर्म के सम्यक निर्वाह की अपेक्षा नहीं की जा सकती। वर्तमान भारत […]

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पुस्तक समीक्षा

पुस्तक समीक्षा :   मानव अभयारण्यों में स्त्री आखेट

‘मानव अभयारण्यों में स्त्री आखेट’-  नामक यह पुस्तक श्री शंकर लाल मीणा जी द्वारा लिखी गई है। इससे पहले भी लेखक के द्वारा कई पुस्तकें लिखी जा चुकी हैं। इस पुस्तक के नाम से ही स्पष्ट है कि नारी को प्राचीन काल से ही पुरुष ने अभयारण्य में आखेट के रूप में प्रयोग किया है […]

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आतंकवाद

भारत में ईसाई मिशनरियों के छल प्रपंच के काले कारनामे

शंकर शरण किसी पार्टी का वर्चस्व हो, भारत के विभिन्न हिस्सों में मिशनरी-तंत्र निःशब्द फैल रहा है। छल-प्रपंच के सिवा अपने स्कूल, कॉलेज, नर्सिंग ट्रेनिंग कॉलेज, आदि संस्थाओं में प्रवेश देने, या फीस माफ कर देने के एवज में भी धर्मांतरण कराया जाता है। चूँकि यहाँ अब लगभग सभी चर्च-मिशनरी भारतीय ही हैं, इसलिए वे […]

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