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आओ कुछ जाने

दुनिया में युद्ध के स्वरूप में भी तेजी से हो रहा है परिवर्तन

 अशोक मधुप आधुनिक युद्ध कोरोना की तरह शहरों में, गलियों में और भीड़ वाली जगह में लड़ा जाएगा। किसी विषाक्त वायरस से हमें कोरोना से बचाव की तरह जूझना होगा। बुजुर्ग कहते आए हैं कि ईश्वर जो करता है, अच्छा करता है। हर मुसीबत में कोई संदेश, कोई भविष्य के लिए तैयारी होती है। दुनिया […]

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भारतीय संस्कृति

भारतीय जीवन दर्शन में भूमि ,नागरिक और राज्य

प्रो.लल्लन प्रसाद भारतीय जीवन दर्शन में पृथ्वी को मां की संज्ञा दी गयी है। रत्नगर्भा, वसुन्धरा ही जल, वायु, जीवन की पोषक है, पेड़, पौधे जंगल, पहाड़, फल, फूल, पशु-पक्षी, धन-धान्य की जननी है, हम सबकी मां है, कौटिल्य अर्थशास्त्र में मनुष्यों से युक्त भूमि को अर्थ कहा गया है। भूमि को प्राप्त करने और […]

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कविता

ज्योति मुस्कुराई है

ज्योति मुस्कुराई है ! दिवाली फिर से रोशन है, दीवों में ज्योति मुस्कुराई है… घोर अंधेरी रात ढली, दीपोत्सव में तरुणाई है ! चलो पटाखे नहीं छोड़ेंगे, प्रदूषण से ठनी लड़ाई है… लेकिन दूसरे मजहब पर भी, कभी ऐसी पाबंदी लगाई है ? बकर- ईद पर लाखों पशुओं की, गर्दन पर छुरी चलाई है… खून […]

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हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

कालापानी जाने के कारण

लेखक – आचार्य भगवानदेव गुरुकुल झज्जर पुस्तक – कालापानी यात्रा 1966 प्रस्तुतकर्ता – अमित सिवाहा विरक्त और वीरपुरुषों के प्रति मेरी बाल्यकाल से ही श्रद्धा और भक्ति रही । कारण भी मैं यही समझता हूं कि मेरे माता – पिता ने शूरवीर और साधु – संन्यासियों है अतः उनके विषय में मुझे लिखना और पढ़ना […]

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आओ कुछ जाने

देवेन्द्रनाथ मुखोपाध्याय लिखित अप्रतिम जीवन चरित.

देवेन्द्रनाथ मुखोपाध्याय लिखित अप्रतिम जीवन चरित. ऋषि जीवन की सामग्री को एकत्र करके उन्होने महर्षि की प्रामाणिक और क्रमबद्ध जीवनी को लिखा। महर्षि दयानन्द सरस्वती (1825-1883) की अनुसंधानपूर्ण मौलिक जीवनी लेखकों में बंगाल निवासी बाबू देवेन्द्रनाथ मुखोपाध्याय का नाम सम्मिलित है। आपने 10 वर्षों तक देश भर में घूम कर ऋषि जीवन की सामग्री का […]

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इतिहास के पन्नों से

50 हजार हिन्दी सत्याग्रहियों को कोटी कोटी नमन हरियाणे को बनाने वाला आर्यसमाज है ———

हरियाणा दिवस की हार्दिक बधाई (हिंदी रक्षा आंदोलन ओर स्वामी ओमानंद सरस्वती) ………………… (1957) हरियाणा निर्माता स्वामी ओमानंद जी महाराज को शत शत नमन आचार्य जी का जीवन यौवनकाल से ही संघर्षपूर्ण रहा है । वैसे तो आज के युग में गुरुकुलों का संचालन और वह भी आर्ष पाठविधि से, अपने आप में समय और […]

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आज का चिंतन इतिहास के पन्नों से

प्राचीन वैदिक पर्व दीपावली एवं ऋषि दयानन्द का महाप्रस्थान दिवस”

ओ३म् स्वभाव से मनुष्य सुख प्राप्ति का इच्छुक रहता है। वह नहीं चाहता कि उसके जीवन में कभी किसी भी प्रकार का दुःख आये। सुख प्राप्ति के लिये सद्कर्म व धर्म के कार्य करने होते हैं। अतः सत्कर्मों से युक्त प्राचीन वेदों पर आधारित वैदिक धर्म का पालन करते हुए मनुष्य अपने जीवन में सुखों […]

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भयानक राजनीतिक षडयंत्र

भारत भक्ति पर नहीं होना चाहिए कोई सवाल

रवि शंकर देश में एक बहस प्रारम्भ करने की कोशिश की गई है, किसका भारत चाहिए, गांधी का या भागवत का? मुझे लगता है कि एक बेमानी बहस बेईमान मानसिकता के साथ शुरू की जा रही है। भारत को बनाने की बात की जाती है तो जिन महापुरुषों के कारण आज भारत सनातन बना हुआ […]

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आज का चिंतन

भारतीय ज्ञान परंपरा की उद्गाता ‘वैदिक संपत्ति’

प्रस्तुति – देवेंद्र सिंह आर्य (चेयरमैन ‘उगता भारत’ समाचार पत्र) भारत पर सभ्यतागत आक्रमणों में एक बडा आक्रमण यहां की ज्ञान परंपरा पर किया गया था। भारतीय ज्ञान परंपरा का सबसे बडा आधार थे वेद और इसलिए अंग्रेजों सहित समस्त यूरोपीय बौद्धिक जगत ने वेदों को निरर्थक साबित करने के लिए एडी-चोटी एक कर दिया […]

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भयानक राजनीतिक षडयंत्र

यूरोपियन नजरिए से भारत को देखना कितना उचित है

जवाहर लाल कौल भारत को कैसे समझें, यह प्रश्न प्रायः पूछा जाता है। लेकिन इस विषय पर अनंत बहस चलने के बावजूद कोई सार्थक उत्तर नहीं मिल पाता। वास्तव में इस प्रश्न की आवश्यकता ही नहीं होती यदि हम यह जानने का प्रयास करते कि हम अब तक किन मापदण्डों से स्वयं को और अपनी […]

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