तुम्हें देखते ही देशद्रोही भाग खड़े हों नींव रखी विनाश की नहीं रहा कुछ ज्ञान। कालचक्र को देखकर हंसते खुद भगवान।। बाल्मीकि जी द्वारा किए गए इस प्रकार के वर्णन से स्पष्ट होता है कि शूर्पणखा इस समय बहुत अधिक भयभीत थी। उसे यह अपेक्षा नहीं थी कि उसके भाई के द्वारा भेजे गए […]
महीना: नवम्बर 2021
कांग्रेस के नेता दिग्विजय सिंह अपनी हिंदू विरोधी मानसिकता और बयानों के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन में एक बार नहीं कितनी ही बार हिंदू विरोधी बयान देकर इस देश की मौलिक चेतना के साथ खिलवाड़ करने में कभी कोई संकोच नहीं किया है। उनका मुस्लिम प्रेम स्पष्ट झलकता रहता है। उन्हें […]
डॉ. एन.एस.शर्मा इ तिहास के पन्ने साक्षी हैं कि विश्व की विभिन्न संस्कृतियों का लोप हो जाने के बावजूद अपने अंतर्निहित शाश्वत तत्वों के कारण भारतीय संस्कृति आज भी अक्षुण्ण है। भारतीयों के पर्वत और आकाश की ऊंचाइयों को नापकर और समुद्र की गइराईयों को पार करके दक्षिण मध्य एशिया और दक्षिण पूर्वी एशिया के […]
तुम्हें देखते ही देशद्रोही भाग खड़े हों शूर्पणखा का कार्य अनैतिक और अनुचित था। जिसके अनुचित और अनैतिक कार्य का सही फल लक्ष्मण जी ने उसे दे दिया था। इसके पश्चात अब वे परिस्थितियां बननी आरंभ हुईं जो उस कालखंड की ऐतिहासिक क्रांति का सूत्रपात करने वाली थीं। यह घटना राक्षस वंश के लिए ऐसी […]
🌺 एक वही है जो पूर्ण है 🌺 पुराने जमाने में एक राजा हुए थे, भर्तृहरि। वे कवि भी थे। उनकी पत्नी अत्यंत रूपवती थी। भर्तृहरि ने स्त्री के सौंदर्य और उसके बिना जीवन के सूनेपन पर 100 श्लोक लिखे, जो श्रृंगार शतकम् के नाम से प्रसिद्ध हैं।उन्हीं के राज्य में एक ब्राह्मण (योगी गोरखनाथ) […]
लेखक – राजेंद्र खेड़ी थोड़े दबाव में पांडुरंग शास्त्री बहरीन के शेख के पास गए। उसने सोचा कि उसकी राय और विचार शेख को पसंद आएंगे। लेकिन उन्हें अभी भी संदेह था कि क्या शेख साहब उन्हें उपदेश देने की अनुमति देंगे। कुछ दिन पहले, स्वामी चिन्मयानंद को मध्य एशिया के कुछ स्थानों से सचमुच […]
#बलिदान_पर्व – 9 नवंबर और 10 नवम्बर सन 1675 ई. चांदनी चौक, दिल्ली. औरंगज़ेब के शासन काल में उसकी इतनी हठधर्मिता थी, कि उसे इस्लाम के अतिरिक्त किसी दूसरे धर्म की प्रशंसा तक सहन नहीं थी. मुग़ल आक्रांता औरंगजेब ने मंदिर, गुरुद्वारों को तोड़ने और मूर्ती पूजा बंद करवाने के फरमान जारी कर दिए थे, […]
ओ३म् ========= मनुष्य एक चेतन आत्मा है जो अनादि, नित्य, अविनाशी तथा अमर है। यह भाव पदार्थ है। इसका कभी अभाव नहीं होता और न ही हो सकता है। भाव पदार्थ का कदापि अभाव न होना और अभाव से भाव पदार्थ का अस्तित्व में न आना वैज्ञानिक सिद्धान्त है। हम हैं, इसका अर्थ है कि […]
ओम प्रभात अग्रवाल भारत में रसायन शास्त्र की अति प्राचीन परंपरा रही है। पुरातन ग्रंथों में धातुओं, अयस्कों, उनकी खदानों, यौगिकों तथा मिश्र धातुओं की अद्भुत जानकारी उपलब्ध है। इन्हीं में रासायनिक क्रियाओं में प्रयुक्त होने वाले सैकड़ों उपकरणों के भी विवरण मिलते हैं। वस्तुत: किसी भी देश में किसी ज्ञान विशेष की परंपरा के […]
किताबों से लेकर दस्तावेजों में बदल जाएगा मिस्र का इतिहास योगेश मिश्रा मिस्र पुरातत्वविदों की पहली पसंद रहता है क्योंकि यह मौजूद पुरातत्व स्थल अक्सर इतिहास से जुड़े रहस्यों पर से पर्दा हटाते रहते हैं। अब एक ममी के अवशेष दावा कर रहे हैं कि मिस्र में ममी का इतिहास अनुमान से ज्यादा प्राचीन है। […]