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भारतीय संस्कृति

वैदिक धर्म में क्या है अंत्येष्टि संस्कार ?

अंत्येष्टि संस्कार— आत्मा के द्वारा शरीर का त्याग कर देने के पश्चात उस निर्जीव शरीर के विधि पूर्वक किये गए दाहकर्म को अंत्येष्टि संस्कार कहते हैं | यह उस शरीर से सम्बद्ध अन्त्य (अंतिम) इष्टि (यज्ञ) है ।अतः इस कर्म का नाम अंत्येष्टि है । नर (मानव देह) अथवा पुरुष के पार्थिव यथा समय दाहकर्म […]

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आओ कुछ जाने

सभी धर्मों में एक ही बात नहीं…

(ले० डॉ० शंकर शरण ) एक प्रवासी हिन्दू भारतीय की बिटिया ने किसी मुस्लिम से विवाह का निश्चय किया तो वह बड़े दुःखी हुए। उन्होंने समझाने का प्रयास किया कि यह उस के लिए, परिवार के लिए और अपने समाज के लिए भी अच्छा न होगा। तब बिटिया ने कहा, ‘मगर पापा, आप ही ने […]

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आज का चिंतन

*लखीमपुर खीरी कांड- ब्राह्मण समाज के विरुद्ध कोई सोचा-समझा षड्यंत्र तो नहीं है*

🙏बुरा मानो या भला 🙏 —मनोज चतुर्वेदी “शास्त्री” कल तक एक कुख्यात अपराधी विकास दुबे की हत्या पर छाती पीटकर विधवा विलाप करने वाले, श्रीमान योगी का ख़ौफ़ दिखाकर ब्राह्मणों पर कथित अत्याचारों का हवाला देकर घड़ियाली आंसू बहाने वाले, ब्राह्मण समाज को वोटबैंक समझकर उनका इस्तेमाल करने वाले और ब्राह्मणों को अपने पाले में […]

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महत्वपूर्ण लेख मुद्दा

कांग्रेस के लिए मुश्किल होता जा रहा है अपना ही इलाज

अवधेश कुमार अवध कांग्रेस की दुर्दशा का इससे बड़ा प्रमाण कुछ और नहीं हो सकता कि उसके बारे में जो भी नकारात्मक टिप्पणी कर दीजिए सब सही लगता है। केंद्रीय नेतृत्व यानी सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा जो दांव लगाते हैं वही उलटा पड़ जाता है। कन्हैया कुमार को पार्टी में शामिल कराना […]

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भाषा

हिंदी को कैसे बनाया जाए राष्ट्रभाषा ?

डॉ. सुधा कुमारी  हिन्दी को राजभाषा की गद्दी पर बिठाकर भी हम उसे राष्ट्रभाषा या लोक- संपर्क की भाषा बनाने में आजतक सक्षम नहीं हो पाए हैं। हिन्दी-बहुल राज्यों को छोड़ बाकी सभी जगहों में जहाँ प्रांतीय भाषाएँ बोली जाती हैं, अंग्रेजी ही राजकार्य में सहयोगी भाषा है। स्वतंत्रता-संग्राम के समय हिन्दी केवल नेहरू, गाँधी, […]

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भारतीय संस्कृति

भारत में नदियों और संस्कृति का रहा है गहरा मेल

डॉ. राजेन्द्र प्रसाद शर्मा  उत्तरी भारत में गंगोज यानी कि गंगा स्नान के बाद लाए गए जल के पूजन का उत्सव हमेशा से होता रहा है। यह तो गंगाजल की पवित्रता की बात है पर हमारी परम्परा तो ”गंगे च यमुने चैव, गोदावरी सरस्वति। नर्मदे सिन्धु कावेरी, जले अस्मिन्न सन्निध किुरु।।” आज भी हमारे देश […]

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इतिहास के पन्नों से हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

भारतीय स्वाधीनता का अमर नायक राजा दाहिर सेन, अध्याय – 12 (ग) राजकुमारियों ने बनाया खलीफा का मूर्ख

राजकुमारियों ने बनाया खलीफा का मूर्ख     दमिश्क पहुंचने पर जब दूत ने बोरे में बंद मोहम्मद बिन कासिम को खलीफा के दरबार में प्रस्तुत किया तो पता चला कि वह तो पता नहीं कब का दोजख की आग में जा चुका था। फिर भी खलीफा ने हिन्द की दोनों बेटियों को अपने दरबार में […]

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आतंकवाद

आजादी के बाद से ही कांग्रेस और मार्क्सवाद का गहरा संबंध रहा है

प्रवीण गुगनानी  कम्युनिज्म के प्रणेता व पुरोधा कार्ल मार्क्स थे। वही कार्ल मार्क्स, जिन्होंने अपने मृत्यु समय में प्रसन्नता पूर्वक कहा था- “अच्छा हुआ मैं मार्क्सिस्ट न हुआ”। कांग्रेस का वामपंथ व मार्क्सिज्म से स्वातंत्र्योत्तर समय के प्रारंभ से गहरा नाता रहा है। विक्रम और बेताल की कथा अब आधी अधूरी दोहराई जा रही है। […]

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इतिहास के पन्नों से

महर्षि दयानन्द और मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम

राम और कृष्ण मानवीय संस्कृति के आदर्श पुरुष हैं। कुछ बंधुओं के मन में अभी भी यह धारणा है कि महर्षि दयानन्द और उनके द्वारा स्थापित आर्यसमाज राम और कृष्ण को मान्यता नहीं देता है।प्रत्येक आर्य अपनी दाहिनी भुजा ऊँची उठाकर साहसपूर्वक यह घोषणा करता है कि आर्यसमाज राम-कृष्ण को जितना जानता और मानता है, […]

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मुद्दा

लखीमपुर खीरी प्रकरण-मुख्यमंत्री योगी नाथ आदित्यनाथ कि जितनी प्रशंसा की जाए कम

अशोक मधुप  देखने में आ रहा है कि देश के अधिकांश राजनीतिक दल सोचने समझने की क्षमता शायद खो चुके हैं। चुनाव मैदान में आकर अब उनकी जीतने की कूवत नहीं रही। वे एक तरह की घटनाओं पर राजनीतिक रोटी सेंकने में लग गए। कलकत्ता से भी बयान आने लगा। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी […]

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