प्रस्तुति – देवेंद्र सिंह आर्य ‘जलमेव जीवनम्’ जल ही जीवन है। जल है तो कल है। प्रकृति प्रदत्त संसाधनों में जल का महत्व सर्वाधिक है। मानव शरीर की संरचना में प्रकृति के पांच तत्वों का समायोजन है। भूमि, जल, आकाश वायु और तेज (अग्नि)। प्रकृति के सभी तत्वों का सन्तुलन प्राणिमात्र की रक्षा के लिए […]
महीना: अक्टूबर 2021
अजय कुमार नये कृषि कानून के विरोध के नाम पर देश में जिस तरह का माहौल बनाया जा रहा है, उसे सिर्फ मोदी विरोधी बताकर अनदेखा नहीं किया जा सकता है क्योंकि आंदोलन की आड़ में देश विरोधी ताकतें ठीक वैसे ही मंसूबे पाले हुए हैं, जैसे सीएए के खिलाफ आंदोलन के समय देखने को […]
ललित गर्ग देश में किसान आन्दोलन हो या ऐसे ही अन्य राजनैतिक आन्दोलन, उनमें हिंसा का होना गहन चिन्ता का कारण बना है। हिंसा और आतंकवाद की स्थितियों ने जीवन में अस्थिरता एवं भय व्याप्त कर रखा है। अहिंसा की इस पवित्र भारत भूमि में हिंसा का तांडव सोचनीय है। अहिंसा ताकतवरों का हथियार है। […]
संसार में सफल व्यक्ति किसको कहा जाए ? यदि इस प्रश्न पर विचार किया जाए तो जिस व्यक्ति ने अपने जीवन को जीने के लिए जो उद्देश्य निर्धारित किया यदि वह व्यक्ति अपने उस निर्धारित उद्देश्य को पाने में सफल हुआ तो उसे निश्चय ही सफल माना जाना चाहिए। जीवन को सफल बनाने के लिए […]
उमेश चतुर्वेदी राजनीति का लक्ष्य जब से सिर्फ सत्ता प्राप्ति तक सीमित हो गया है, तब से हर मुद्दे के पीछे राजनीति ही देखी जाने लगी है। आम लोग भी अब यह समझते हैं कि जहां चुनाव करीब होंगे, वहां के मुद्दों को राजनीतिक आंच पर पकाया जाएगा। आग में घी की तरह उन संवेदनशील […]
रवि शंकर पाँच सौ वर्ष से अधिक के संघर्ष के बाद अयोध्या में अंतत: भव्य श्रीराम मंदिर का निर्माण कार्य प्रारंभ हो गया है। निश्चित ही यह एक शुभ संकेत है। वर्ष 2020 हालाँकि कोरोना के कारण काफी खराब माना जा रहा है, परंतु यदि हम भारत में हुए कुछेक राजनीतिक तथा सांस्कृतिक निर्णयों को […]
लीना मेहेंदले हमारे शैक्षणिक पाठ्यक्रमों और समाज में उपेक्षित रखी गई कई महत्वपूर्ण बातों में एक है हमारा राष्ट्रीय सौर पंचांग यानी कैलेंडर। हमें पता होना चाहिए कि भारत का राष्ट्रीय पंचांग एक वैज्ञानिक पंचांग है। विद्यालयों में यह पढ़ाया जाना चाहिए। प्रतिदिन सुबह में सूर्योदय और संध्या में सूर्यास्त होता है। सूर्य की यह […]
सन 711ई. की बात है। अरब के पहले मुस्लिम आक्रमणकारी मुहम्मद बिन कासिम के आतंकवादियों ने मुल्तान विजय के बाद एक विशेष सम्प्रदाय हिन्दू के ऊपर गांवो शहरों में भीषण रक्तपात मचाया था। हजारों स्त्रियों की छातियाँ नोच डाली गयीं, इस कारण अपनी लाज बचाने के लिए हजारों सनातनी किशोरियां अपनी शील की रक्षा के […]
वीडियो रणथंभौर के अभयारण्य (बाघों के लिए सुरक्षित वन क्षेत्र) का है। जहां मनुष्य के बसने पर प्रतिबंध है उस स्थान पर कब्र और उसपर हरे रंग का कवर कैसे किया गया? आज पूरे भारत में कहीं भी पीर की कब्र रातों रात बना दी जाती है। फ्लाईओवर पर भी पीर की कब्र बना दी […]
वह दिन अब दूर नहीं जब अंक गणना लेखन में एक इकाई ,दो इकाई, को लिखने पढ़ने समझने वाले चुनिंदा व्यक्ति रहेंगे। दो एकम दो ,दो दूनी चार नहीं। टू वन जा टू टू टू जा फोर” हो गया है कितनी आसानी से हमने यह कर दिया लेकिन यूनान रोम यूरोप को हजारों वर्ष लग […]