Categories
Uncategorised

जजमानी व्यवस्था बनाम बाजार

जजमानी व्यवस्था बनाम बाजार “मतोली कोंहार खांचा भर दियली, कोसा, घंटी, खिलौना, गुल्लक लिए दरवाजे  बइठे  हैं। बच्चों की रूचि बार बार घंटी बजाने और मिटटी के खिलौनों को देखने और छूने  में है। बीच बीच में मतोली डपट लगाते जा रहे हां हां गदेला लोगन खेलौना  जादा  छू छा जिनि करा टूटि जाये । […]

Categories
आओ कुछ जाने स्वास्थ्य

सफेद शुगर अर्थात गेहूं का आटा

बहुत पुरानी बात नही है ये …… 1960 तक भारत मे गेहूं का आटा जिससे पूड़ियाँ बनती थीं , साल में बमुश्किल एकाध बार जब कभी कोई शादी बियाह य्या काज प्रयोजन होता तो पूड़ियाँ बनती थीं ……. अंग्रेजों के मानसिक गुलाम ही गेहूं की रोटी खाते थे ……. शेष भारत , आम जन सब […]

Categories
हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

चौधरी कुम्भाराम आर्य पुण्यतिथि विशेष..|

अंग्रेजी काल मे गुलामी व शोषण की एक श्रृंखला होती थी।अंग्रेजों के गुलाम देशी राजा और देशी राजाओं के गुलाम जागीरदार/सामंत।अंत मे सामंतों के गुलाम किसान-कामगार।शोषण की इस श्रृंखला में सबसे निचले पायदान वाला पिसता है क्योंकि ऊपर वाले सारे परजीवी बनकर मेहनतकशों की पूंजी लूटते है। 10मई 1914 को पटियाला में भैराराम सुंडा व […]

Categories
संपादकीय

थाईलैंड का रामराज्य बनाम गांधी का रामराज्य

भारत में स्वतंत्रता पूर्व महात्मा गांधी ने रामराज्य की परिकल्पना की थी। उनका सपना था कि जब देश आजाद हो जाएगा तो रामराज्य की स्थापना कर राम के आदर्श राज्य को लोक हितकारी नियमों और विधान के अनुसार चलाया जाएगा। यह अलग बात है कि जब देश आजाद हुआ तो गांधी की कांग्रेस के नेताओं […]

Categories
महत्वपूर्ण लेख

बीजेपी दशकों तक रहेगी मजबूत, मोदी की ताकत का अंदाजा नहीं लगा पा रहे राहुल गाँधी’: प्रशांत किशोर

2024 में होने वाले लोक सभा चुनाव से पहले ही चुनावी रणनीतिकार और इंडियन पालिटिकल एक्शन कमेटी (आई-पैक) के प्रमुख प्रशांत किशोर के एक बयान ने सियासी गलियों में बड़ा धमाका किया है। प्रशांत किशोर ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी का दबदबा बना रहेगा, बीजेपी आने वाले कई दशकों तक राजनीति में मजबूत ताकत […]

Categories
पर्व – त्यौहार हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

“ऋषि दयानन्द न आये होते तो हम दीपावली न मनाते होते”

ओ३म् ========= देश भर में व विदेश में भी जहां भारतीय आर्य हिन्दू रहते हैं, वहां कार्तिक मास की अमावस्या के दिन दीपवली का पर्व मनाया जा जाता है। अमावस्या के दिन रात्रि में अन्धकार रहता है जिसे दीपमालाओं के प्रकाश से दूर करने का सन्देश दिया जाता है। इस दिन ऐसा क्यों किया जाता […]

Categories
मुद्दा

जब उस उत्सव में अटल बिहारी वाजपेई नहीं पहुंचे थे

सन् १९७६ में दिल्ली में महर्षि दयानन्द सरस्वती प्रणीत ‘सत्यार्थप्रकाश’ ग्रन्थ की शताब्दी मनाई गई । उसमें पधारने वाले वक्ताओं में देश के जाने-माने नेता अटलबिहारी वाजपेयी का नाम भी था । आर्यसमाज के मूर्धन्य संन्यासी स्वामी विद्यानन्द सरस्वती जी (पूर्वाश्रम में प्रिन्सिपल लक्ष्मीदत्त दीक्षित जी) ने उन्हें एक पत्र लिखा और याद दिलाया कि […]

Categories
महत्वपूर्ण लेख

भारत में मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति और महात्मा गांधी

#डॉविवेकआर्य 1921 में गाँधी ने अंग्रेजी कपड़ों के बहिष्कार का ऐलान किया। उन्होंने विदेशी कपड़ों की होली जलाने का निर्णय लिया। स्वामी श्रद्धानन्द को जब यह पता चला तो उन्होंने महात्मा गाँधी को तार भेजा। उसमें उन्होंने गाँधी जी से कहा कि आप विदेशी कपड़ों को जलाकर अंग्रेजों के प्रति शत्रुभाव को बढ़ावा न दे। […]

Categories
इतिहास के पन्नों से

गौरवशाली रहा है कश्मीर का प्राचीन इतिहास

कश्मीर का प्राचीन इतिहास अनिरुद्ध जोशी जब हम कश्मीर बोलते हैं तो उसमें लद्दाख के हिस्से नहीं आते हैं। हम जम्मू और कश्मीर में से कश्मीर के प्राचीन और पौराणिक इतिहास की बात करेंगे, लेकिन इसके इतिहास के कुछ हिस्से जम्मू से भी जुड़ते हैं। कहते हैं कि कश्मीर भारत का सबसे प्राचीन जनपद रहा […]

Categories
आओ कुछ जाने

दीपावली के पर्व पर पटाखों से रहें सावधान

 ललित गर्ग दिल्ली के अलावा 21 शहर भी प्रदूषित शहरों की लिस्ट में शामिल हैं, पटाखों के धुएं से इन शहरों एवं समूचे देश में प्रदूषण बढ़ने की संभावनाएं हैं। सर्दियां आते ही दिल्ली की आबोहवा बच्चों और बुजुर्गों के लिए विशेष रूप से खतरनाक होने लगती है। इस वर्ष दीपावली पर आतिशबाजी न हो, […]

Exit mobile version