‘प्रतिनिधि पंजाबी कहानियां’ की अनुवादक श्रीमती सावित्री चौधरी हैं। जिन्होंने अबसे पूर्व में अपनी कई ख्यातिलब्ध पुस्तकें लिखकर दर्जनों पुरस्कार प्राप्त किए हैं। अपनी इस पुस्तक में उन्होंने बड़ा डॉक्टर, रब अपने असली रूप में, जैथा ग्वाला, जूठे आम, सैहबी फिर भी अकेला था, मांग, सोलहवां साल, मीनू , उफ़ क्या है ?, काला बाप […]
Month: October 2021
पुस्तक समीक्षा : सार सतसई
‘सार सतसई’ पुस्तक डॉ शंकर लाल गुप्ता द्वारा लिखी गई है, जो कि एक बहुत ही संवेदनशील कवि के रूप में विख्यात हैं। इस पुस्तक में डॉ शंकर लाल गुप्त जी के द्वारा दोहों के रूप में अपने मन की बात को अभिव्यक्ति दी गई है। उन्होंने बहुत ही बेहतरीन ढंग से विभिन्न विषयों को […]
“भारतीय परंपराओं की वैज्ञानिकता” – नामक पुस्तक श्रीमती सुनीता बापना व श्रीमती कुसुम अग्रवाल के द्वारा लिखी गई है। यह पुस्तक भारतीय परंपराओं की वैज्ञानिकता पर प्रकाश डालती है ,जो कि इसके नाम से ही स्पष्ट हो जाता है। भारतीय परंपराओं के बारे में यह सच है कि वह चाहे आज कितनी ही और किसी […]
कैसा स्वरूप हो सकता है आगामी चुनावों का ?
नरेंद्र नाथ अगले कुछ महीनों में होने वाले विधानसभा चुनावों में विपक्षी एकता की कोशिश फिलहाल धूमिल हो चुकी है। सभी सियासी दल बहुकोणीय चुनाव के नफा-नुकसान की चर्चा करने लगे हैं। अगले साल की शुरुआत में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर में विधानसभा चुनाव होने हैं। अब तक के जो राजनीतिक संकेत […]
साभार : इंडिया टुडे केरल राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान कांग्रेस में रहते हुए भी बेबाक बोलने में चर्चित रहे हैं। जब तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गाँधी के कार्यकाल में शाहबानो निर्णय को मुस्लिम कट्टरपंथियों के कहने पर संसद के माध्यम से निरस्त किया जा रहा था, तब भी उन्होंने राजीव के उस निर्णय का पुरजोर शब्दों […]
अफगानिस्तान में पिछले दिनों जो कुछ भी हुआ है उस पर अब अधिक कुछ लिखने की आवश्यकता नहीं है। वहां पर फिर तालिबानी आतंकवादियों के हाथों में सत्ता चली गई है और लोकतांत्रिक प्रक्रिया के अंतर्गत मिलने वाले मानवीय मौलिक अधिकारों को वहां पर फिर ग्रहण लग गया है। जिससे अंतरराष्ट्रीय जनमत अफगानिस्तान की नई […]
अशोक मधुप अपने नंबर बढ़ाने आए, मृतक किसानों की सहानुभूति बटोरने में लगी कांग्रेस को लखीमपुर खीरी प्रकरण में लाभ की जगह नुकसान ही हुआ लगता है। कहावत है चौबे जी छब्बे जी बनने निकले थे। दूबे जी बन कर रह गए। इस प्रकरण का लाभ उठाने के लिए कांग्रेस से कोई कसर नहीं छोड़ी। […]
पुरातन काल के राष्ट्रों के आधुनिक नाम पूज्य महानंद जी , भगवन ! जिसको आपने अभी-अभी पातालपुरी कहा था वहां रावण पुत्र अहिरावण राज्य करते थे उसे आधुनिक काल में अमेरिका कहते हैं। और जिसको आपने सोमभूम नाम से पुकारा सोमकेतु राष्ट्र जो त्रेता काल में था उसे रूस कहते हैं। जिसको आपने इंद्रपुरी कहा […]
पुरातन काल के राष्ट्रों के आधुनिक नाम पूज्य महानंद जी , भगवन ! जिसको आपने अभी-अभी पातालपुरी कहा था वहां रावण पुत्र अहिरावण राज्य करते थे उसे आधुनिक काल में अमेरिका कहते हैं। और जिसको आपने सोमभूम नाम से पुकारा सोमकेतु राष्ट्र जो त्रेता काल में था उसे रूस कहते हैं। जिसको आपने इंद्रपुरी कहा […]
भारत की पुण्य भूमि के विषय में अरबी कवि लवी बिन अख्तर बिन तुरफ़ा ईसा से 1700 – 1800 वर्ष पूर्व कहता है – “हे भारत की प्रशंसित धरती ! तुम सचमुच सम्मान की पात्र हो। क्योंकि परमात्मा ने सच्चे ज्ञान अर्थात वेदों का प्रकाश यहीं पर किया था । ईश्वरीय ज्ञान कही जाने वाली […]