कब हुआ महाभारत का युद्ध गुंजन अग्रवाल महाभारत का युद्ध कब हुआ? इस यक्ष-प्रश्न का उत्तर ढूँढ़ लेने पर भारतीय इतिहास की बहुत सारी काल-सम्बन्धी गुत्थियाँ सुलझ सकती हैं। विगत दो शताब्दियों में अनेक देशी-विदेशी इतिहासकारों ने महाभारत-युद्ध की तिथि निर्धारित करने और उसके आधार पर समूचे इतिहास को व्यवस्थित करने का प्रयास किया है। […]
Month: October 2021
ज्ञानेंद्र बरतरिया आर्यो के भारत पर आक्रमण की कथा कुछ इस प्रकार बताई जाती है। ईसा से करीब 1500 वर्ष पहले, उत्तर भारत पर आर्य नामक नस्ल के लोगों ने हमला किया था। वे गौर वर्ण के, तीखे नाक-नख्श वाले, घुड़सवार, घूमंतू जाति के बर्बर लोग थे, जो संभवत: मध्य एशिया से, या किसी और […]
नार्वे में एक शख्स ने तीर-कमान से कहीं हमला बोल दिया। कुल पांच लोग तत्काल मौत के शिकार हो गए। इनमें चार महिलाएं और एक पुरुष हैं। इस खबर में यह जानकारी भी आई कि एस्पन एंडरसन ब्राथेन नाम के 37 साल के इस शख्स ने कुछ ही समय पहले इस्लाम कुबूल कर लिया था। […]
कार्तिक अय्यर जूठ को हज़ार बार चिल्लाओ सत्य लगने लगेगा। यही काम आज अम्बेडकरवादी ,भीमसैनिक, ओशोवादी, वामपंथी जैसे कि सुरेंद्रकुमार अज्ञात व राकेश नाथ, पेरियार समर्थक आदि कर रहे हैं। रावण को खूब महान बताते है। किसी किसी ने तो दशहरे के अवसर पर रावण के दहन पर रोक लगाने के लिए न्यायालय में याचिका […]
सोनिया गांधी ने उन सभी कांग्रेस के नेताओं और मीडिया को भी लताड़ा है और कहा है कि वह पार्ट टाइम अध्यक्ष नहीं बल्कि मैं फूल टाइम अध्यक्ष हूं। जबकि सोनिया गांधी पार्ट टाइम ही अध्यक्ष चुनी गयी थी। जब राहुल गांधी ने चुनावों में कांग्रेस की लगातार हो रही पराजय से आहत होकर अध्यक्ष […]
*विष्णुगुप्त* शेख हसीना ने अपने पिता शेख मुजीबुर्र रहमान के आत्माघाती नक्शेकदम पर चलना शुरू कर दिया था। शेख मुजुबर्र रहमान ने इसी तरह भारत को आंख दिखाना शुरू कर दिया था और भारत की सेना की उपस्थिति को अपनी संप्रभुत्ता में हस्तक्षेप मानना शुरू कर दिया था। खासकर भारतीय गुप्तचर एजेंसी ‘‘ रा ‘ […]
राकेश सैन हेडगेवार जी ने हिन्दू समाज के संगठन कार्य शुरू किया था। संघ में हिन्दू शब्द का प्रयोग उपासना, पन्थ, मजहब या रिलिजन के नाते नहीं होता, इसलिए संघ एक धार्मिक संगठन नहीं है। हिन्दू एक जीवन दृष्टि और जीवन पद्धति है, इस अर्थ में संघ में हिन्दू शब्द का प्रयोग होता है। चिकित्सा […]
राम पुनियानी हमारी समृद्ध सांझा संस्कृति के चन्द उदाहरण मात्र हैं। परंतु साम्प्रदायिक राष्ट्रवाद, जो इस समय दिन दूनी रात चौगुनी गति से अपना प्रभाव बढ़ा रहा है, को इस सबसे कोई मतलब नहीं है। वह चाहता है कि हर संस्कृति, हर विचार और हर परंपरा हिन्दू संस्कृति का अंग बन जाए। तुर्रा यह है […]
अमिताभ स. सयाने बताते हैं कि जिंदगी में स्वप्न और बीज की सबसे बड़ी अहमियत है। हालांकि दोनों बेशक एक मामूली विचार बिंदु बन कर मन में उभरते हैं, लेकिन इनमें बहुत बड़ा करने की असीम सम्भावनाएं होती हैं। वास्तव में, दोनों का चरित्र या प्रकृति एक समान है। अमेरिकी लेखक नेपोलियन हिल इसे यूं […]
विश्व के प्रसिद्ध कूटनीतिज्ञ, राजनयिक, व ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री विंस्टन चर्चिल ने कहा था कि “यदि अपने देश की दीर्घकालिक समस्याओं को सुलझाना है तो, इतिहास पढ़िए ,इतिहास पढ़िए, इतिहास पढ़िए; इतिहास में ही राज्य चलाने के सारे रहस्य छिपे हैं”. भारत के संदर्भ में यह कहा जा सकता है कि यदि देश चलाना […]