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इतिहास के पन्नों से

गाँधीजी के ब्रह्मचर्य प्रयोग : जवाबों के इंतजार में कई सवाल..

. जोसेफ लेलीवेल्ड की नई पुस्तक ‘ग्रेट सोलः महात्मा गाँधी एंड हिज स्ट्रगल विद इंडिया’ पर गुजरात में प्रतिबन्ध लगा दिया गया। पुस्तक में विवादास्पद प्रसंग सन 1904-13 का है, जब गाँधीजी की दोस्ती हरमन कलेनबाख (1871-1945) से हुई। गाँधी और कलेनबाख एक-दूसरे को ‘अपर हाऊस’ और ‘लोअर हाऊस’ कहते थे। इसका कोई अर्थ स्पष्ट […]

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आतंकवाद इतिहास के पन्नों से

हिंदुओं के बड़े बड़े नरसंहार सूफियों ने अंजाम दिए हैं… प्रमाणिक तथ्यों के साथ विश्लेषण

हम सूफी की बात इसलिए कर रहे हैं क्योंकि मुसलमान ये बताते हैं कि इस्लाम शांति का धर्म है और सूफी ही इस्लाम का सच्चा चेहरा है । लेकिन सच्चाई ये है कि दरअसल सूफीवाद ही इस्लाम को फैलाने का सबसे बड़ा और मुख्य जरिया है और इसके लिए सूफियों ने काफिरों के रक्तपात से […]

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देश विदेश

जब इजराइल नहीं होगा तब हिंदुस्तान का क्या होगा ?

हिंदुओं को अपने दैनिक कामकाज से फुर्सत नहीं मिलती है… देश के लिए उनके पास वक्त नहीं होता है… मंदिरों में आजकल घंटा बजाने वाली मशीनें लग गई हैं… क्योंकि हिंदू काफी बिज़ी रहने लगा है… फिर भी अगर फुर्सत मिले तो ये जरूर सोचना कि आज जब इजराइल की रियासत मिडिल ईस्ट में मौजूद […]

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देश विदेश

हिंदुओं… अब भी वक्त है… सुधर जाओ… काबुल… दिल्ली से सिर्फ 990 किलोमीटर दूर है !

मानव इतिहास में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ होगा जब काबुल एयरपोर्ट पर मुसलमान अपनी जान बचाने के लिए अमेरिका के विमानों के पंखों पर बैठ गए… मौ त का खौफ क्या होता है ? मौत का डर किसे कहते हैं….जब जान जाने का डर सताता है तो इंसान सुध बुध कैसे खो देता है… […]

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देश विदेश

अफगानिस्तान से बेआबरू होकर लौटता अमेरिका

डॉ. वेदप्रताप वैदिक अब लगभग 20 साल बाद आज अमेरिका अफगानिस्तान से वापस लौट रहा है। विश्व का सबसे शक्तिशाली राष्ट्र आज किस मुद्रा में है? गालिब के शब्दों में ‘बड़े बेआबरु होकर तेरे कूचे से हम निकले।’ यदि अमेरिका की तालिबान से सांठ-गांठ नहीं होती तो काबुल छोड़ते वक्त हजारों अमेरिकी मारे जाते जैसे […]

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इतिहास के पन्नों से

1857 की क्रांति और स्वामी दयानन्द* राजीव दीक्षित जी की जुबानी।

दीक्षित जी कहते हैँ मैंने 3,4 वर्ष अपने भारतीय अधिकारी साथियों के साथ इंग्लैंड के इंडिया हाऊस और पुरातत्व संग्रहालय मे 1857 के स्वाधीनता आंदोलन के प्रपत्र देखे हैं। 1857 स्वतंत्रता संग्राम के पाँच मुख्य केंद्र थे।मेरठ,दिल्ली, कानपुर, झाँसी और बिठूर। बिठूर तांत्याटोपे का गांव था। वहाँ अंग्रेज़ो ने तीन वर्ष में पैंतालीस हजार सैनिक […]

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महत्वपूर्ण लेख

राष्ट्रहित से ऊपर कुछ नहीं, अब यह परिवेश बनना ही चाहिए

मुझे एक बात रह रह कर परेशान करती है कि हमारी राष्ट्रीय सोच ,हमारी राष्ट्रीय जागृति, हमारी राष्ट्र भक्ति, हमारा राष्ट्र के प्रति समर्पण की भावना, हमारा राष्ट्र जागरण का पवित्र भाव, हमारे राष्ट्र के प्रति उत्तरदायित्व एवं कर्तव्य आदि के भाव बड़ी तेजी से क्यों धूमिल होते जा रहे हैं ? हमारे लिए राष्ट्र […]

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संपादकीय

ईश्वर कांग्रेस और उसके नेता राहुल गांधी को सद्बुद्धि दे

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष रहे राहुल गांधी के बारे में सबसे बड़ा दुर्भाग्यपूर्ण तथ्य यह है कि वे अपनी पार्टी को इस समय अपने पैरों पर खड़ा करने में असफल रहे हैं। राजनीतिक रूप से लड़खड़ाती कांग्रेस किसी ऐसे नेता की बाट जोह रही है जो उसे वर्तमान दलदल से बाहर निकाल सके, लेकिन राहुल […]

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राजनीति

क्या राजभर, ओवैसी और चंद्रशेखर खत्म कर देंगे अखिलेश और मायावती की राजनीतिक विरासत को?

अजय कुमार मुस्लिम वोटरों के सहारे आगे बढ़ रही एआइएमआइएम के अध्यक्ष असद्दुदीन ओवैसी ने हाल ही में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के प्रमुख ओम प्रकाश राजभर व अपने आप को दलित नेता बताने वाले भीम आर्मी के अध्यक्ष चंद्रशेखर से मुलाकात की। उत्तर प्रदेश में अगले साल होली के करीब होने वाले विधानसभा […]

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उगता भारत न्यूज़

अफगानिस्तान से बेइज्जती कराकर भागता अमेरिका

अशोक मधुप  अमेरिका द्वारा अफगानिस्तान सेना को दिए हथियार तो तालिबान को मिले ही काबुल एयरपोर्ट पर बनाया गया सुरक्षा कवच और आधुनिक सुरक्षा प्रणाली भी मानवता के दुश्मनों के हवाले कर दी। जबकि चलने से पूर्व उसे खत्म कर दिया जाना चाहिए था। बच्चों का एक गाना है- भागा भागा भागा, वह दुम दबाकर […]

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