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राजनीति

चुनावी आहट से करवट लेने लगी है भारत की राजनीति

राजकुमार सिंह धन बल और बाहु बल के शिकंजे में फंसी हमारी चुनाव प्रणाली अब लोकतंत्र को कितनी प्राण वायु दे पाती है, यह तो बहस और विश्लेषण का विषय है, लेकिन हमारी सत्ता राजनीति को इसी से प्राण वायु मिलती है। चुनाव समाप्त होते ही दूर के दर्शन बन जाने वाले राजनेता चुनावों की […]

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आओ कुछ जाने

निराधार और फर्जी खबरों पर रोक लगाना जरूरी, इससे देश की छवि खराब होती है

डॉ. वेदप्रताप वैदिक  सरकार को तकनीकी विशेषज्ञों को सक्रिय करके ऐसी विस्तृत नियमावली तैयार करनी चाहिए कि उसका उल्लंघन होने पर एक भी मर्यादाहीन शब्द इन संचार साधनों पर न जा सके। और यदि चला जाए तो दोषी व्यक्ति के लिए कठोरतम सजा का प्रावधान किया जाए। सर्वोच्च न्यायालय ने वेब पोर्टल्स और यूट्यूब चैनलों […]

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आर्थिकी/व्यापार

आर्थिक गतिविधियां कोरोना से पूर्व की स्थिति में पहुँचना बड़ा सकारात्मक संकेत

प्रह्लाद सबनानी  उद्योग क्षेत्र ने कमाल कर दिया है एवं इस क्षेत्र ने अप्रैल-जून 2021 तिमाही के दौरान 46.6 प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल की है। विनिर्माण क्षेत्र ने 49.6 प्रतिशत एवं निर्माण क्षेत्र ने 68.3 प्रतिशत की वृद्धि दर अर्जित की है। इसी प्रकार सेवा क्षेत्र ने भी 11.4 प्रतिशत की विकास दर हासिल […]

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धर्म-अध्यात्म

“महाभारत के कृष्ण आदर्श योगी, आप्त विद्वान एवं अनुकरणीय महापुरुष”

ओ३म् ========== योगेश्वर श्री कृष्ण जी पूरे विश्व में विख्यात हैं। इसका कारण उनका श्रेष्ठ आदर्श जीवन, उनके कार्य और श्रीमद्भगवद् गीता में उनके द्वारा अर्जुन को दिया गया उपदेश है। योगेश्वर कृष्ण लगभग 5,200 वर्ष से कुछ पूर्व इस भारत भूमि के मथुरा नामक नगर में जन्मे थे। उनकी माता देवकी, पिता वसुदेव तथा […]

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हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

देश की संस्कृति को प्यार करने वाले व्यक्ति थे डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन

ललित गर्ग  डॉ. राधाकृष्णन का जन्म तमिलनाडु के तिरूतनी ग्राम में, जो मद्रास, अब चेन्नई से लगभग 64 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, 5 सितंबर 1888 को हुआ था। वे एक ब्राह्मण परिवार से संबंधित थे। वह बचपन से ही मेधावी थे। भारत के राष्ट्रपति, महान दार्शनिक, शिक्षाशास्त्री डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का दार्शनिक चिन्तन, […]

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वैदिक संपत्ति

वैदिक संपत्ति : संप्रदायप्रवर्तन

गीता और उपनिषदों में मिश्रण गतांक से आगे… गीता भी तर्क से घबराती है।वह कहती है कि, ‘संशयात्मा विनश्यति’ अर्थात संशयात्मा नष्ट हो जाती है। परंतु हम देखते हैं कि तर्कशास्त्र में संशय एक जरूरी विषय है जो सत्यासत्य के निर्णय में काम आता है। बिना संशय के तो किसी बात का निर्णय ही नहीं […]

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पुस्तक समीक्षा

पुस्तक समीक्षा : विद्रोही पथिक

‘विद्रोही पथिक’ के लेखक सुनील प्रसाद शर्मा जी हैं। यह पुस्तक एक उपन्यास के रूप में लिखी गई है। जिसमें लेखक ने देश की वर्तमान पीढ़ी को झकझोर कर क्रांति के लिए तैयार रहने का महत्वपूर्ण संदेश दिया है। पुस्तक के लेखक श्री शर्मा लोकतंत्र को ‘लूटतंत्र’ मानते हैं। जिसके विरुद्ध क्रांति का बिगुल फूंक […]

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मुद्दा

*मानो “गिद्धों का कोई झुंड” शाकाहार की उपयोगिता पर व्याख्यान दे रहा हो*

🙏बुरा मानो या भला 🙏 —मनोज चतुर्वेदी “शास्त्री” आज कुछ लोगों ने सोशल मीडिया पर मुजफ्फरनगर में हुई महापंचायत के फोटो भेजे, यह उन्हीं लोगों के समर्थक हैं जिन्होंने 2013 में उन दो निर्दोष भाइयों को मौत के घाट उतार दिया था, जो अपनी बहन की लाज बचाने के लिए अकेले ही जूझ गए थे। […]

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बिखरे मोती

बिखरे मोती : चिता किनारे तक रहें,रूप सृजन श्रंगार

चिता किनारे तक रहें, रूप सृजन श्रंगार। मृत्यु ऐसा सत्य है, करें भीगी आँख स्वीकार॥1494॥ व्याख्या:- न जाने किस डोरी में बंधा हुआ मनुष्य जीवन पर्यन्त कठपुतली की तरह नाचता है किन्तु जैसे ही मृत्यु का क्रूर झपट्टा लगता है, तो सब क्रियाएं गतिशून्य हो जाती हैं।उसके रूप श्रृंगार और सृजन की कहानी भी चिता […]

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उगता भारत न्यूज़

‘उगता भारत वैबिनार – 5’ हुई संपन्न : ‘भारत के सांस्कृतिक मूल्य और शिक्षा, शिक्षक एवं शिक्षार्थी’ – विषय पर विभिन्न विद्वानों ने रखे अपने अमूल्य विचार

ग्रेटर नोएडा ( अजय आर्य)। शिक्षक दिवस 5 सितंबर के अवसर पर ‘उगता भारत वैबिनार – 5’ में भाग लेने वाले विभिन्न प्रमुख सहयोगियों और विद्वानों ने कहा है कि देश की वर्तमान शिक्षा प्रणाली में आमूलचूल परिवर्तन करने की आवश्यकता है। प्रतिभागियों ने इस बात पर बल दिया कि शिक्षा, शिक्षक और शिक्षार्थी के […]

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