आज कंधार जल रहा है । संभवत: अपनी पुरानी गलतियों का हिसाब चुकता कर रहा है। जब कंधार ने वैदिक धर्म त्याग कर बौद्ध धर्म स्वीकार किया तो यह अहिंसावादी हो गया । जब इसके अहिंसावादी स्वरूप के सामने इस्लाम की नंगी तलवार आकर खड़ी हुई तो यह उसका सामना नहीं कर पाया। बहुत जल्दी […]
