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आओ कुछ जाने

भारत में शूद्रों की खोज

डा. अंबेडकर- पुरूष सूक्त ब्राह्मणों ने अपनी स्वार्थ सिध्दि के लिये प्रक्षिप्त किया है।कोल बुक का कथन है कि पुरूष सूक्त छंद और शैली में शेष ऋग्वेद से सर्वथा भिन्न है।अन्य भी अनेक विद्वानों का मत है कि पुरूष सूक्त बाद का बना हुआ है। पं. शिवपूजन सिंह- आपने जो पुरूष सूक्त पर आक्षेप किया […]

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मुद्दा

दूध का दूध और पानी का पानी

6 दिसंबर 1956 को माननीय डा. अंबेडकर जी का देहावसान हुआ । कानपुर के वैदिक गवेषक पंडित शिवपूजन सिंह जी का चर्चित ‘भ्रांति निवारण’ सोलह पृष्ठीय लेख ‘सार्वदेशिक ‘ मासिक के जुलाई-अगस्त 1951अंक में उनके देहावसान के पांच वर्ष तीन माह पूर्व प्रकाशित हुआ । डा. अंबेडकर जी इस मासिक से भलीभांति परिचित थे और […]

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आतंकवाद

इस्लामिक चक्रव्यूह में भारत …. सामने खड़ी है एक और चुनौती

  विनोद कुमार सर्वोदय क्या मुस्लिम समाज वास्तव में भयभीत है या फिर सवा करोड़ के मुस्लिम युवाओं के क्लब के गठन द्वारा आक्रांताओं की जड़ों को गहरा करके अपने पूर्वाग्रहों के कारण इस्लामिक चक्रव्यूह में घेरने के लिये भारत को एक और चुनौती दे रहा है ? समाचारों से ज्ञात हुआ है कि इस्लामिक […]

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इतिहास के पन्नों से

सत्याग्रह को एक कारगर हथियार के रूप में सबसे पहले विजय सिंह पथिक जी ने ही प्रयोग किया था

  विजयसिंह पथिक भारतीय स्वाधीनता संग्राम के दौरान सत्याग्रह का सबसे पहले प्रयोग करने वाले सफल राजनेता थे। उन्हीं के विचारों से प्रेरित होकर आगे चलकर गांधी जी ने इसी सत्याग्रह को अपना राजनीतिक हथियार बनाकर काम किया। होली के दूसरे दिन दुल्हेंडी 27 फरवरी, 1884 को उनका जन्म उत्तर प्रदेश के गुलावठी शहर के […]

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इतिहास के पन्नों से

27 जुलाई जन्म दिवस पर विशेष :आत्मीयता के प्रतिरूप – कृष्ण चंद्र भार्गव

  श्री कृष्णचंद्र भार्गव (भैया जी) का जन्म 27 जुलाई, 1926 को अजमेर (राजस्थान) में श्री कन्हैयालाल भार्गव के घर में हुआ था। वे हॉकी, फुटबॉल तथा क्रिकेट के अच्छे खिलाड़ी थे; पर जब उनके कई साथी शाखा जाने लगे, तो 1941 में वे भी संघ की ओर आकर्षित हो गये। वे एक सम्पन्न, शिक्षित […]

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इतिहास के पन्नों से समाज स्वर्णिम इतिहास

“उजड़ देखकर गुर्जर राजी” – का क्या है अर्थ ?

  भारतीय इतिहास के विकृतिकरण के प्रति संकल्पित भारत-द्वेषी लोगों ने कई ढंग या उपाय अपनाएं हैं ।उनमें से एक उपाय यह भी है कि भारत प्रेमी इतिहासनायक या नायकों को बदनाम करो और फिर जनता में उनके प्रति तिरस्कार भाव उत्पन्न हो जाए तो धीरे-धीरे उन्हें इतिहास के पन्नों से विलुप्त कर दो। ऐसा […]

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आज का चिंतन

महान शिक्षाविद ईश्वर चंद्र विद्यासागर के जीवन का एक प्रेरक प्रसंग

  !! स्वावलंबन !! पूण्य तिथि विशेष : महान शिक्षाविद, विद्वान, और समाज सुधारक ईश्वरचन्द्र विद्यासागर (26.09.1820 – 29.07.1891) विद्यासागर का जन्म 26 सितंबर, 1820 को मेदिनीपुर में एक निर्धन ब्राह्मण परिवार में हुआ था। वह स्वतंत्रता सेनानी भी थे। ईश्वरचंद्र को गरीबों और दलितों का संरक्षक माना जाता था। उन्होंने नारी शिक्षा और विधवा […]

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महत्वपूर्ण लेख

भारत को सबसे तेज गति से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बना देना कोई संयोग मात्र नहीं है

  प्रह्लाद सबनानी कोरोना महामारी की दूसरी लहर का असर हालांकि देश की अर्थव्यवस्था पर पड़ा तो है परंतु यह बहुत कम ही रहेगा। भारत के मुख्य आर्थिक सलाहकार के अनुसार वित्तीय वर्ष 2021-22 में आर्थिक समीक्षा के अनुरूप भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 11 प्रतिशत ही रहने की सम्भावना है। इस प्रकार यह वृद्धि दर विश्व की […]

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आतंकवाद

जब दुनिया का बढ़ा दबाव तो हिंदू महिला से जबरन निकाह करने वाले शख़्स को उसे उसके परिवार को सौंपने के दिए पाक अदालत ने आदेश

पाकिस्तान में अल्पसंख्यक हिंदुओं के साथ किस प्रकार के अत्याचार हो रहे हैं ? रोजाना यह समाचार सुर्खियों में आता रहता है. शांति के धर्म वाले लोग कभी भारत में अपने आपको सुरक्षित मानते हैं तो कभी दुनिया में इस्लाम को खतरे में दिखाते हैं, जबकि सच यह है कि शांति का मजहब ही दूसरे […]

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Uncategorised महत्वपूर्ण लेख

विपक्षी एकता के अपने मिशन में कितना सफल हो पाएंगी ममता बनर्जी ?

      ललित गर्ग – तृणमूल कांग्रेस की सुप्रिमो ममता बनर्जी इनदिनों दिल्ली में हैं और वे अभी से साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के सन्दर्भ में विभिन्न राजनीतिक दलों को संगठित करने एवं महागठबंधन की संभावनाओं को तलाशने में जुटी हंै। माना जा रहा है कि वो ऐसे दलों को एक […]

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