अजय कुमार सिक्के का दूसरा पहलू भी है, जिसमें पिछड़ा समाज की राजनीति करने वाले नेतागण बेनकाब होते दिखाई देते हैं, जो दल पिछड़ों की राजनीति करते हैं, उनके सहारे सत्ता हासिल करते हैं, वही सत्ता में आने पर पिछड़ों के हितों को भूल जाते हैं। उत्तर प्रदेश में विधान सभा चुनाव की आहट सुनाई […]
Month: July 2021
ललित गर्ग गांधी के तीन बंदरों की तरह-वक्त देखता नहीं, अनुमान लगाता है। वक्त बोलता नहीं, संदेश देता है। वक्त सुनता नहीं, महसूस करता है। आदमी तब सच बोलता है, जब किसी ओर से उसे छुपा नहीं सकता, पर वक्त सदैव ही सच को उद्घाटित कर देता है। हम वही देखते हैं, जो सामने घटित […]
रंजन कुमार सिंह कुशलकर्मी की आवश्यकता कहां नहीं है? चाहे वह घरेलू कामकाज के लिए हो या फिर दफ्तर के काम के लिए, कल-कारखानों के लिए हो या खेत-खलिहान के लिए। कारखानों को जिस तरह कच्चा माल और बिजली-पानी जैसी आधारभूत संरचना की जरूरत होती है, उसी तरह उसे कुशलकर्मी भी चाहिए होते हैं। हर […]
लंदन में हमारे कुछ सिख भाई पाकिस्तानी मुसलमानों के बहकावें में आकर अपने ही भारतवासी लोगों के साथ मार-पीट करने और नारा-ए-तकबीर अल्लाह-हो-अकबर के नारे लगाते मिले। पूर्व में भी यह खालिस्तानी आपको हिन्दू धर्म से अलग दिखाने की होड़ में “हम हिन्दू नहीं हैं” , “सिख गौ को माता नहीं समझते”, “सिख मुसलमानों […]
एक थे राघव राम कौल कश्मीरी ब्राह्मण जिनको गौ मांस खिला कर मुसलमान बनाया गया था ! इनके पुत्र का नाम शेख इब्राहीम था। शेख इब्राहीम के पुत्र का नाम शेख अब्दुल्ला ! शेख अब्दूल्ला के पुत्र का नाम फारुक अब्दूल्ला …. फारुक अब्दूल्ला के पुत्र है उमर अब्दूल्ला। ये है राघव राम कौल का […]
विवेकानंद की पुण्यतिथि पर संजय पंकज सचमुच का आनंद है,अपना विश्व विवेक! भारत का गौरव हुआ,वह तो एक अनेक!! सदा उतरता ध्यान में, उसके रहा महान! रोम रोम में वह बसा,परिचित सकल जहान!! उसकी प्रज्ञा- साधना,उसका रूप- अनूप! वह आलोकित सूर्य था, वही सुवासित धूप!! × × × × महान राष्ट्रवादी योद्धा संन्यासी विवेकानंद धर्मभूमि […]
पहली ट्रेन पाकिस्तान से (15.8.1947)😢 अमृतसर का लाल इंटो वाला रेलवे स्टेशन अच्छा खासा शरणार्थियों कैम्प बना हुआ था । पंजाब के पाकिस्तानी हिस्से से भागकर आये हुए हज़ारों हिन्दुओ-सिखों को यहाँ से दूसरे ठिकानों पर भेजा जाता था ! वे धर्मशालाओं में टिकट की खिड़की के पास, प्लेट फार्मों पर भीड़ लगाये अपने […]
उनके एक प्रत्यक्षदर्शी शाहपुरा नरेश सर नाहरसिंह वर्मा द्वारा किया गया वर्णन स्वामी जी पुष्ट काया, दृढ़ जत्रु, और बड़े बलिष्ठ थे। उनके शरीर से इस समय के बलवानों की जो तुलना करता हूँ तो बड़ा भारी अन्तर पाता हूँ। उनके अंग-प्रत्यंग ऐसे सुदृढ़ व सुडौल थे कि वैसे आज तक देखने में नहीं आये। […]
पुस्तक समीक्षा : अतीत का झरोखा
जीवन का संघर्ष व्यक्ति को अनुभव और अनुभूतियों के बहुत सारे हीरे मोती देता चला जाता है । सफल और सार्थक जिंदगी जीने वाले लोगों के लिए अनुभव और अनुभूतियों के ये हीरे मोती उनके जीवन की बहुत बड़ी उपलब्धि होते हैं। जिन्हें वे सहेज कर रखते हैं। समय आने पर वे इन हीरे […]
पुस्तक समीक्षा : नया सवेरा
दर्जनों पुस्तकों के लेखक पुरुषोत्तम शाकद्वीपी ‘साहित्यरत्न’ द्वारा लिखित ‘नया सवेरा’ पुस्तक एक कहानी संग्रह है। इस पुस्तक में लेखक ने कुल 21 कहानियों का संकलन किया है। ‘नया सवेरा’ भी एक नई कहानी है, जो इस पूरी पुस्तक का सार तत्व बन गई है। पुस्तक के विषय में श्री अभिषेक ‘अमर’ जी का यह […]